प्रश्नःक्या दूसरे मज़हबों के धार्मिक ग्रंथों और उनके ईष्ट देवी-देवताओं के बारे में अपमानजनक बातें करने से… उनका दिल दुखाने से अल्ल्लाह ख़ुश होगा…?
उत्तरः हमें पूर्ण विश्वास है कि अन्य धर्मों के धार्मिक ग्रन्थ या तो मानव रचित हैं अथवा किसी युग में ईश्वरीय ग्रन्थ थे परन्तु आज वह सुरक्षित न रहे और उनमें देवी देवताओं की बातें भी सम्मिलित हो चुकी हैं लेकिन क़ुरआन आज तक पूर्ण रूप में सुरक्षित है स्वयं उसकी आधुनिक शैली इस पर प्रमाण है। इन स्पष्ट तथ्यों के बावजूद इस्लाम दूसरे धर्मों के बारे में अपमानजनक बातें कहने की अनुमति कदापि नहीं देता।
देखिए कुरान में इस से संबधिंत वर्णन किया है –
❝ जो लोग अल्लाह के अतिरिक्त अन्य की पूजा करते हैं उनकों बुरा भला मत कहो! कही ऐसा न हो कि वह अज्ञानता के कारण अल्लाह को बुरा-भला कहेंने लग जाये.
इस्लाम में चचेरी, ममेरी और फुफेरी बहन से शादी करने की इजाज़त क्यों है? सवाल : इस्लाम में चचेरी, ममेरी और फुफेरी बहन से शादी करने की इजाज़त क्यों है? जवाब :-इस्लाम की पवित्र पुस्तक क़ुरआन में उन रिश्तों का जिक्र किया गया है, जिनसे एक मुसलमान शादी कर सकता है। क़ुरआन में वर्णन है: ऐ नबी! हमने तुम्हारे लिये हलाल कर दी है ..... तुम्हारी वे चचेरी और फुफेरी और ममेरी और मौसेरी बहनें जिन्होंने तुम्हारे साथ हिजरत की है...। सुरह अहज़ाब 33:50 हिजरत: मक्का से मदीना का सफर इसी प्रकार का वर्णन क़ुरआन की सुरह निसा की आयत 23 में भी मिलता है। इसी बात को कुछ कम अक्ल लोग और मीडिया…
अल्लाह कौन है ~ अल्लाह का परिचय और विशेषताएं हमारे मन में यह प्रश्न बार बार उभरता है कि अल्लाह कौन है ? वह कैसा है ? उस के गुण क्या हैं ? वह कहाँ है? जानिए इन सवालो के जवाब इस पोस्ट के माध्यम से। अल्लाह कौन है? अल्लाह का परिचय अल्लाह का शब्द मन में आते ही एक महान महिमा की कल्पना मन में पैदा होती है जो हर वस्तु का स्वामी और रब हो। उसने हर वस्तु को एकेले उत्पन्न किया हो, पूरे संसार को चलाने वाला वही हो।धरती और आकाश की हर चीज़ उसके आज्ञा का पालन करती हो। अपनी सम्पूर्ण विशेषताओं और गूणों में पूर्ण हो। जिसे…
रसायनशास्त्र के सबसे पहले जनक थे जाबिर बिन हियान जाबिर बिन हियान जिन्हें इतिहास का पहला रसायनशास्त्री कहा जाता है उसे पश्चिमी देश में गेबर (geber) के नाम से जाना जाता है। इन्हें रसायन विज्ञान का संस्थापक माना जाता है , इनका जन्म 733 ईस्वी में तूस में हुई थी , जाबिर बिन हियान ने ही एसिड की खोज की इन्होने एक ऐसा एसिड भी बनाया जिससे सोने को भी पिघलाना मुमकिन था जाबिर बिन हियान पहले व्यक्ति थे जिन्होंने पदार्थ को तीन भागों वनस्पति , पशु और , खनिज में विभाजित किया । इसी मुस्लिम साइंसदान ने रासायनिक यौगिकों जैसे - कार्बोनेट, आर्सेनिक, सल्फाइड की खोज की नमक…
