अल्लाह तआला ने जमीन के अन्दर किस्म किस्म की धात रखी है, उस में से एक धात चुम्बक है, जो लोहे की एक किस्म है, यह लोहे को अपनी तरफ़ खींचता है और लोहे से चिपक जाता है और लोहे के अलावा किसी दूसरी चीज़ से नहीं चिपकता, अगर उस के सामने लकडी पत्थर वगैरा रखे जाएं, तो उससे नहीं चिपकता।
जरा गौर कीजिए, के जमीन से निकली हुई मामूली सी धात में ऐसी ताकत किस ने रखी है यकीनन यह अल्लाह तआला की कुदरत है, जिस चीज में जैसा चाहता है वैसी खासियत रखता है।
गूलर के फल में अल्लाह की कुदरत अल्लाह तआला ने दुनिया में हजारों किस्म के फल पैदा किये लेकिन गूलर के फल में अल्लाह तआला ने अपनी कुदरत का इस तरह इजहार फ़र्माया के जब गूलर का फल पक जाता है तो उसकी तोड़ने पर बोहोत से कीडे निकलते हैं, जो अपने परों के जरिये उड कर गायब हो जाते हैं। आखिर इस गूलर के फल में यह उड़ने वाले कीड़े कहाँ से आ गए? जब के उस में दाखिल होने का कोई रास्ता भी नहीं है... यकीनन अल्लाह ही ने अपनी कुदरत से गूलर के फल में च्यूटी नुमा कीड़े पैदा फरमाए हैं। 📕 अल्लाह की…
शक्ल व सूरत का मुख्तलिफ होना Highlights • हर इंसान की शक्ल, रंग और सूरत अल्लाह की कुदरत से अलग होती है।• विभिन्न देशों, नस्लों और खित्तों के लोगों की शक्लें आपस में भिन्न होती हैं।• मर्द और औरत की शक्ल और बनावट में भी फर्क होता है, जो अल्लाह की महान कुदरत को दर्शाता है। अल्लाह तआला ने अपनी कुदरत से हर एक इन्सान के चेहरे पर दो कान, दो आँखें, नाक, मुँह और होंट बनाए, उस के बावजूद सब की शक्ल व रंग एक दूसरे से मुख्तलिफ है, हर मुल्क, खित्ते या नस्ल के लोगों की शक्ल व सूरत दूसरी जगह के रहने वालों…
आँखों की हिफाजत मैं अल्लाह की कुदरत Highlights • आँखों की नेअमत: अल्लाह तआला ने हमें आँख जैसी अनमोल नेअमत अता की, जिससे हम दुनिया के हसीन दृश्य देख सकते हैं।• आँखों की हिफाजत: अल्लाह ने आँखों को स्वचालित सुरक्षा प्रदान की है, जिससे आँखों की पलकें खुद बखुद किसी भी हानिकारक चीज़ के संपर्क में आने पर बंद हो जाती हैं।• आँखों की सफाई: आँखों के खुलने और बंद होने से आँखों का मैल भी साफ हो जाता है, जो अल्लाह की कुदरत की एक और निशानी है। अल्लाह तआला ने दुनिया के हसीन तरीन मनाजिर देखने के लिये हमें जिस तरह आँख जैसी नेअमत अता…
मुंह में रतूबत (थूक) Highlights • मुंह की रतूबत (थूक): खाना चबाने के दौरान पैदा होती है, जो हज्म में मदद करती है।• नॉर्मल रतूबत: हल्की रतूबत मुंह को सूखने से बचाती है और बात करने में सहायक होती है।• असंतुलन के प्रभाव: रतूबत की कमी से मुंह सूखने पर दम घुटने लगेगा, और अधिकता से बोलने और मुंह खोलने में कठिनाई होगी।• अल्लाह की कुदरत: खाना खाने के वक्त रतूबत की मात्रा बढ़ा देना और सामान्य स्थिति में उसे संतुलित रखना।• जीवन का संतुलन: यह अल्लाह की शक्ति है जो हर स्थिति में इंसान के लिए उपयुक्त व्यवस्था करती है। अल्लाह तआला ने…
जमीन से पौधा उगाना अल्लाह की कुदरत Highlights • बीज का सख्त खोल: कुछ बीज इतने सख्त होते हैं कि उन्हें दांतों से भी तोड़ना मुश्किल होता है।• नर्म पौधे की ताकत: मिट्टी में दबा बीज सख्त खोल और ज़मीन को तोड़कर बाहर निकलता है।• कुदरत का सवाल: यह सख्त खोल कौन तोड़ता है और नाज़ुक पौधा ज़मीन से कैसे निकलता है?• क़ुरआन का जवाब: "अल्लाह ही बीजों और गुठलियों को तोड़ता है।"• अल्लाह की कुदरत: हर सख्त बीज से जीवन निकालने की शक्ति अल्लाह की महानता को दर्शाती है। “बीज को ज़मीन के अंदर दबा दिया जाता है, इस का खोल बहुत सख्त होता है, कुछ…
