Aaina dekhne ki Dua in Hindi Aaina dekhne ki Dua in Hindi | "अल्लाहुम्म अहसं त खल्फ़ी फ़ अहसिन खुलुक़ी " ए अल्लाह! तूने मेरी शक्लो सूरत बेहतर बनायी है तो मेरी सीरत (अखलाख) भी बेहतर बना दे।
गुस्सा ना किया करो : हदीस गुस्सा ना किया करो : हदीस अबू हुरैरा (रज़ि) से वर्णित है के : एक आदमी ने पैगंबर (ﷺ) से कहा, "मुझे सलाह दीजिये!" पैगंबर (ﷺ) ने कहा, "गुस्सा करने से बचो और उग्र मत बनो।" आदमी ने (वही) बार-बार पूछा, और पैगंबर (ﷺ) ने प्रत्येक मामले में कहा, "क्रोध से बचो और उग्र मत बनो।" 📕 सहिह अल-बुखारी ६११६📕 इन-बुक संदर्भ: पुस्तक 78, हदीस 143
अशरा ज़ुल हज की फ़ज़ीलत ~ क़ुरानो सुन्नत की रौशनी में अशरा ज़ुल हज की फ़ज़ीलत क़ुरानो सुन्नत की रौशनी में ۞ बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम ۞ तमाम तारीफे है अल्लाह सुब्हानहु तआला के लिए जो तमाम जहानों को बनाने वाला और उसे पालने वाला है और दुरूदो सलाम हो उसके आखरी नबी मुह्म्मदुर्रसूलुल्लाह सलल्लाहु अलैहि वसल्लम पर। 1. अशरा ज़ुलहिज्जा क्या है (तारुफ़ और इसकी अहमियत) ? ज़ुलहिज्जा हिजरी (इस्लामी) कैलेंडर का सबसे आखरी यानि १२ वा महीना है। और इस महीने के पहले १० दिनों को अशरा ज़ुलहिज्जा कहा जाता है। इस महीने को यह फ़ज़ीलत हासिल है कि इस्लाम के ५ सुतूनों (शहादत, नमाज़, रोज़ा, जकात और हज) में से एक…
तरावीह की नमाज़ के वैज्ञानिक फायदे (Scientific Benefits of Salah) नमाज में हैं तन्दुरुस्ती के राज: मोमिन अल्लाह के हर फरमान को अपनी ड्यूटी समझ उसकी पालना करता है। उसका तो यही भरोसा होता है कि अल्लाह के हर फरमान में ही उसके लिए दुनिया और आखिरत की भलाई छिपी है,चाहे यह भलाई उसके समझ में आए या नहीं। यही सोच एक मोमिन लगा रहता है अल्लाह की हिदायत के मुताबिक जिंदगी गुजारने में। समय-समय पर हुए विभिन्न शोधों और अध्ययनों ने इस्लामिक जिंदगी में छिपे फायदों को उजागर किया है। नमाज को ही लीजिए। साइंसदानों ने साबित कर दिया है कि नमाज में सेहत संबंधी कई फायदे छिपे हुए…
औलिया अल्लाह | Allah ke wali (Aulia Allah) ki Pehchan aur Sifat औलिया अल्लाह Aulia Allah (Allah ke Wali) ki Pehchan aur Sifat बिस्मिल्लाहि र्रहमानि र्रहीम शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और बहुत रहम वाला है। सब तअरीफें अल्लाह तआला के लिए हैं। हम उसी का शुक्र अदा करते हैं और उसी से मदद और माफी चाहते हैं। अल्लाह की ला तादाद सलामती, रहमतें और बरकतें नाजिल हो मुहम्मद सल्ल. पर, आप की आल व औलाद और असहाब रजि पर। व बअद! वली का मतलब वलायत अदावत की जिद है। वलायत मुहब्बत और कुर्ब को कहा जाता है और अदावत गुस्से और दूरी को। यानि वलायत के मआनी दोस्ती के…
