इस्लाम दूसरे धर्मों के बारे में अपमानजनक बातें कहने की अनुमति नहीं देता
प्रश्नःक्या दूसरे मज़हबों के धार्मिक ग्रंथों और उनके ईष्ट देवी-देवताओं के बारे में अपमानजनक बातें करने से… उनका दिल दुखाने से अल्ल्लाह ख़ुश होगा…?
उत्तरः हमें पूर्ण विश्वास है कि अन्य धर्मों के धार्मिक ग्रन्थ या तो मानव रचित हैं अथवा किसी युग में ईश्वरीय ग्रन्थ थे परन्तु आज वह सुरक्षित न रहे और उनमें देवी देवताओं की बातें भी सम्मिलित हो चुकी हैं लेकिन क़ुरआन आज तक पूर्ण रूप में सुरक्षित है स्वयं उसकी आधुनिक शैली इस पर प्रमाण है। इन स्पष्ट तथ्यों के बावजूद इस्लाम दूसरे धर्मों के बारे में अपमानजनक बातें कहने की अनुमति कदापि नहीं देता।
देखिए कुरान में इस से संबधिंत वर्णन किया है –
❝ जो लोग अल्लाह के अतिरिक्त अन्य की पूजा करते हैं उनकों बुरा भला मत कहो! कही ऐसा न हो कि वह अज्ञानता के कारण अल्लाह को बुरा-भला कहेंने लग जाये.
इस्लामी शाशन का आधार न्याय पर है ... इस्लामी शिक्षा के आधार पर शान्तिपूर्ण शासन की स्थापना हुई है !! इस्लाम इंसानियत के सामने जो नियम और संविधान प्रस्तुत करता है चाहे उसका सम्बन्ध जीवन के किसी भी क्षेत्र से हो वह मानव प्रकृति से पूरे तौर पर मेल खाला है, इस्लामी शरीयत में एक विद्वान कहीं भी देशी छाप या कबाइली रंग न पाएगा, विश्वास हो, पूजा पाट हो, मामलात हों, नैतिकता हों, राजनितिक, सामाजिक, और आर्थिक जीवन हो तात्पर्य यह कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में इस्लामी शिक्षाएं विश्वव्यापी हैं। यह मात्र दावा नहीं है बल्कि प्रमाण है और प्रमाण ही नहीं बल्कि इस शिक्षा के…
जानिए : क्या इस्लाम तलवार की जोर से फैला - Was Islam spread by the Sword ? *कुछ गै़र-मुस्लिम भाइयों की यह आम शिकायत है कि संसार भर में इस्लाम के मानने वालों की संख्या लाखों में भी नहीं होती यदि इस धर्म को बलपूर्वक नहीं फैलाया गया होता। निम्न बिन्दु इस तथ्य को स्पष्ट कर देंगे कि इस्लाम की सत्यता, दर्शन और तर्क ही है जिसके कारण वह पूरे विश्व में तीव्र गति से फैला है , न कि तलवार से। 1. इस्लाम का अर्थ शान्ति है - इस्लाम मूल शब्द ‘सलाम’ से निकला है जिसका अर्थ है ‘शान्ति’। इसका दूसरा अर्थ है अपनी इच्छाओं को अपने पालनहार ख़ुदा के हवाले कर देना। अतः इस्लाम शान्ति…
Jihad: जिहाद का वास्तविक अर्थ होता है "संघर्ष करना".... अक्सर हमारे नोंमुस्लिम भाइयों में यह ग़लतफहमी पायी जाती है के वो जिहाद जैसे शब्द का तथाकथित लोगों से अलग अलग अर्थ समझकर मुसलमानों के अमन के पैगाम को ठुकरा देते है, आईये आज इसका सही मूल्य जानने की कोशिश करते है... जिहाद: अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है "संघर्ष करना" , "जद्दो जेहद करना". इसका मूल शब्द जहद है, जिसका अर्थ होता है "संघर्ष". ये अरबी भाषा में हर प्रकार के संघर्ष के लिए उपयोग होता है। जिहाद का अर्थ किसी की जान लेना, क़त्ल करना या किसी बेगुनाह को मारना नही है। जिहाद एक पवित्र…
