मुसीबत के वक्त की दुआ
जब कोई मुसीबत पहुँचे या उसकी खबर आए, तो यह दुआ पढ़ेः “इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलाही राजिऊन” तर्जमा : हम … आगे पढ़े
जब कोई मुसीबत पहुँचे या उसकी खबर आए, तो यह दुआ पढ़ेः “इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलाही राजिऊन” तर्जमा : हम … आगे पढ़े
“रसूलुल्लाह (ﷺ) के पास दो कपड़े थे, जिसे आप जुमा के दिन पहनते थे फिर जब वापस तशरीफ लाते तो … आगे पढ़े
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने ग़म व मुसीबत के वक्त इस दुआ को पढ़ने के लिये फर्मायाः إِنَّا لِلَّهِ وَإِنَّا إِلَيْهِ رَاجِعُونَ … आगे पढ़े
हजरत अनस (र.अ) बयान करते हैं के, आप (ﷺ) की आदते शरीफा थी, के बा वुजू होने के बावजूद हर … आगे पढ़े
फसाद करने वालों पर गलबा पाने की दुआ फितना व फसाद करने वालों पर गलबा पाने के लिये क़ुरआन की … आगे पढ़े
रसूलुल्लाह (ﷺ) रुकू फरमाते, तो “अपने हाथों को घुटनों पर रखते, ऐसा लगता था जैसे उन को पकड़ रखा हो … आगे पढ़े
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : जब किसी मुसलमान को हँसता हुआ देखे तो यह दुआ पढ़े: तर्जमा: “अल्लाह आप को … आगे पढ़े
हज़रत इब्ने अब्बास फ़रमाते हैं के, जब रसूलुल्लाह (ﷺ) की ख़िदमत में क़बील-ए-बनू अबदुल कैस के लोग आए, तो रसूलुल्लाह … आगे पढ़े
रसूलुल्लाह (ﷺ) मूंछों को तराश्ते थे और फ़रमाया करते थे के – “हजरत इब्राहीम (र.अ) भी ऐसा ही किया करते … आगे पढ़े
۞ हदीस: रसूलुल्लाह (ﷺ) यह दुआ फरमाते थे : اللَّهمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِن منْكَرَاتِ الأَخلاقِ، والأعْمَالِ، والأَهْواءِ ( Allahumma … आगे पढ़े
सवारी पर सवार होने के बाद की दुआ रसूलुल्लाह (ﷺ) जब सफ़र के इरादे से निकलते और सवारी पर बैठ … आगे पढ़े
अपने परवरदिगार से इस तरह मगफिरत तलब करनी चाहिये: قَالَا رَبَّنَا ظَلَمْنَا أَنفُسَنَا وَإِن لَّمْ تَغْفِرْ لَنَا وَتَرْحَمْنَا لَنَكُونَنَّ مِنَ … आगे पढ़े
हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर (र.अ) बयान फ़र्माते हैं के, “मैंने रसूलुल्लाह (ﷺ) के साथ ईशा की फर्ज नमाज़ के बाद … आगे पढ़े
अपने आप को और अपनी औलाद को बुरे लोगों की सोहबत से बचाने के लिये यह दुआ पढ़े: “Rabbi najjinee … आगे पढ़े
अल्लाह तआला से रहम तलब करने के लिये दुआ ( Anta waliyyuna fagh-fir lana war-hamna, wa anta Khayrul- ghafirin ) … आगे पढ़े
रसूलुल्लाह (ﷺ) बीमारों की इयादत करते और जनाजे में शरीक होते और गुलामों की दावत कबूल फरमाते थे। 📕 मुस्तदरक … आगे पढ़े
रसूलुल्लाह (ﷺ) इशा से पहले नहीं सोते थे और इशा के बाद नहीं जागते थे (बल्के सो जाते थे) 📕 … आगे पढ़े
रसूलल्लाह (ﷺ) ने हजरत इमरान बिन हुसैन (र.अ) के वालिद को यह दुआ सिखाई: तर्जमा: ऐ अल्लाह! मेरे दिल में … आगे पढ़े
हजरत कअब बिन मालिक (र.अ) फरमाते हैं : रसूलुल्लाह (ﷺ) तीन उंगलियों से खाते थे और जब खाने से फारिग … आगे पढ़े
जन्नत हासिल करने के लिये इस दुआ को कसरत से माँगे: तर्जमा: (ऐ मेरे रब!) मुझ को जन्नत की नेअमतों … आगे पढ़े