प्रश्नः क्या दूसरे मज़हबों के धार्मिक ग्रंथों और उनके ईष्ट देवी-देवताओं के बारे में अपमानजनक बातें करने से… उनका दिल दुखाने से अल्ल्लाह ख़ुश होगा…?
उत्तरः हमें पूर्ण विश्वास है कि अन्य धर्मों के धार्मिक ग्रन्थ या तो मानव रचित हैं अथवा किसी युग में ईश्वरीय ग्रन्थ थे परन्तु आज वह सुरक्षित न रहे और उनमें देवी देवताओं की बातें भी सम्मिलित हो चुकी हैं लेकिन क़ुरआन आज तक पूर्ण रूप में सुरक्षित है स्वयं उसकी आधुनिक शैली इस पर प्रमाण है। इन स्पष्ट तथ्यों के बावजूद इस्लाम दूसरे धर्मों के बारे में अपमानजनक बातें कहने की अनुमति कदापि नहीं देता।
देखिए कुरान में इस से संबधिंत वर्णन किया है –
❝ जो लोग अल्लाह के अतिरिक्त अन्य की पूजा करते हैं उनकों बुरा भला मत कहो! कही ऐसा न हो कि वह अज्ञानता के कारण अल्लाह को बुरा-भला कहेंने लग जाये.
सूरः अनआम 6:108
यह पढ़िए :
- दुनिया में इतने धर्म कैसे बने ?
- हज़रत मुहम्मद (ﷺ) और बौद्ध धर्म ग्रन्थ (डा. एम.ए.श्रीवास्तव)
- वैदिक धार्मिक ग्रन्थों में इश्वर के आखरी संदेष्ठा का उल्लेख
- पैगंबर मुहम्मद साहब ﷺ कि भविष्यवाणी वैद और पुराणो मे
- पैगम्बर मुहम्मद ﷺ साहब के बारे में, गुरु नानक जी के सुनहरे विचार
Discover more from उम्मते नबी ﷺ हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.