“इन (ईमान वालों) के लिए हमेशा रहने वाले बाग़ हैं, जिन में वह दाखिल होंगेऔर उन के माँ बाप, उन की बीबियों और उन की औलाद में जो (जन्नत) के लायक होंगे,वह भी जन्नत में दाखिल होंगे और हर दरवाजे से फरिश्ते उन के पास यह कहते हए दाखिल होंगे‘तुम्हारे दीन पर मज़बूत जमे रहने की बदौलत तुम पर सलामती हो,तुम्हारे लिए आखिरत का घर कितना उम्दा है!’”
सच्चे लोगों के साथ रहो कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “ऐ ईमान वालो! अल्लाह तआला से डरते रहो और सच्चे लोगों के साथ रहो।” 📕 सूर-ए-तौबा: ११९
5 जमादी-उल-आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा रूम के बादशाह हिरकल (Hercules) के नाम दावती खत, अल्लाह की कुदरत : पहाड़ों में पानी का जखीरा, एक फ़र्ज़: सिला रहमी करना, जुमा के लिये खास लिबास पहनना, शराबी की सज़ा ...
शर्म व हया ईमान का जुज़ है रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "ईमान के साठ से ऊपर या सत्तर से कुछ जायद शोअबे हैं। सब से अफज़ल (ला इलाहा इलल्लाहु) पढ़ना है और सब से कम दर्जा रास्ते से तकलीफ़ देह चीज़ का हटा देना है और शर्म व हया ईमान का हिस्सा है।" 📕 मुस्लिम: १५३
अहले ईमान का बदला कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: "उन (अहले ईमान और नेक अमल करने वालों) का बदला उन के रब के पास ऐसे हमेशा रहने वाले बाग़ होंगे, जिन के नीचे नहरें बह रही होंगी। यह लोग उन में हमेशा रहेंगे। अल्लाह तआला उन से राज़ी, और वह अल्लाह से खुश होंगे। और यह बदला हर उस शख्स के लिये है जो अपने रब से डरता है।" 📕 सूरह अल-बय्यिना 98:8
28. सफर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हजरत यूनुस (अ.स), हुजूर (ﷺ) का मुअजिज़ा : थोड़े से पानी में बरकत, सब से पहले नमाज़ का हिसाब, गुनाहों से तौबा करने की दुआ, कुरआन को झुटलाने का गुनाह, छींक की दुआ और जवाब …
23 जमादी-उल-अव्वल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा इस्लामी तारीख: ग़ज़व-ए-दौमतुल जन्दल, च्यूंटी की दूर अन्देशी में अल्लाह की कुदरत, एक फर्ज: बीमार की नमाज़, गुनाहों की मगफिरत का वजीफा, क़यामत के दिन लोगों की हालत, जोड़ों के दर्द का इलाज ...
बीवियों के साथ अच्छा सुलूक करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "ईमान वालों में ज़ियादा मुकम्मल ईमान वाले वह लोग हैं, जो अखलाक में ज्यादा अच्छे हैं और तुम में सबसे अच्छे वह लोग हैं जो अपनी बीवियों के साथ अच्छा बरताव करते हैं।” 📕 तिर्मिज़ी: ११६२
अमानत वालों को अमानतें वापस कर दिया करो कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “अल्लाह तआला तुमको हुक्म देता है के अमानत वालों को उनकी अमानतें वापस कर दिया करो।” 📕 सूर: निसा: ५८
अपने घर वालों को नमाज़ का हुक्म देना अपने घर वालों को नमाज़ का हुक्म देना कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: "आप अपने घर वालों को नमाज़ का हुक्म करते रहो और खुद भी नमाज़ के पाबन्द रहिये, हम आपसे रोजी तलब नहीं करते, रोजी तो आप को हम देंगे आर अच्छा अंजाम तो परहेजगारों का है।" 📕 सूरह ताहा: १३२
अल्लाह के रसूल (ﷺ) तुम्हारी तरफ हक़ बात ले कर आ चुके है कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "ऐ इन्सानो! बेशक तुम्हारे पास यह रसूल हक़ बात ले कर तुम्हारे रब की तरफ से आ चुका है, लिहाजा तुम ईमान ले आओ, यह ईमान लाना तुम्हारे लिये बेहतर होगा, अगर तुम इन्कार करते हो, तो खूब समझ लो के आस्मानों और जमीन का मालिक अल्लाह तआला ही है और अल्लाह तआला सब कुछ जानने वाला बड़ी हिकमत वाला है।" 📕 सूरह निसा : १७०
20. सफर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हज़रत शमवील (अ.स.), हुजूर (ﷺ) का मुअजिज़ा : ऊँट का हुजूर की फर्माबरदारी करना, एक फर्ज: जमात से नमाज़ पढ़ने की ताकीद, एक अहम अमल : कुरआन को गौर से सुनना ...
हमेशा सच्ची गवाही देना कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "ऐ ईमान वालो ! इन्साफ पर कायम रहते हुए अल्लाह के लिए गवाही दो, चाहे वह तुम्हारी जात, वालिदैन और रिश्तेदारों के खिलाफ ही (क्यों न हो।" 📕 सूरह निसा : १३५ फायदा: सच्ची गवाही देना और झूठी गवाही देने से बचना जरुरी है।
अल्लाह से सच्ची पक्की तौबा कर लो कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "ऐ ईमान वालो ! अल्लाह से सच्ची पक्की तौबा कर लो, उम्मीद है के तुम्हारा रब तुम्हारी खताओं को माफ कर देगा और जन्नत में दाखिल कर देगा।" 📕 सूरह तहरीम: ८
MD. Salim Shaikh
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