Highlights
• अल्लाह ने खाने और साँस लेने के लिए अलग-अलग नालियाँ बनाई हैं।
• खाने की नाली मेदे से जुड़ी है, जबकि साँस की नाली फेफड़ों से जुड़ी है।
• कुदरत ने दोनों नालियों को अलग रखकर इंसान की हिफाजत का अद्भुत इंतजाम किया है।
गिजा और साँस की नालियाँ
अल्लाह तआला ने हमारे साँस लेने और खाने पीने की दो मुख्तलिफ नालियाँ बनाई हैं। खाने की नाली का ताल्लुक मेदे से है और साँस की नाली का ताल्लुक फेफड़े से है। जब इन्सान खाता है या पीता है, तो कुदरती तौर पर साँस की नाली का मुँह ढक्कन की तरह परदे से बंद हो जाता है और खाने की नाली के जरिये खाना मेदे में पहुँच जाता है।
यही खाना अगर हवा की नाली में दाखिल होकर फेफड़ों में पहुँच जाता, तो इंसान का जिंदा रहना मुश्किल हो जाता।
मगर अल्लाह तआला की कुदरत पर कुर्बान जाइये के दोनों नालियों के करीब होने के बावजूद साँस लेने और खाने पीने का हैरान कुन इंतजाम फ़र्मा दिया है।
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