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Highlights
• हड्डियों का ढांचा: इंसान का शरीर हड्डियों के मजबूत ढांचे पर खड़ा है, जो भारी वजन सहन करने की क्षमता रखते हैं।
• कूल्हे की हड्डी: कूल्हे की हड्डी 3000 किलो तक वजन उठाने की क्षमता रखती है, जो स्टील से भी ज्यादा मजबूत और लचीली होती है।
• हड्डियों की लचक: हड्डियाँ स्टील से हल्की, लचीली और अधिक ताकतवर होती हैं, जो इंसान के लिए आरामदायक और सहनशील होती हैं।
• स्टील से ज्यादा ताकत: हड्डियाँ स्टील से अधिक ताकतवर और लचीली होने के कारण इंसान को सक्षम बनाती हैं।
• अल्लाह की कुदरत: यह अद्भुत ताकत और लचीलापन अल्लाह की महान कुदरत और कारीगरी का परिणाम है।
इंसान की हड्डियों में अल्लाह की कुदरत
अल्लाह तआला ने इंसानी जिस्म को हड्डी के ढांचे पर खड़ा किया है।
यह हड्डियाँ इंसानी जिस्म से कई गुना ज़ियादा वजन उठाने की सलाहियत रखती हैं। जब इन्सान क़दम उठाता है, तो उस की हड्डी पर जिस्म से कई गुना ज़ियादा वजन पड़ता है और कूल्हे की हड्डी तीन हजार किलो वजन उठाने की सलाहियत रखती है वह स्टील से जियादा मजबूत और उस से दस गुना ज़ियादा लचकदार और हल्की होती है। अगर यह हड्डियाँ भी स्टील की तरह वज़नी होती, तो उन का वजन हमारे लिये नाकाबिले बर्दाश्त हो जाता।
बेशक उन हल्की फुल्की हड्डियों में स्टील से जियादा कुव्वत व ताक़त पैदा फ़र्माना अल्लाह की जबरदस्त कुदरत है।
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