इस्लाम में क्यों हराम है ब्याजखोरी ? जानिए अगर मुहम्मद (स.) साहब की शिक्षाओं पर मनन किया जाए तो - दो बातें उनमें सबसे अहम हैं। पहली, मुहम्मद साहब की शिक्षाएं किसी एक देश या धर्म के लिए नहीं हैं। वे सबके लिए हैं। ... और दूसरी, उनकी शिक्षाएं आज से डेढ़ हजार साल पहले जितनी प्रासंगिक थीं, वे आज भी प्रासंगिक हैं। जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं जिसे बेहतर बनाने, अच्छाई को स्वीकार करने के लिए मुहम्मद साहब ने कोई संदेश न दिया हो। उनकी बातें इंसानों को सच की राह दिखाती हैं। - अर्थशास्त्र भले ही ब्याज(सूद) को मूलधन का किराया, शुल्क या कुछ और…
बुतपरस्ती (मूर्तिपूजा) की शुरुवात कब और कैसे हुई? दुनिआ में बुतपरस्ती / मूर्तिपूजा की शुरुवात कब और कैसे हुई ? नबी नूह (अलैहिस्लाम) जिस कौम मे मबउस थे उस कौम मे पाँच नेक सालेहीन नेक बुजुर्ग औलिया थे। उनकी मज्लिशों मे बैठकर लोग अल्लाह को याद करते थे और मसाइल सुनते थे, इससे उनके दीन को तक्वियत पहुचती थी। जानिए कौन थे: नूह अलैहि सलाम जब वे ग़ुजर गए तो क़ौम मे परेशानी हुई कि अब न वो मज्लिस रही न वो मसाइल रहे, अब कहा बैठे ? उस वक्त शैतान ने उनके दिलों मे यह फूंक मारी कि इन बुजूर्गों की इबादतगाहों मे उनकी तस्वीर (बूत) बनाकर…
ज़कात क्या है ? और किसको देनी चाहिये ? ज़कात क्या है ? और किसको देनी चाहिये ? रमज़ान के अशरे में सब मुसलमान अपनी साल भर की कमाई की ज़कात निकालते है। तो ज़कात क्या है ? कुरआन मजीद में अल्लाह ने फ़र्माया है : "ज़कात तुम्हारी कमाई में गरीबों और मिस्कीनों का हक है।" ज़कात कितनी निकालनी चाहिये इसके लिए आप इस ऑडियो को सुने - ♫ Ramzan Ke Masail - Zakat , Fitr , Sadqa और ज़कात किसे देनी चाहिए इसपर हम इस पोस्ट में मुख़्तसर सा बयांन करने की कोशिश कर रहे है. ✦ ज़कात क्या है ? अल्लाह के लिये माल का एक हिस्सा…
इस्लाम से प्रॉब्लम ! किसको और क्यों ? इस्लाम से प्रॉब्लम ! किसको और क्यों ? आज दुनिया भर में इस्लाम से जलने वालो की कमी नहीं है, क्यूंकि इस्लाम कहता है - सच बोलो - तो सारे झूठे और दगाबाजो को प्रॉब्लम। चोरी, रिश्वत, सूद से बचो - तो सारे घोटालाबाजो को प्रॉब्लम। शराब से दूर रहो - तो सारे नशेडी और गंजेड़ियों को प्रॉब्लम। अमन के साथ रहो - तो हथियार बनाने वाली कंपनी को प्रॉब्लम। गरीब पर खर्च करो - तो कंजूसो को प्रॉब्लम। बेटिओं को विरासत हिस्सा दो - तो उनका हक़ मारने वालो को प्रॉब्लम। जीना (अनैतिक संबंध) से बचो, दुसरो के भी…
इस्लाम क्या सिखाता है ? जानिए : इस्लाम क्या सिखाता है ? इस्लाम की तालीम क्या है ?, इस्लाम का सन्देश, इस्लाम क्या सिखाता है ?, इस्लाम कैसा संसार चाहता है ?, इस्लाम की निति क्या है ? इसके बारे में जानने के लिए इस छोटे से पोस्ट पर जरुर गौर करे ,. ✦ इस्लाम यह कहता है कि हमें एक ईश्वर को पुजना चाहिए जो हम सबका मालिक हैं। जिसका कोई रंग हैं ना कोई रूप हैं। जिसे किसी ने नहीं बनाया पर उसने हर चीज़ को बनाया। ✦ इस्लाम कहता है कि तुम्हारी मेहनत की कमाई से 2.5% गरीबों को दान कर देना…
