कंगारु, खरगोश की हम शक्ल एक बड़ा जानवर है जो इन्सानी कद के बराबर होता है।
उसके अगले पैर बहुत छोटे और पिछले पैर बहुत बड़े और मजबूत होते हैं, इस की दूम भी काफ़ी लंबी और मोटी होती है, यह अपनी दुम पर बैठ जाता है।
अजीब बात यह है के इस के पेट पर एक थैली होती है, कंगारु का बच्चा पैदाइश के वक्त सिर्फ दो इंच का होता है जिस की आँख भी बंद रहती है।
इसके बावजूद वह अपनी माँ के जिस्म के बालों को पकड़ कर सीधा उस थैली में पहुँच जाता है और वहा दूध पीकर बड़ा होता है। जियादा वक्त इसी थैले मे गुजारता है और कंगारु उस को हर जगह लिये फिरता खिलाता-पिलाता है।
भला बताओ तो सही के इस छोटे से बच्चे को थैली का रास्ता कौन बताता और बचपने से बडा होने तक कौन उसकी हिफाजत व परवरिश करता है। बेशक अल्लाह ही अपनी कुदरत से इन जानवरों की रहनुमाई फर्माता है।