इद्दत किसे कहते है | Iddat meaning in Hindi
इद्दत का मतलब है कि वह समय जब एक महिला के लिए दूसरा निकाह नहीं किया जा सकता, और ऐसा समय महिला पर दो कारणों से आता है, या तो उसका पति उसे तलाक दे, या फिर यह कि उसका पति इंतिक़ाल हो जाए।
गर्भवती महिला की इद्दत:
शोहर के इंतिक़ाल के समय अगर बीवी गर्भवती हो तो डिलीवरी होने तक इद्दत रहेगी, जैसा कि क़ुरआन करीम में इर्शादे ता’आला है:
“हमला औरतों की इद्दत उनके वजा हमल (यानी बच्चा जनने) तक है।” [सूरह अत-तलाक 65:4]
विधवा महिला की इद्दत:
गर्भवती न होने की सूरत में शोहर के इंतिक़ाल की इद्दत 4 महीने और 10 दिन है, जैसा कि अल्लाह ता’आला ने इर्शाद फरमाया:
“तुम में से जो लोग फौत हो जाएं और बीवियाँ छोड़ जाएं तो वे औरतें अपने आप को चार महीने और दस दिन इद्दत में रखें।”
📕 सूरह अल-बक़राह: 234
विधवा महिला (इद्दत के दौर में) किन चीजों से परहेज़ करें?
हदीस: उम्मुल मुमिनीन उम्मे सल्माह (रज़ि) फरमाती हैं कि, रसूलअल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने इर्शाद फरमाया: “विधवा महिला (इद्दत के दौर में) रंगीन कपड़े नहीं पहनेगी, न ज़र्द न गेरू (सुर्ख मिट्टी) से रंगे हुए, इसी तरह वह न ज़ेवरात इस्तेमाल करेगी और न मेहंदी और सुरमा लगाएगी।”
📕 सुनन अबू दाउद, जिल्द 2, हदीस 534, 2304
वजहात:
- शरिअत-ए-मुतहर्रा में विधवा महिला पर शोहर की वफात की इद्दत लाज़िम है।