रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“ऐ अली! तीन काम वह है जिनमें ताखीर न करो।
(१) नमाज़, जब उस का वक्त आ जाए।
(२) जनाज़ा, जब तैयार हो जाए।
(३) बेशोहर वाली औरत का निकाह, जब उसके लिए कोई मुनासिब जोडा (रिश्ता) मिल जाए।“
📕 तिर्मिजी: १७१. अली बिन अबी तालिब (र.अ)
Discover more from उम्मते नबी ﷺ हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.