उम्मुल मोमिनीन हजरत आयशा (र.अ)

Hazrat Ayesha Razi Allah Tala Anhu Biography in Hindi

उम्मुल मोमिनीन हजरत आयशा (र.अ)

उम्मुल मोमिनीन हजरत आयशा (र.अ) बिन्ते अबू बक्र सिद्दीक (र.अ) इल्म व फज्ल, खैर व बरकत, अख्लाक व किरदार, जुर्रत व हिम्मत और हौसलामंदी में बेमिसाल थीं, हक बात किसी की परवाह किए बगैर, बे खौफ होकर कह दिया करती थीं।

इनकी पैदाइश नुबुव्वत के चौथे साल में मक्का मुकर्रमा में हुई, बचपन से ही बेहद जहीन और अक्लमंद थीं।

घर में खादिमा होने के बावजूद अपना काम खुद किया करती थीं। गरीबों की मदद, यतीमों की परवरिश, मेहमान नवाजी और राहे खुदा में बड़ी दर्या दिली से खर्च करती थीं, एक मर्तबा अमीर मुआविया ने उन की खिदमत में बतौरे हदिया एक लाख दिर्हम भेजा, तो शाम होने तक सब गरीबों में तकसीम कर दिया।

इस के साथ ही अल्लाह की इबादत, हुजूर (ﷺ) की सुन्नत की पैरवी और शरीयत के एक एक हुक्म पर बड़े एहतेमाम से अमल किया करती थीं, नमाज़े तहज्जुद व चाश्त की बहुत पाबंद थीं और अक्सर रोजे रखा करती थीं शरीअत के खिलाफ़ छोटी छोटी बातों से भी बचा करती थीं।

📕 इस्लामी तारीख

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