हदीस क्या है ? हदिस का परिचय और हदीस पर अमल की जरुरत हदीस क्या है - हदिस का परिचय ? पवित्र क़ुरआन के बाद मुसलमानों के पास इस्लाम का दूसरा शास्त्र अल्लाह के रसूल मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की कथनी और करनी है जिसे हम हदीस और सीरत के नाम से जानते हैं। हदिस की परिभाषाः हदीस का शाब्दिक अर्थ है: बात, वाणी और ख़बर। इस्लामी परिभाषा में ‘हदीस’ मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की कथनी, करनी तथा उस कार्य को कहते हैं जो आप से समक्ष किया गया परन्तु आपने उसका इनकार न किया। अर्थात् 40 वर्ष की उम्र में अल्लाह की ओर से सन्देष्टा (नबी, रसूल) नियुक्त किए जाने…
मुस्लिम औरत | दुनिया की सबसे बेहतरीन पूंजी इस पोस्ट में हम मुस्लिम औरत की पहचान और खूबियाँ, उसकी जिम्मेदारियां, और उसको मिलने वाले हुकूक, उसकी नादानियों और शर्र की वजह से होने वाले हश्र पर गौर करेंगे। मुस्लिम ख़्वातीन से मुताअ़ल्लिक़ मोअ्तबर अह़ादीस़ का एक मुख़्तसर मजूमुआ औरत / माँ की रह़मत उमर बिन ख़त्ताब रजिअल्लाहु अ़न्हु फ़रमाते हैं कि वो अल्लाह के नबी ﷺ के पास कुछ क़ैदी ले कर आए। उन कैदियों में एक औ़रत भी थी जो (अपने) बच्चे को तलाश कर रही थी। जब उसे कोई बच्चा मिलता उसे अपने सीने से लगा लेती और दूध पिलाती। ये मंज़र देख कर अल्लाह के…
कुरआन में मानवता के लिए 99 सीधे आदेश ! जानिए जानिए ~ कुरआन में मानवता के लिए 99 सीधे आदेश। ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ 1. बदज़ुबानी से बचो। (सूरह 3:159) 2. गुस्से को पी जाओ। (सूरह 3:134) 3. दूसरों के साथ भलाई करो। (सूरह 4:36) 4. घमंड से बचो। (सूरह 7:13) 5. दूसरों की गलतियां माफ करो। (सूरह 7:199) 6. लोगों से नरमी से बात करो। (सूरह 20:44) 7. अपनी आवाज़ नीची रखों। (सूरह 31:19) 8. दूसरों का मज़ाक न उड़ाओ। (सूरह 49:11) 9. वालदैन की इज़्ज़त और उनकी फरमाबरदारी करो। (सूरह 17:23) 10. वालदैन की बेअदबी से बचो और उनके सामने उफ़ तक न कहो। (सूरह 17:23) 11. इजाज़त के…
सताए हुए की आह से बचो सताए हुए की आह से बचो पैग़म्बर मुहम्मद (ﷺ) ने फ़रमाया: "सताए हुए की आह से बचो, क्यूंकि उसके और अल्लाह के मध्य कोई रुकावट नहीं होती।" 📕 बुख़ारी
शबे क़द्र और इस की रात का महत्वः (शबे क़द्र की फ़ज़ीलत हिंदी में) शबे क़द्र का अर्थ: रमज़ान महीने में एक रात ऐसी भी आती है, जो हज़ार महीने की रात से बेहतर है। जिसे शबे क़द्र कहा जाता है। शबे क़द्र का अर्थ होता हैः "सर्वश्रेष्ट रात", ऊंचे स्थान वाली रात”, लोगों के नसीब लिखी जानी वाली रात। शबे क़द्र बहुत ही महत्वपूर्ण रात है, जिस के एक रात की इबादत हज़ार महीनों (83 वर्ष 4 महीने) की इबादतों से बेहतर और अच्छा है। इसी लिए इस रात की फज़ीलत क़ुरआन मजीद और प्रिय रसूल मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की हदीसों से प्रमाणित है। ♪ Shabe Qadr ki Fazilat Audio me…
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