Eid al Adha 2024 : जानिए ~ क्यों मनायी जाती है कुर्बानी ईद जानिए ~ क्यों मनायी जाती है कुर्बानी ईद ईद उल अज़हा को सुन्नते इब्राहीम भी कहते है। इस्लाम के मुताबिक, अल्लाह ने अपने नबी(प्रेषित) हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की परीक्षा लेने के उद्देश्य से अपनी सबसे प्रिय चीज की कुर्बानी देने का हुक्म दिया। – हजरत इब्राहिम को लगा कि उन्हें सबसे प्रिय तो उनका बेटा है इसलिए उन्होंने अपने बेटे की ही बलि देना स्वीकार किया। – हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम को लगा कि कुर्बानी देते समय उनकी भावनाएं आड़े आ सकती हैं, इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी। जब अपना काम पूरा करने के बाद पट्टी हटाई तो…
शबे क़द्र और इस की रात का महत्वः (शबे क़द्र की फ़ज़ीलत हिंदी में) शबे क़द्र का अर्थ: रमज़ान महीने में एक रात ऐसी भी आती है, जो हज़ार महीने की रात से बेहतर है। जिसे शबे क़द्र कहा जाता है। शबे क़द्र का अर्थ होता हैः "सर्वश्रेष्ट रात", ऊंचे स्थान वाली रात”, लोगों के नसीब लिखी जानी वाली रात। शबे क़द्र बहुत ही महत्वपूर्ण रात है, जिस के एक रात की इबादत हज़ार महीनों (83 वर्ष 4 महीने) की इबादतों से बेहतर और अच्छा है। इसी लिए इस रात की फज़ीलत क़ुरआन मजीद और प्रिय रसूल मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की हदीसों से प्रमाणित है। ♪ Shabe Qadr ki Fazilat Audio me…
नॉन-मुस्लिम भाइयो द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले कुछ सुनहरे जुमले .... अक्सर देखा जाता है की कई गैर-मुस्लिम मुस्लिमो द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले आम शब्द जैसे माशाअल्लाह, सुभानल्लाह, इंशाल्लाह इत्यादि का मतलब नहीं पता होता. नीचे इनका मतलब और इन्हें कहाँ इस्तेमाल किया जाता है इसकी जानकारी दी गयी है. अगर कोई शब्द ऐसा है जो यहाँ न लिखा हो लेकिन आप उसका मतलब जानना चाहते हों तो वेबसाइट के फीडबैक या इस पोस्ट के कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। 1. बिस्मिल्लाही रहमानीर्रहीम (Bismillah-Hirrahman-Nirrahim): » अल्लाह के नाम से शुरू जो बड़ा कृपालु और अत्यन्त दयावान हैं. 2. अस्सलामो अलैकुम (Asalamo Alaikum): » यह मुस्लिमो का सबसे आम अभिवादन…
कजाए उमरी नमाज़ की हकीकत: हिंदी में अक्सर १५ शाबान (शबे बरात) और रमजान का आखरी जुमा आने तक कजा नमाज वाली पोस्ट शोशल मिडीया पर वायरल होती रहती है, यह मैसेज किसने अपलोड किया, कोई नहीं जानता! लेकिन ताज्जुब इस बात का है के, यह कुछ मुसलमान भाई बिना सोचे समझे ऐसे मैसेज खूब फोर्वड कर रहे है , अल्लाह रेहम करे नतीजतन लोगों में बेशुमार गलतफहमिया आम हो रही है। वो मैसेज इस तरह है कजा नमाज अदा करने का मौका "इरशाद-ए-नबवी सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम है कि जिस शख्स की नमाजे कजा हुईं हों और तादाद मालूम न हो तो वह रमजान के आखिरी जुमा…
हज्जतुल विदा का ख़ुतबा: पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल॰) का विदायी अभिभाषण (इस्लाम में मानवाधिकार) हज्जतुल विदा का ख़ुतबा पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल॰) का विदायी अभिभाषण (इस्लाम में मानवाधिकार) पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल॰) ईश्वर की ओर से, सत्यधर्म को उसके पूर्ण और अन्तिम रूप में स्थापित करने के जिस मिशन पर नियुक्त किए गए थे वह 21 वर्ष (23 चांद्र वर्ष) में पूरा हो गया और ईशवाणी अवतरित हुई : ‘‘...आज मैंने तुम्हारे दीन (इस्लामी जीवन व्यवस्था की पूर्ण रूपरेखा) को तुम्हारे लिए पूर्ण कर दिया है और तुम पर अपनी नेमत पूरी कर दी और मैंने तुम्हारे लिए इस्लाम को तुम्हारे दीन की हैसियत से क़बूल कर लिया है...।’’ (कु़रआन, 5:3) पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल॰) ने हज…
