मुस्लिम बेहनों के लिए कुरआन सुन्नत से 50 नसीहतें… मुस्लिम बेहनों के लिए कुरआन सुन्नत से 50 नसीहतें बिस्मिल्लाहिरहमानिर्रहीम! अल्हम्दुलिल्लाह वस्सलातु वसल्लामु अला रसूलिल्लाहि (ﷺ) ऐ मुस्लिम बहन! मुस्लिम का मतलब होता है, अल्लाह का फर्माबरदार (आज्ञाकारी) होना. इस्लाम में यह ज़िम्मेदारी मर्द व औरत दोनों पर एक समान रूप से…
दज्जाल की हकीकत | दज्जाल कौन है, कहाँ है… Dajjal ki Hakikat in Hindi दज्जाल की हकीकत | दज्जाल कौन है, दज्जाल कहाँ है, और वह कब निकलेगा? ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान बहुत रहमवाला है। सब तारीफें अल्लाह तआला के लिए हैं जो…
भूत, प्रेत, बदरूह की हकीकत भूत, प्रेत, बदरूह: ये नाम अकसर इन्सानी ज़हन मे आते ही एक डरावनी और खबायिसी शख्सियत ज़ेहन मे आती हैं क्योकि मौजूदा मिडिया ने इन्सान को इस कदर गुमराह कर रखा हैं के जो नही हैं उसको इतनी खूबसूरती के…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 15 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 15 पेज: 125 मेराज का सफर मुसलमान सन ०७ नबवी में शोबे अबी तालिब में कैद कर दिए गए थे। सन् १० नबवी में बाईकाट खत्म हुआ। पूरे तीन साल दर्रे में पड़े…
जानिए - रोज़ा क्या और क्यों ? इंसान के बुनियादी सवाल !!! इस सम्पूर्ण विश्व और इंसान का अल्लाह (ईश्वर) एक है। ईश्वर ने इंसान को बनाया और उसकी सभी आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रबंध किया। इंसान को इस ग्रह पर जीवित रहने के लिए लाइफ…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 38 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 38 पेज: 324 दगाबाज़ कासिद यह बात तो सब पर अयां थी कि मक्का वाले मुसलमानों के जबरदस्त दुश्मन हैं। बद्र और उहद की लड़ाइयों में उन के सरदार मारे जा चुके थे,…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 24 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 24 पेज: 195 तलाश कुंफ्फारे मक्का ने हुजूर (ﷺ) के मकान का घेराव रात के शरू ही में कर लिया था। वे तमाम रात तलवार लिए खड़े निगरानी करते रहे। उन का इरादा…
शेख अब्दुल कादिर जीलानी रह. (मुख़्तसर सिरत… शेख अब्दुल कादिर जीलानी रह. की मुख़्तसर सिरत, आपकी विलायत व बुजुर्गी और आपके अकीदतमंद मुरीदों के अक़ीदे का मुअजना आप ही के इरशादात की रौशनी में।