काइनात की सब से हसीन तरीन मख्लूख “इन्सान” जिस के लिये अल्लाह तआला ने इस कारखान ए आलम को वुजूद बख्शा है, उसकी तखलीख अल्लाह तआला जहाँ कर रहा हैं, वह जगह न बहुत बड़ी है और न वहाँ रोशनी का इन्तज़ाम है, न वहाँ कोई काम करने वाले हैं, बल्के अल्लाह तआला एक तंग जगह माँ के पेट में तीन अंधेरों में उसकी तख़लीक़ कर रहा हैं, जब के दुनिया में मेनू फैक्चरिंग जहाँ होती है, वह जगह कई एकड़ों में फैली हुई होती है, रोशनी और कुमकुमे लगे होते हैं और बेशुमार काम करने वाले होते हैं, यहाँ कुछ भी नहीं, फिर भी अल्लाह तआला इन्सान की पैदाइश कर रहा है, यह अल्लाह की बड़ी ज़बरदस्त कुदरत है।
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- काइनात की सबसे बड़ी मशीनरी इन्सान इस कायनात की सबसे बड़ी मशीनरी है, अल्लाह तआला ने इस को किस अजीब साँचे में ढाला है, एक नुत्फे से तदरीजी तौर पर जमा हुआ खून बनाया, जमे हुए खून से गोश्त का लोथड़ा बनाया फिर हड्डियाँ बनाई फिर एक ढाँचा तय्यार किया फिर उस में सारे आजा…
- हज़रत इस्हाक़ (अ.) की पैदाइश हजरत इस्हाक़ (अ.) की विलादत बा सआदत अल्लाह तआला की एक बड़ी निशानी है, क्योंकि उन की पैदाइश ऐसे वक्त में हुई जब के उन के वालिद हजरत इब्राहीम (अ.) की उम्र 100 साल और उनकी वालिदा हजरत सारा की उमर 90 साल हो चुकी थी, हालाँके आम तौर पर इस उम्र में औलाद…
- इन्सान की ख़सलत व मिजाज कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "इन्सान को जब उस का परवरदिगार आजमाता है और उस को इज्जत व नेअमत देता है, तो कहता है के मेरे रब ने मुझ को इज़्ज़त दी और जब रोजी तंग कर के उस को आजमाता है तो कहता है: मेरे रब ने मुझे…
- इन्सान का सर कुदरत का शाहकार इन्सान के सर को देखिये अल्लाह तआला ने कैसा मुदव्वर, गोल और खूबसूरत बनाया है और उसमें पूरे जिस्म के कीमती खजाने छुपा रखे हैं, इन्सान का सर पचपन हड्डियों से जुड़ा हुआ है, तमाम हड्डियों एक दूसरे से जुदा हैं, सब की शक्लें अलग अलग हैं, छ.हड्डियाँ खोपड़ी के…
- इंसान को उस के माँ बाप के बारे में ताकीद कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है: "हमने इन्सान को उस के माँ बाप के बारे में ताकीद की हे के बाप के साथ अच्छा बर्ताव करे, ( क्योंकि ) उस की माँ ने तकलीफ पर तकलीफ उठा कर उस को पेट मैं रखा और दो साल में उस का दूध…
- नाक के बाल (अल्लाह की कुदरत) अल्लाह तआला ने हर छोटी बड़ी चीज को हिकमत व मसलेहत के साथ पैदा फ़र्माया है, इन्सान ऑक्सीजन के बगैर जिन्दा नहीं रह सकता, इस लिये अल्लाह तआला ने साँस के जरिये ताजी हवा को खींचने और गंदी हवा को बाहर निकालने का निज़ाम बना दिया, मगर अल्लाह की कुदरत…
- नींद का आना जब इन्सान दिन भर काम कर के थक जाता है, तो अल्लाह तआला उस की थकान दूर करने के लिये उस पर नींद तारी कर देता है, यह नींद उस के फिक्र व ग्रम को दूर कर के ऐसा सुकून व राहत का जरिया बनती है के दुनिया की कोई…
- ज़ियादा अमल की तमन्ना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "अगर कोई बन्दा पैदाइश के दिन से मौत आने तक अल्लाह की इताअत में चेहरे के बल गिरा पड़ा रहे तो वह भी क़यामत के दिन अपने सारे अमल को हक़ीर समझेगा और यह तमन्ना करेगा के उस को दुनिया की तरफ वापस कर दिया…