इन्सान की पैदाइश तीन अंधेरों में Highlights • इंसान की तखलीक़: माँ के पेट में तीन अंधेरों में, बिना किसी रोशनी के, इंसान का निर्माण होता है।• अल्लाह की कुदरत: यह अद्भुत और जबरदस्त कुदरत का उदाहरण है, जहाँ अल्लाह तआला ने एक संकीर्ण और अंधेरी जगह में इंसान को पैदा किया।• कुदरत की बेमिसाल योजना: यह घटना यह साबित करती है कि अल्लाह की कुदरत के आगे किसी भी बड़ी मशीनी प्रक्रिया का कोई मुकाबला नहीं है। काइनात की सब से हसीन तरीन मख्लूख “इन्सान” जिस के लिये अल्लाह तआला ने इस कारखान ए आलम को वुजूद बख्शा है, उसकी तखलीख अल्लाह तआला जहाँ कर रहा हैं,…
बिजली की कड़क में अल्लाह की कुदरत अल्लाह तआला बादलों के जरिये बारिश नाज़िल करता है और कभी उससे बिजली पैदा करता है, जिसकी आवाज़ में बड़ी गरज और सख्त कड़क होती है। अल्लाह तआला ने इस बिजली में रौशनी और आवाज़ पैदा कर के अपनी कुदरत से रोशनी में इतनी तेज रफ्तारी पैदा कर दी के वह जमीन पर बिजली की आवाज़ से पहले पहुंच जाती है, फिर कभी इस बिजली को गिरा कर तबाही मचा देता है, गर्ज़ इन बादलों से बारिश और बिजली की गर्ज पैदा करना कुदरते खुदावन्दी का जबरदस्त नमूना है। 📕 अल्लाह की कुदरत
पत्तों में अल्लाह की कुदरत अल्लाह तआला ने जिस तरह इन्सानी जिस्म में खून की गरदिश के लिये रगें बनाई, इसी तरह पत्तों के अन्दर भी पानी सप्लाई करने के लिये बारीक जाल बिछा दिया। यह पौधे को पानी और गर्मी पहुँचाने का काम करते हैं। अगर यह बारीक मसामात पत्तों के ऊपर होते, तो सूरज की गर्मी से बचने के लिये पौधे से पानी को निकालते रहते जिस के नतीजे में पौधा सूख जाता। मगर अल्लाह तआला ने अपनी कूदरत से उन मसामात को पत्तों के अन्दर बना कर पौधों को सूखने से महफूज कर दिया। 📕 अल्लाह की कुदरत
बदन की हड्डी कुदरत की निशानी Highlights • हड्डियों की अद्भुत संरचना: करीब २४८ हड्डियाँ जिनकी संरचना अलग-अलग रूपों में है और ये शरीर के ढांचे को मजबूत करती हैं।• कुदरत की योजना: अल्लाह की कुदरत से हड्डियाँ न केवल शरीर को खड़ा रखने में मदद करती हैं, बल्कि हर हड्डी का अपना विशेष कार्य है।• अल्लाह की कारीगरी: इंसान के शरीर में इस तरह की विविधता और सही संरचना केवल अल्लाह की असीम कुदरत से ही संभव है। उस कादिरे मुतलक की कारीगरी को देखिये। उस ने एक कतरे से इंसानी जिस्म में क्या क्या कारीगरी की है। उस में अल्लाह तआला ने मुख्तलिफ किस्म…
नाक के बाल (अल्लाह की कुदरत) Highlights • नाक के बाल और म्यूकस का कार्य: ये हमारे शरीर की सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो हवा में मौजूद गंदगी और बैक्टीरिया से बचाते हैं।• अल्लाह की कुदरत: अल्लाह की अद्भुत हिकमत से हमें मामूली सी चीजों के माध्यम से जीवन को सुरक्षित और स्वस्थ रखा गया है।• बेहतर शारीरिक सुरक्षा: इस प्रणाली की मदद से इन्सान नाक और फेफड़ों की बीमारियों से बचा रहता है। अल्लाह तआला ने हर छोटी बड़ी चीज को हिकमत व मसलेहत के साथ पैदा फ़र्माया है, इन्सान ऑक्सीजन के बगैर जिन्दा नहीं रह सकता, इस लिये अल्लाह तआला ने साँस…
