बुखार की दुआ | Bukhar ki Dua for Child / Adult
۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞
हज़रत इब्ने अब्बास (र.अ.) फ़रमाते हैं के, रसूलुल्लाह (ﷺ) ने सहाबा-ए-किराम को बुखार और दूसरी तमाम बीमारियों से नजात के लिये यह दुआ बताई:
بِسْمِ اللَّهِ الْكَبِيرِ، أَعُوذُ بِاللَّهِ الْعَظِيمِ، مِنْ شَرِّ عِرْقٍ نَعَّارٍ، وَمِنْ شَرِّ حَرِّ النَّارِ
“बिसमिल्लाहिल कबीरी, अऊज़ु बिल्लाहिल अज़ीमि मिन शर्रि कुल्ली अर्किन ना आरिन व मिन शर्रि हर्रिन नार”
तर्जुमा: मैं अल्लाह के नाम से शुरू करता हूँ जो बहुत बड़ा है, मैं बहुत ही ज्यादा अज़मत वाले अल्लाह की पनाह माँगता हूँ, हर जोश मारने वाली रग की बुराई से और आग की गर्मी की बुराई से।
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