इस्लाम में बहुपति की अनुमति क्यों नहीं ? इस्लाम में पुरुष को एक से अधिक पत्नी रखने की अनुमति के होने पर कई भाई आपत्ति जताते हैं कि स्त्री पुरूष समानता तो तभी सिद्ध होगी जब जिस तरह गरीब स्त्रियों को सहारा देने के लिए पुरुषों को एक से अधिक पत्नियों का भार वहन करने की शिक्षा दी गई, उसी तरह निर्धन पुरुषों का भार वहन करने के लिए सम्पन्न स्त्रियों को भी एक से अधिक पति रखने की शिक्षा दी जाती....!!! .... देखिये विवाह के बहुत से उद्देश्य होते हैं, जीवनसाथी का भरण पोषण उनमें से केवल एक उद्देश्य है, लेकिन विवाह के लिए इसके अलावा भी…
मुसलमान से आप की दुश्मनी धार्मिक है या राजनैतिक जी हा ! सोशल मीडिया पर मुसलमानों ने कुछ सवाल पूछना शुरू कर दिया है उनका कहना है जो लोग हमारे खिलाफ ज़हर उगलते है वो इन सवालो का जवाब दें या गौर करें कि क्या सिर्फ राजनीती के लिए हमारे खिलाफ ज़हर उगला जाता है। मौजूदा हालात में फैलती नफरत के बीच आजकल मैं हिन्दू युवाओं से सिर्फ यह पूछता हूँ कि क्या आपको किसी मुस्लमान ने कोई नुक्सान पहुँचाया है? - क्या आपका मुस्लमान के साथ कोई कोर्ट केस चल रहा है? - क्या आपकी जायदाद पर किसी मुस्लमान ने अवैध क़ब्ज़ा कर लिया है? - क्या कोई…
Jihad: जिहाद का वास्तविक अर्थ होता है "संघर्ष करना".... अक्सर हमारे नोंमुस्लिम भाइयों में यह ग़लतफहमी पायी जाती है के वो जिहाद जैसे शब्द का तथाकथित लोगों से अलग अलग अर्थ समझकर मुसलमानों के अमन के पैगाम को ठुकरा देते है, आईये आज इसका सही मूल्य जानने की कोशिश करते है... जिहाद: अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है "संघर्ष करना" , "जद्दो जेहद करना". इसका मूल शब्द जहद है, जिसका अर्थ होता है "संघर्ष". ये अरबी भाषा में हर प्रकार के संघर्ष के लिए उपयोग होता है। जिहाद का अर्थ किसी की जान लेना, क़त्ल करना या किसी बेगुनाह को मारना नही है। जिहाद एक पवित्र…
Dhruv Rathee को जवाब | नबी ﷺ ने चाँद के टुकड़े किये थे या नहीं इसका सबुत जरूर देखे ... कुछ दिनों पहले यूटूबर धुर्व राठी ने अपने एक वीडियो में नबी ﷺ के एक मोजज़े "शक्कुर कमर" यानी चाँद के २ टुकड़े होने के वाकिये को काल्पनिक कहा था, यानी उनके हीसाब से इस घटना (मोज़जे) का ऐतिहासिक और साइंटिफिक कोई सबुत नहीं। तो बहरहाल आईये उनके जवाब के लिए जनाब ज़ैद पटेल साहब की इस मुख़्तसर सी वीडियो का मुताला करते है। https://www.youtube.com/watch?v=yZGeZAI3ggI आप सभी से इल्तेजा है इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करने में हमारा तावूंन फरमाए। और भी देखे :चाँद के टूटने के विश्वास से सिद्ध होते है वैज्ञानिक तथ्य
भारत का मुसलमान इतना पिछड़ा हुआ क्यों है ? भारत मे यह पूरी तरह मान लिया गया है कि मुसलमान एक जाहिल ,गंवार, फूहड़ ,गंदी और बुध्दू क़ौम है, जबकि मेरा मानना है कि क़ुदरती सलाहियत यानि नैचुरल टैलेंट जितना मुसलमान मे है उतना दुनिया की किसी दूसरी क़ौम मे नही, हम सिर्फ़ आज के पसमंज़र मे बात करते हैं , किसी भी ख़राब गाड़ी की सिर्फ़ आवाज़ सुनकर उसके इंजिन की ख़राबी बताने की सलाहियत सिर्फ़ इन्ही मे है , कौन सी इमारती लकड़ी कितना सूखेगी, कितना ऐंठेगी , कितना बिझेगी यह भी सिर्फ़ यही जानते हैं , कौन सी दीवार किस तरफ़ कितना झुक गई है सिर्फ़…