अल्लाह कौन है ~ अल्लाह का परिचय और विशेषताएं हमारे मन में यह प्रश्न बार बार उभरता है कि अल्लाह कौन है ? वह कैसा है ? उस के गुण क्या हैं ? वह कहाँ है? जानिए इन सवालो के जवाब इस पोस्ट के माध्यम से। अल्लाह कौन है? अल्लाह का परिचय अल्लाह का शब्द मन में आते ही एक महान महिमा की कल्पना मन में पैदा होती है जो हर वस्तु का स्वामी और रब हो। उसने हर वस्तु को एकेले उत्पन्न किया हो, पूरे संसार को चलाने वाला वही हो।धरती और आकाश की हर चीज़ उसके आज्ञा का पालन करती हो। अपनी सम्पूर्ण विशेषताओं और गूणों में पूर्ण हो। जिसे…
क्या इस्लाम औरतों को पर्दे में रखकर उनका अपमान करता है और क्या बुरखा औरतो की आज़ादी के खिलाफ… क्या इस्लाम औरतों को पर्दे में रखकर उनका अपमान करता है और क्या बुरखा औरतो की आज़ादी के खिलाफ है ? | Parda in Islam » उत्तर: इस्लाम में औरतों की जो स्थिति है, उसपर सेक्यूलर मीडिया का ज़बरदस्त हमला होता है। वे पर्दे और इस्लामी लिबास को इस्लामी क़ानून में स्त्रियों की दासता के तर्क के रूप में पेश करते हैं। इससे पहले कि हम पर्दे के धार्मिक निर्देश के पीछे मौजूद कारणों पर विचार करें, इस्लाम से पूर्व समाज में स्त्रियों की स्थिति का अध्ययन करते हैं। 1. भूतकाल में स्त्रियों का अपमान किया जाता और उनका प्रयोग…
इस्लाम में चचेरी, ममेरी और फुफेरी बहन से शादी करने की इजाज़त क्यों है? सवाल : इस्लाम में चचेरी, ममेरी और फुफेरी बहन से शादी करने की इजाज़त क्यों है? जवाब :-इस्लाम की पवित्र पुस्तक क़ुरआन में उन रिश्तों का जिक्र किया गया है, जिनसे एक मुसलमान शादी कर सकता है। क़ुरआन में वर्णन है: ऐ नबी! हमने तुम्हारे लिये हलाल कर दी है ..... तुम्हारी वे चचेरी और फुफेरी और ममेरी और मौसेरी बहनें जिन्होंने तुम्हारे साथ हिजरत की है...। सुरह अहज़ाब 33:50 हिजरत: मक्का से मदीना का सफर इसी प्रकार का वर्णन क़ुरआन की सुरह निसा की आयत 23 में भी मिलता है। इसी बात को कुछ कम अक्ल लोग और मीडिया…
Dhruv Rathee को जवाब | नबी ﷺ ने चाँद के टुकड़े किये थे या नहीं इसका सबुत जरूर देखे ... कुछ दिनों पहले यूटूबर धुर्व राठी ने अपने एक वीडियो में नबी ﷺ के एक मोजज़े "शक्कुर कमर" यानी चाँद के २ टुकड़े होने के वाकिये को काल्पनिक कहा था, यानी उनके हीसाब से इस घटना (मोज़जे) का ऐतिहासिक और साइंटिफिक कोई सबुत नहीं। तो बहरहाल आईये उनके जवाब के लिए जनाब ज़ैद पटेल साहब की इस मुख़्तसर सी वीडियो का मुताला करते है। https://www.youtube.com/watch?v=yZGeZAI3ggI आप सभी से इल्तेजा है इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करने में हमारा तावूंन फरमाए। और भी देखे :चाँद के टूटने के विश्वास से सिद्ध होते है वैज्ञानिक तथ्य