शक्ल व सूरत का मुख्तलिफ होना

शक्ल व सूरत का मुख्तलिफ होना

Highlights

हर इंसान की शक्ल, रंग और सूरत अल्लाह की कुदरत से अलग होती है।
विभिन्न देशों, नस्लों और खित्तों के लोगों की शक्लें आपस में भिन्न होती हैं।
मर्द और औरत की शक्ल और बनावट में भी फर्क होता है, जो अल्लाह की महान कुदरत को दर्शाता है।

शक्ल व सूरत का मुख्तलिफ होना

अल्लाह तआला ने अपनी कुदरत से हर एक इन्सान के चेहरे पर दो कान, दो आँखें, नाक, मुँह और होंट बनाए, उस के बावजूद सब की शक्ल व रंग एक दूसरे से मुख्तलिफ है, हर मुल्क, खित्ते या नस्ल के लोगों की शक्ल व सूरत दूसरी जगह के रहने वालों से बिल्कुल जुदा है। यहाँ तक के एक ही माँ बाप से पैदा होने वाली औलाद के दर्मियान शक्ल व सुरत और रंग में भी फर्क होता है।

फिर मर्द व औरत की शक्ल व जिस्म की बनावट भी अलग होती है, गर्ज इन्सानों के दर्मियान शक्ल व सूरत और रंग व नस्ल का अलग अलग होना अल्लाह की कुदरत की अजीम निशानी है।

📕 अल्लाह की कुदरत


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