शबे मेराज का वाकिया | Shab e Meraj ka waqia शबे मेराज का वाकिया | Shab e Meraj ka waqia in Hindi मेराज की घटना नबी (सल्ललाहो अलैहि वसल्लम) का एक महान चमत्कार है, और इस में आप (सल्ललाहो अलैहि वसल्लम) को अल्लाह ने विभिन्न निशानियों का जो अनुभव कराया यह भी अति महत्वपूर्ण है। मेराज के दो भाग हैं, प्रथम भाग को इसरा और दूसरे को मेराज कहा जाता है, लेकिन सार्वजनिक प्रयोग में दोनों ही को मेराज के नाम से याद कर लिया जाता है। इसरा क्या है ? इसरा कहते हैं रात के एक भाग में चलना, अभिप्राय यह है कि मुहम्मद (सल्ललाहो अलैहि वसल्लम) का रात…
रमज़ान का महिना ... जानिए: इसमें क्या है हासिल करना? हम मुसलमानों ने कुरआन की तरह रमज़ान को भी सिर्फ सवाब की चीज़ बना कर रख छोड़ा है, हम रमज़ान के महीने से सवाब के अलावा कुछ हासिल नहीं करना चाहते इसी लिए हमारी ज़िन्दगी हर रमज़ान के बाद फ़ौरन फिर उसी पटरी पर आ जाती है जिस पर वो रमज़ान से पहले चल रही थी
इस्लामी इतिहास | Islamic history in Hindi इस्लामी इतिहास | Islamic history in Hindi इस्लामी इतिहास हिंदी में - पैगंबर मुहम्मद (स.) का जीवन, महत्वपूर्ण घटनाएँ, और इस्लामी संस्कृति। विस्तृत लेख, तथ्यों और शिक्षाओं के लिए उम्मत-ए-नबी.कॉम पर जाएँ। विश्वसनीय जानकारी और गहन अध्ययन! अल्लाह तआला ने कलम को पैदा किया जमीन व आसमान की पैदाइश फरिश्ते अल्लाह की मख्लूक हैं जिन्नात की पैदाइश हज़रत आदम (अ.स) हज़रत आदम का दुनिया में आना काबील और हाबील हज़रत शीस (अ.स) हजरत इदरीस (अ.स) हज़रत इदरीस (अ.स) की दावत हज़रत नूह (अ.स) हज़रत नूह (अ.स) की दावत कौमे नूह (अ.स) पर अल्लाह का अजाब कौमे आद हज़रत हूद (अ.स)…
ईद का असल पैगाम - Eid-ul-Fitr Mubarak aur Dua रमज़ान के पूरे महीने में भूक और प्यास को बर्दाश्त करने के बाद ईद की ख़ुशी इस बाद की मिसाल है कि ज़िन्दगी की मुसीबतों पर सब्र करने के बाद कभी ना कम होने वाली जन्नत की खुशियाँ हैं. हदीसों से पता चलता है कि जन्नत में जाने के बाद लोग एक दुसरे से बहुत मुहब्बत करने लगेंगे और अगर किसी से दुनियां में मन मुटाव था तो वो भी ख़त्म कर के एक दुसरे की खताओं को माफ़ कर देंगे. ईद का भी यही पैगाम है.... ईद कोई हाल्ला मचाने का त्यौहार नहीं है, यह आपसी रंजिशों को मिटा…
तरावीह की नमाज़ के वैज्ञानिक फायदे (Scientific Benefits of Salah) नमाज में हैं तन्दुरुस्ती के राज: मोमिन अल्लाह के हर फरमान को अपनी ड्यूटी समझ उसकी पालना करता है। उसका तो यही भरोसा होता है कि अल्लाह के हर फरमान में ही उसके लिए दुनिया और आखिरत की भलाई छिपी है,चाहे यह भलाई उसके समझ में आए या नहीं। यही सोच एक मोमिन लगा रहता है अल्लाह की हिदायत के मुताबिक जिंदगी गुजारने में। समय-समय पर हुए विभिन्न शोधों और अध्ययनों ने इस्लामिक जिंदगी में छिपे फायदों को उजागर किया है। नमाज को ही लीजिए। साइंसदानों ने साबित कर दिया है कि नमाज में सेहत संबंधी कई फायदे छिपे हुए…
MD. Salim Shaikh
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