- खजूर से इलाज रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़ारमाया : "जचगी की हालत में तुम अपनी औरतों को तर खजूर खिलाओ और अगर वह न मिलें तो सूखी खजूर खिलाओ।" खुलासा : बच्चे की पैदाइश के बाद खजूर खाने से औरत के जिस्म का फासिद खून निकल जाता है। और बदन की कमजोरी खत्म हो…
- बुरी मौत से हिफाज़त का जरिया रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “सदका अल्लाह तआला के गुस्से को ठंडा करता है और इन्सान को बुरी मौत से महफूज रखता है।”
- माल की मुहब्बत खुदा की नाशुक्री का सबब है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “इन्सान अपने रब का बड़ा ही नाशुक्रा है, हालाँ के उसको भी इस की खबर है (और वह ऐसा मामला इस लिये करता है) के उस को माल की मुहब्बत ज़ियादा है।"
- हौजे कौसर की कैफियत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “हौज़े कौसर के बर्तन सितारों के बराबर होंगे, उस से जो भी इन्सान एक घूंट पी लेगा तो हमेशा के लिए उसकी प्यास बुझ जाएगी।”
- कुंवां खुदवाने का सवाब रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जिस ने पानी का कुंवा खुदवाया और उस से किसी प्यासे परिन्दे, जिन या इन्सान ने पानी पिया, तो कयामत के दिन अल्लाह तआला उसको अज्र अता फ़ारमाएगा।"
- कुरआन का मजाक उड़ाने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "जब इन्सान के सामने हमारी आयतें पढ़ी जाती हैं, तो कहता है के यह पहले लोगों के किस्से कहानियां हैं। हरगिज़ नहीं! बल्के उन के बुरे कामों के सबब उन के दिलों पर जंग लग गया है।"
- क़यामत के दिन खुश नसीब इन्सान रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: "कयामत के दिन लोगों में से वह खुश नसीब मेरी शफाअत का मुस्तहिक होगा, जिसने सच्चे दिल से "कलिम-ए-तय्यिबा" “ला इलाहा इलल्लाहु” पढ़ा होगा।"
- परिन्दों की परवरिश चमगादड़ के अलावा तमाम परिन्दे अंडे देते हैं, वह उन पर बैठकर हरारत व गर्मी पहुंचाते हैं, फिर कुछ दिनों के बाद उन अंडों से बच्चे निकल आते हैं, उन चूजों की गिजा के लिये अल्लाह तआला ने बेशुमार कीड़े मकोड़े पैदा कर दिये जिनको पकड़ कर परिन्दे अपने बच्चों…
- क़यामत के दिन इन्सान के आज़ा की गवाही कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है: "जिस दिन अल्लाह के दुश्मन (यानी कुफ्फार) दोज़ख की तरफ जमा (करने के मौकफ में) लाएंगे, फिर वह रोके जाएँगे (ताके बाकी आजाएँ) यहाँ तक के जब वह उसके करीब आजाएँगे तो उनके कान, उनकी आँखें और उनकी खाल, उनके खिलाफ उन के किये…
- दुनिया की जाहिरी हालत धोका है कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "यह लोग सिर्फ दुनियावी ज़िंदगी की ज़ाहिरी हालत को जानते हैं और यह आख़िरत से बिल्कुल ग़ाफिल हैं।" (यानी इन्सान सिर्फ दुनिया की चीजों को जानते और उसी को हासिल करने की फिक्र में लगे रहते हैं, उन्हें पता ही नहीं है के…
- ज़बान दिल की तर्जमान है अल्लाह तआला ने हम को ज़बान जैसी नेअमत अता फरमायी। उस के जरिये जहाँ मुख्तलिफ चीजों का जायका मालूम होता है वहीं यह दिल की तर्जमानी का फरीज़ा भी अन्जाम देती है। जब दिल में कोई बात आती है, तो दिमाग उस पर गौर व फिक्र कर के अलफाज व…
- शक्ल व सूरत का मुख्तलिफ होना अल्लाह तआला ने अपनी कुदरत से हर एक इन्सान के चेहरे पर दो कान, दो आँखें, नाक, मुँह और होंट बनाए, उस के बावजूद सब की शक्ल व रंग एक दूसरे से मुख्तलिफ है, हर मुल्क, खित्ते या नस्ल के लोगों की शक्ल व सूरत दूसरी जगह के रहने वालों…