“(क़यामत के दिन) परहेज़गार लोग (जन्नत) के सायों में और चशमों में और पसन्दीदा मेवों में होंगे(उन से कहा जाएगा) अपने (नेक) आमाल के बदले में खूब मजे से खाओ पियो,हम नेक लोगों को ऐसा ही बदला दिया करते हैं।(और) उस दिन झुटलाने वालों के लिये बड़ी ख़राबी होगी।”
नींद अल्लाह की अज़ीम नेअमत Highlights • नींद की नेअमत: अल्लाह ने इंसान को नींद की अज़ीम नेअमत से नवाजा, जिसमें वह अपनी आसपास की दुनिया से बेखबर हो जाता है।• शुऊर का खो जाना: नींद के दौरान इंसान की चेतना और समझ पूरी तरह समाप्त हो जाती है।• जैसे मौत की स्थिति: नींद एक प्रकार की मौत की तरह होती है, लेकिन फिर जीती जागती जिंदगी वापस मिलती है।• अल्लाह का करिश्मा: नींद के बाद जीवन का फिर से शुरू होना केवल अल्लाह की कुदरत से संभव है।• अल्लाह की कुदरत: नींद देना और फिर से जीवन देना अल्लाह की अद्भुत कारीगरी का हिस्सा…
दाँतों की बनावट में अल्लाह की क़ुदरत दाँतों की बनावट पर गौर कीजिये के अल्लाह तआला ने ३२ टुकड़ों को कैसी हसीन व खूबसूरत लड़ी में पिरोया है और उस की जड़ों को नर्म हड्डी में किस खूबी के साथ पेवस्त किया है, यह दाँत एक तरफ जहाँ चेहरे की हुस्न व जीनत हैं। वहीं उन से हम चबाने, काटने, पीसने और तोड़ने का अहम काम भी कर लेते हैं और अल्लाह की अजीब कुदरत के उन को बत्तीस टुकड़ों में बनाया, एक ही सालिम हड्डी में उन को नहीं ढाला, वरना मुंह में बड़ी तकलीफ होती, इसी तरह अगर एक दाँत में कोई खराबी होती है,…
अक्लमंद लोग क़ुरआन से नसीहत हासिल करे अक्लमंद लोग क़ुरआन से नसीहत हासिल करे कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: "यह ( कुरआन ) एक बाबरकत किताब है, जिस को हम ने आप पर इस लिये नाजिल किया है के लोग उस की आयतों में गौर व फिक्र करें और अक्लमंद लोग उस से नसीहत हासिल करे। 📕 सूरह साद : २९
दुनियावी ज़िन्दगी धोका है दुनियावी जिन्दगी एक धोका है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : "दुनियावी ज़िन्दगी तो कुछ भी नहीं सिर्फ धोके का सौदा है।” 📕 सूरह आले इमरान : १८५ “ऐ लोगो! बेशक अल्लाह तआला का वादा सच्चा है, फिर कहीं तुम को दुनियावी जिन्दगी धोके में न डाल दे और तुम को धोके बाज़ शैतान किसी धोके में न डाल दे, यकीनन शैतान तुम्हारा दुश्मन है। तुम भी उसे अपना दुश्मन ही समझो। वह तो अपने गिरोह (के लोगों) को इस लिये बुलाता है के वह भी दोज़ख वालों में शामिल हो जाएँ।” 📕 सूरह फातिर ५ ता ६ "ऐ इन्सान ! तुझे अपने रब की…
मुत्तक़ी और परहेज़गारों का इनाम क़ुरआन में अल्लाह तआला ने इर्शाद फ़रमाया है: "जो लोग परहेज़गारी और तक़वा के पाबंद थे, अल्लाह तआला उन को कामयाबी के साथ जहन्नम से बचा लेगा, न उन को किसी तरह की तकलीफ़ पहुँचेगी और न वह कभी ग़मगीन होंगे।" 📕 सूरह जुमर: ६१
सब मिलकर अल्लाह की रस्सी को मज़बूती से पकड़ लो [कुरआन ३:१०३] सब मिलकर अल्लाह की रस्सी को मज़बूती से पकड़ लो कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : “तुम सब मिल कर अल्लाह की रस्सी को मजबूत पकड़े रहो (यानी कुरआन करीम के बताए हए तरीके और रास्ते पर चलो) और आपस में नाइत्तेफाक्री मत करो (अगर तुम नाइत्तेफाक्री की वजह से आपस में बिखर गए तो दुश्मन के मुकाबले में तुम नाकाम हो जाआगे और तुम्हारी कुव्वत व ताकत खत्म हो जाएगी)।” 📕 सूरह आले इमरान: १०३