हज की हिकमत - हज का असल मकसद (Hajj ki Hikmatain aur Maksad) यह बात हर मुसलमान जानता है कि हज इस्लाम की बुन्यादों में से एक है, और हज अदा करने के फज़ाईल भी लोग आम तौर पर जानते ही हैं लेकिन अक्सर मुसलमान "हज की हिकमत" से अनजान हैं और जिस इबादत से हिकमत निकल जाती है वह इबादत एक बेजान जिस्म की तरह रह जाती है फिर उसके वो असरात इंसान की ज़िन्दगी पर नहीं होते जो होने चाहियें थे। जैसे अल्लामा इकबाल ने कहा है: "रह गई रस्म-ऐ-अजां रूह-ऐ-बिलाली न रही...." हज का मामला भी आज कल यही है, लोग पूरा हज कर आते हैं और उन्हें पता ही…
जानिए : क्या इस्लाम तलवार की जोर से फैला - Was Islam spread by the Sword ? *कुछ गै़र-मुस्लिम भाइयों की यह आम शिकायत है कि संसार भर में इस्लाम के मानने वालों की संख्या लाखों में भी नहीं होती यदि इस धर्म को बलपूर्वक नहीं फैलाया गया होता। निम्न बिन्दु इस तथ्य को स्पष्ट कर देंगे कि इस्लाम की सत्यता, दर्शन और तर्क ही है जिसके कारण वह पूरे विश्व में तीव्र गति से फैला है , न कि तलवार से। 1. इस्लाम का अर्थ शान्ति है - इस्लाम मूल शब्द ‘सलाम’ से निकला है जिसका अर्थ है ‘शान्ति’। इसका दूसरा अर्थ है अपनी इच्छाओं को अपने पालनहार ख़ुदा के हवाले कर देना। अतः इस्लाम शान्ति…
इस्लाम में औरत के इज़्ज़त की अहमियत इस्लाम के दिए हुए मानव-अधिकारों में अहम चीज़ यह है कि औरत के शील और उसकी इज़्ज़त हर हाल में आदर के योग्य है, चाहे औरत अपनी क़ौम की हो, या दुश्मन क़ौम की, जंगल बियाबान में मिले या फ़तह किए हुए शहर में, हमारी अपने मज़हब की हो या दूसरे मज़हब की, या उसका कोई भी मज़हब हो। मुसलमान किसी हाल में भी उस पर हाथ नहीं डाल सकता। उसके लिए बलात्कार (ज़िना) को हर हाल में हराम किया गया है चाहे यह कुकर्म किसी भी औरत से किया जाए। क़ुरआन के शब्द हैं: ‘‘ज़िना के क़रीब भी न…
ज़कात क्या है ? और किसको देनी चाहिये ? ज़कात क्या है ? और किसको देनी चाहिये ? रमज़ान के अशरे में सब मुसलमान अपनी साल भर की कमाई की ज़कात निकालते है। तो ज़कात क्या है ? कुरआन मजीद में अल्लाह ने फ़र्माया है : "ज़कात तुम्हारी कमाई में गरीबों और मिस्कीनों का हक है।" ज़कात कितनी निकालनी चाहिये इसके लिए आप इस ऑडियो को सुने - ♫ Ramzan Ke Masail - Zakat , Fitr , Sadqa और ज़कात किसे देनी चाहिए इसपर हम इस पोस्ट में मुख़्तसर सा बयांन करने की कोशिश कर रहे है. ✦ ज़कात क्या है ? अल्लाह के लिये माल का एक हिस्सा…
इस्लामी शाशन का आधार न्याय पर है ... इस्लामी शिक्षा के आधार पर शान्तिपूर्ण शासन की स्थापना हुई है !! इस्लाम इंसानियत के सामने जो नियम और संविधान प्रस्तुत करता है चाहे उसका सम्बन्ध जीवन के किसी भी क्षेत्र से हो वह मानव प्रकृति से पूरे तौर पर मेल खाला है, इस्लामी शरीयत में एक विद्वान कहीं भी देशी छाप या कबाइली रंग न पाएगा, विश्वास हो, पूजा पाट हो, मामलात हों, नैतिकता हों, राजनितिक, सामाजिक, और आर्थिक जीवन हो तात्पर्य यह कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में इस्लामी शिक्षाएं विश्वव्यापी हैं। यह मात्र दावा नहीं है बल्कि प्रमाण है और प्रमाण ही नहीं बल्कि इस शिक्षा के…
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