रेशम के कीड़े में अल्लाह की क़ुदरत रेशम के कीड़े में अल्लाह की क़ुदरत अल्लाह तआला ने एक खास किस्म की तितली पैदा फ़रमाई है, उस के अंडों से रेशम के कीड़े निकलते हैं। यह दरख्तों के हरे भरे पत्तों को खाते रहते हैं और उन के मुंह से रेशम का बारीक और कीमती तार निकलता रहता है जिसे वह अपने बदन पर लपेटते रहते हैं। फिर उसके तार को गर्म पानी में डालते हैं और उसके रेशों से धागा तय्यार करके रेशम के कीमती कपड़े तय्यार करते हैं, जो बाजार में भारी कीमत में बिकते हैं। आखिर इस नन्हे से कीड़े को उम्दा रेशम तय्यार करने की सलाहियत…
अल्लाह तआला ने कलम को पैदा किया Highlights • अल्लाह तआला की सृष्टि: अल्लाह ने सबसे पहले क़लम को पैदा किया और उसे पूरी काइनात की तक़दीर लिखने का हुक्म दिया। • तक़दीर की तहरीर: क़लम ने क़यामत तक होने वाली तमाम घटनाओं को अल्लाह के हुक्म से पहले ही लिख दिया। • अल्लाह की अजीम कुदरत: अल्लाह ने मख्लूक़ की तक़दीर को ज़मीन और आसमान की पैदाइश से 50,000 साल पहले तय किया। अल्लाह तआला हमेशा से है और हमेशा रहेगा, हर चीज़ को अल्लाह तआला ही ने पैदा किया और एक दिन उसी के हुक्म से सारी काइनात खतम हो जाएगी। कुरअने पाक में अल्लाह…
च्यूंटी की दूर अन्देशी मैं अल्लाह की कुदरत Highlights • च्यूंटी की कुदरत: अल्लाह तआला ने च्यूंटी जैसी छोटी मख्लूक को भी अपनी गिजा जमा करने की विशेष हिकमत अता की है।• दूर अन्देशी: च्यूंटियाँ एक दूसरे की मदद करती हैं, गर्मी और सर्दी से बचने के लिए जरूरी वस्तुएं जमा करती हैं ताकि सुरक्षित रूप से अपने घरों में बैठकर खा सकें।• च्यूंटी की समझ: च्यूंटी को यह समझ और दूरअंदेशी कहां से मिली? यह अल्लाह की कुदरत का एक अद्भुत उदाहरण है। अल्लाह तआला की छोटी सी मख्लूक च्यूटी को देखो, कुदरत ने उस को अपनी गिजा जमा करने की कैसी हिक्मत सिखाई है, अपनी गिजा…
साँस लेने का निज़ाम, बलग़म के फायदे Highlights • बलग़म का कार्य: यह हवा के नालियों को गीला रखता है और उसमें मौजूद गंदगी को जकड़कर बाहर निकालता है।• फेफड़ों की हिफाज़त: इस प्रणाली के कारण, हमारे फेफड़े सुरक्षित रहते हैं और गंदगी से मुक्त रहते हैं।• अल्लाह की कुदरत: यह दर्शाता है कि अल्लाह तआला ने कितनी बारीकी से हमारे शरीर की सुरक्षा के लिए गैबी इंतजाम किया है। जब हम गर्द व गुबार वाली हवा में साँस लेते हैं तो मिट्टी के ज़र्रात भी उस में शामिल हो जाते हैं। जिनसे हिफाजत के लिये अल्लाह तआला ने नाक से फेफड़े तक हवा के रास्ते में…
गिजा और साँस की नालियाँ Highlights • अल्लाह ने खाने और साँस लेने के लिए अलग-अलग नालियाँ बनाई हैं।• खाने की नाली मेदे से जुड़ी है, जबकि साँस की नाली फेफड़ों से जुड़ी है।• कुदरत ने दोनों नालियों को अलग रखकर इंसान की हिफाजत का अद्भुत इंतजाम किया है। अल्लाह तआला ने हमारे साँस लेने और खाने पीने की दो मुख्तलिफ नालियाँ बनाई हैं। खाने की नाली का ताल्लुक मेदे से है और साँस की नाली का ताल्लुक फेफड़े से है। जब इन्सान खाता है या पीता है, तो कुदरती तौर पर साँस की नाली का मुँह ढक्कन की तरह परदे से बंद हो जाता…
MD. Salim Shaikh
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