इन्सान की ख़सलत व मिजाज कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "इन्सान को जब उस का परवरदिगार आजमाता है और उस को इज्जत व नेअमत देता है, तो कहता है के मेरे रब ने मुझ को इज़्ज़त दी और जब रोजी तंग कर के उस को आजमाता है तो कहता है: मेरे रब ने मुझे ज़लील कर दिया।” 📕 सूरह फज़्र : १५ ता १६ खुलासा : इन्सान दुनिया की ज़ाहिरी आराम व आराइश को देख कर उसे इज्जत समझता है, इसी तरह दुनिया की जाहरी मुसीबत व परेशानी को देख कर जिल्लत व रुस्वाई समझता है। जब की असल कामियाबी आख़िरत के ऐतबार से…
कुरआन पढ़ना और उस पर अमल करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जिसने कुरआन पढ़ा और उसके हुक्मों पर अमल किया, तो उसके माँ बाप को कयामत के दिन ऐसा ताज पहनाया जाएगा, जिस की रोशनी आफताब की रोशनी सभा ज्यादा होगी, अगर वह आफताब तुम्हारे घरों में मौजूद हो।" 📕 अबू दाऊद : १४५३
सूरह इख्लास तिहाई कुरआन के बराबर है रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: “क्या तुम में से कोई यह नहीं कर सकता के एक रात में तिहाई कुरआन पढ़ ले ?” सहाब-ए-किराम ने अर्ज किया: भला कोई कैसे तिहाई कुरआन पढ़ लेगा? आपने फर्माया: – सूरह इखलास तिहाई कुरआन के बराबर है।” 📕 मुस्लिम: १८८६, अन अबी दरदा (र.अ)
कयामत के दिन का अंदाज़ कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "जिस दिन तमाम जानदार और फ़रिश्ते सफ़ बांधकर खड़े होंगे उस रोज कोई कलाम न कर सकेगा, अल्बत्ता जिस को खुदाए रहमान (यानी अल्लाह तआला) बात करने की इजाजत देदे और वह बात भी ठीक ही कहेगा, उस दिन का आना यकीनी है, जो शख्स चाहे अपने रब के पास ठिकाना बना ले।" 📕 सूरह नबाः ३८ ता ३९ इन आयतों में रोज़े क़यामत अल्लाह की अदालत में ह़ाज़िरी का अंदाज दिखाया गया है। और जो इस ख्याल में पड़े हैं कि उन के झूठे माबूद उनकी सिफारिश करेंगे उन को आगाह किया गया…
कुरआन अपने पढ़ने वालो की शफाअत करेगा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "कुरआन पढ़ा करो, क्योंकि कुरआन कयामत के रोज अपने पढ़ने वालों की शफाअत करेगा।" 📕 मुस्लिम: १८७४,अन अबी उमामा (र.अ)
अपने घर वालों को नमाज़ का हुक्म देना अपने घर वालों को नमाज़ का हुक्म देना कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: "आप अपने घर वालों को नमाज़ का हुक्म करते रहो और खुद भी नमाज़ के पाबन्द रहिये, हम आपसे रोजी तलब नहीं करते, रोजी तो आप को हम देंगे आर अच्छा अंजाम तो परहेजगारों का है।" 📕 सूरह ताहा: १३२
फिरौन का इबरतनाक अंजाम कुरआन के बयान के मुताबिक खुदाई का दावा करने वाले फिरऔन की नाफरमानी जब हद से बढ़ गई, तो अल्लाह तआला ने समन्दर में डुबा कर हलाक कर दिया और साथ ही यह ऐलान किया के उस की लाश को आने वाले लोगों के लिए इबरत बनाऊँगा। चुनान्चे मुहकिकीन की राए के मुताबिक फिरऔन की लाश सन १८८१ में समन्दर से मिली, जो तकरीबन तीन हजार एक सौ सोला साल बाद समंदर से निकाली गई और इतनी लम्बी मुद्दत गुजरने के बाद भी लाश को गलने सड़ने से महफूज रखा, जो आज भी मिस्र के म्यूजियम में मौजूद है, आखिर…
गुनहगारों को नेअमत देने का मक्सद रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जब तू यह देखे के अल्लाह तआला किसी गुनहगार को उस के गुनाहों के बावजूद दुनिया की चीजें दे रहा है तो यह अल्लाह तआला की तरफ से ढील है।” 📕 मुस्नदे अहमद : १६८६०
MD. Salim Shaikh
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