“जो शख़्स सफ़र की हालत में अल्लाह की याद और ज़िक्र में लगा रहता है तो फ़रिश्ता उसका हमसफ़र हो जाता है। और अगर मौसिकी (गाने या म्यूजिक) में मशगुल रहता है तो शैतान उसके सफर का साथी बन जाता है।”
क्या इस्लाम औरतों को पर्दे में रखकर उनका अपमान करता है और क्या बुरखा औरतो की आज़ादी के खिलाफ… क्या इस्लाम औरतों को पर्दे में रखकर उनका अपमान करता है और क्या बुरखा औरतो की आज़ादी के खिलाफ है ? | Parda in Islam » उत्तर: इस्लाम में औरतों की जो स्थिति है, उसपर सेक्यूलर मीडिया का ज़बरदस्त हमला होता है। वे पर्दे और इस्लामी लिबास को इस्लामी क़ानून में स्त्रियों की दासता के तर्क के रूप में पेश करते हैं। इससे पहले कि हम पर्दे के धार्मिक निर्देश के पीछे मौजूद कारणों पर विचार करें, इस्लाम से पूर्व समाज में स्त्रियों की स्थिति का अध्ययन करते हैं। 1. भूतकाल में स्त्रियों का अपमान किया जाता और उनका प्रयोग…
अल्लाह के रास्ते में जाने वाले को दुआ देना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने एक जमात को अल्लाह के रास्ते में रवाना करते हुए फ़रमाया : “अल्लाह के नाम पर सफर शुरू करो और यह दुआ दी: तर्जमा: ऐ अल्लाह! इनकी मदद फ़र्मा। 📕 तबरानी कबीर: ११३८९
27. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा इस्लामी तारीख : जुलकरनैन, कुदरत : खारे और मीठे पानी का अलग रहना, एक फर्ज : मांगी हुई चीज़ का लौटाना, जन्नत में जाने की दुआ, अपनी इज्जत के लिये दूसरों को खड़ा करने का गुनाह ...
इस्लाम और हमारा घर ~ क़ुरआन व सुन्नत की रौशनी में १. घर सुकून की जगह है अल्लाह तआ़ला ने फ़रमाया: "और अल्लाह ने तुम्हारे घरों को तुम्हारे लिए सुकून की जगह बनाया।" (सूरह अल नहल 80) २. नेक बीवी का इंतिखाब अल्लाह के रसूल ﷺ ने फ़रमाया:“औरत से चार चीज़ों की बुनियाद पर निकाह किया जाता है । उस के माल, हसब व नसब, खुबसूरती और उस के दीन की बुनियाद पर, तो तुम दीन वाली को चुनो तुम्हारे हाथ खाक आलूद हों । (मुत्तफकुन अलैह, अबू दाऊद, इब्ने माजा) रावी अबू हुरैराह(स़ही़ह़ अल जामे 3003) ३. घर वालों की तालीम और उनकी तरबियत, घर वालों को दीन सिखाना अल्लाह…
इस्लाम क्या सिखाता है ? जानिए : इस्लाम क्या सिखाता है ? इस्लाम की तालीम क्या है ?, इस्लाम का सन्देश, इस्लाम क्या सिखाता है ?, इस्लाम कैसा संसार चाहता है ?, इस्लाम की निति क्या है ? इसके बारे में जानने के लिए इस छोटे से पोस्ट पर जरुर गौर करे ,. ✦ इस्लाम यह कहता है कि हमें एक ईश्वर को पुजना चाहिए जो हम सबका मालिक हैं। जिसका कोई रंग हैं ना कोई रूप हैं। जिसे किसी ने नहीं बनाया पर उसने हर चीज़ को बनाया। ✦ इस्लाम कहता है कि तुम्हारी मेहनत की कमाई से 2.5% गरीबों को दान कर देना…
