Highlights
• एक शख्स ने अपने भाई की पेट की तकलीफ के लिए रसूलुल्लाह (ﷺ) से मदद मांगी, तो उन्होंने शहद पिलाने को कहा।
• बार-बार शहद पिलाने के बावजूद आराम न मिलने पर भी रसूलुल्लाह (ﷺ) ने अल्लाह के वादे पर भरोसा करने को कहा।
• आख़िरकार, शहद के लगातार इस्तेमाल से वह शख्स ठीक हो गया, साबित हुआ कि शहद में शिफा है।
शहेद से पेट के दर्द का इलाज
एक शख्स रसूलुल्लाह (ﷺ) के पास आया और अर्ज़ किया : “ऐ अल्लाह के रसूल! मेरे भाई के पेट में तकलीफ है।”
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : ‘शहेद पिलाओ।’ वह शख्स गया और शहेद पिलाया, वापस आकर फिर वही शिकायत की, तो आप (ﷺ) ने फ़िर शहद पिलाने का हुक्म फर्माया; वह शख्स तीसरी मर्तबा यही शिकायत लेकर आया, तो फिर रसूलुल्लाह (ﷺ) ने शहेद पिलाने को कहा, वह फिर आया और अर्ज किया के इतनी बार शहेद पिलाने के बावजूद आराम नहीं हुआ, बल्के तकलीफ बढ़ती जा रही है,
तो हजूर (ﷺ) ने फर्माया : (कुरआन में) अल्लाह ने सच कहा है (के शहेद में शिफा है) और तेरे भाई का पेट झूठा है, चुनान्चे वह शख्स फिर वापस गया और शहेद पिलाया, तो उस का भाई ठीक हो गया।
📕 बुखारी: ५६८४. अन अबी सईद (र.अ)
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