अल्लाह कौन है ~ अल्लाह का परिचय और विशेषताएं हमारे मन में यह प्रश्न बार बार उभरता है कि अल्लाह कौन है ? वह कैसा है ? उस के गुण क्या हैं ? वह कहाँ है? जानिए इन सवालो के जवाब इस पोस्ट के माध्यम से। अल्लाह कौन है? अल्लाह का परिचय अल्लाह का शब्द मन में आते ही एक महान महिमा की कल्पना मन में पैदा होती है जो हर वस्तु का स्वामी और रब हो। उसने हर वस्तु को एकेले उत्पन्न किया हो, पूरे संसार को चलाने वाला वही हो।धरती और आकाश की हर चीज़ उसके आज्ञा का पालन करती हो। अपनी सम्पूर्ण विशेषताओं और गूणों में पूर्ण हो। जिसे…
सफर जल (बही, Pear) से इलाज रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "सफर जल (यानी बही) खाया करो, क्योंकि यह दिल को राहत पहुँचाता है।" 📕 इब्ने माजा: ३३६९
झूठ बोलना कब और कहाँ जायज़ है | 3 ऐसी जगह जहां झूठ बोलना जायज है ... झूठ बोलना कैसा है ? झूठ बहुत बड़ा गुनाह है, झूठे इंसान पर अल्लाह तालाह की लानत होती है। अल्लाह ताला कुराने करीम में फरमाता है “बेशक झूठ बोलने वाले पर अल्लाह की लानत है।” ३:६१ लेकिन आज हम आप को यहाँ पर झूठ के बारे में ऐसी बात बताने जा रहे हैं, जो शायद आप न जानते हों। झूठ बोलने के लिए इस्लाम में सख्ती से मना किया गया है, लेकिन कहा जाता है कि तीन मौके पर झूठ बोलना जायज़ है। अगर इंसान इन तीन मौके पर झूठ बोलता है तो उसे गुनाह नहीं मिलता है। झूठ बोलना…
ताजिया क्या है और इसकी शुरूआत | Tajiya kya hota hai? मुहर्रम क्या है ? मुहर्रम कोई त्योहार नहीं है, यह सिर्फ इस्लामी हिजरी सन् का पहला महीना है। पूरी इस्लामी दुनिया में मुहर्रम की नौ और दस तारीख को मुसलमान रोजे रखते हैं और मस्जिदों-घरों में इबादत की जाती है। क्यूंकि ये तारीख इस्लामी इतिहास कि बहुत खास तारीख है….. रहा सवाल भारत में ताजियादारी का तो यह एक शुद्ध भारतीय परंपरा है, जिसका इस्लाम से कोई ताल्लुक़ नहीं है। .. तजिया की शुरुआत बरसों पहले तैमूर लंग बादशाह ने की थी, जिसका ताल्लुक शीआ संप्रदाय से था। तब से भारत के शीआ और कुछ क्षेत्रों में हिन्दू भी ताजियों (इमाम हुसैन…
धर्म क्या है, और इसकी उत्पति कैसे हुयी ? • सवाल 1. धर्म क्या है, और इसकी उत्पति कैसे हुयी ? • सवाल 2. आप धर्म को क्यों मानते हो और जीवन मै इसका क्या महतव है ? » जवाब: ● धर्म.........धर्म मौलिक मानवीय मूल्यों (अच्छे गुणों) से आगे की चीज़ है। अच्छे गुण (उदाहरणतः नेकी, अच्छाई, सच बोलना, झूठ से बचना, दूसरों की सहायता करना, ज़रूरतमन्दों के काम आना, दुखियों के दुःख बाँट लेना, निर्धनों निर्बलों से सहयोग करना आदि) हर व्यक्ति की प्रकृति का अभाज्य अंग है चाहे वह व्यक्ति किसी धर्म का अनुयायी हो, या अधर्मी और नास्तिक। धर्म इन गुणों की शिक्षा तो देता है;…
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