हर शख्स मौत के बाद अफसोस करेगा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "हर शख्स मौत के बाद अफसोस करेगा, सहाबा ने अर्ज किया: या रसूलअल्लाह (ﷺ) ! किस बात का अफसोस करेगा? आप (ﷺ) ने फ़र्माया : अगर नेक है, तो जियादा नेकी न करने का अफसोस करेगा और अगर गुनहगार है तो गुनाह से न रूकने पर…
अल्लाह के ज़िक्र की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "जो शख्स सुबह को सौ मर्तबा और शाम को सौ मर्तबा “सुब्हान अल्लाही वबिहम्दिहि” पढ़े, उस के गुनाहों की मग़फ़िरत कर दी जाएगी ख़्वाह उस के गुनाह समुन्दर के झाग से ज़्यादा हों।" 📕 तबरानी कबीर: 3370, अन अबी मालिक (र.अ)
अल्लाह के रास्ते में रोज़ा रखना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जिसने अल्लाह के रास्ते में एक रोज़ा रखा, तो अल्लाह तआला उस के और जहन्नम के दर्मियानआसमान व ज़मीन के फासले के बराबर खन्दक़ कायम कर देगा।" 📕 तिर्मिज़ी : १६२४
अगली सफ में नमाज़ अदा करने की फजीलत रसलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "अल्लाह तआला और उसके फरिश्ते पहली सफ वालों पर रहमत भेजते हैं और मोअज्जिन के बुलंद आवाज़ के बकद्र उस की मगफिरत कर दी जाती है, खुश्की और तरी की हर चीज़ उस की आवाज़ की तसदीक करती है और उस के साथ नमाज़ पढ़ने…
मौत की सख्ती के वक़्त की दुआ हजरत आयशा (र.अ) फर्माती हैं के, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने मौत से पहले यह दुआ पढ़ी थी : तर्जमा: ऐ अल्लाह! मौत की सख्तियों और बेहोशियों पर मेरी मदद फ़र्मा। 📕 तिर्मिजी : ९७८
अल्लाह के रास्ते में खर्च किया करो कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: “तुम लोग अल्लाह के रास्ते में खर्च किया करो, अपने आप को अपने हाथों से हलाकत में न डालो और खुलूस से काम किया करो, क्योंकि अल्लाह तआला! अच्छी तरह अमल करने वालों को पसन्द करता है।” 📕 सूरह बकरह: १९५
मौत के वक्त कलमा तय्यबा पढ़ने की फ़ज़ीलत : हदीस मौत के वक्त कलमा तय्यबा पढ़ने की फ़ज़ीलत ۞ हदीस: मुआद बिन जबल (र.अ.) से रिवायत है के, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: "जिस नफ्स को भी इस हाल में मौत आए की वो इस बात की गवाही देता हो की अल्लाह के सिवा कोई माबूद नही और मैं (मुहम्मद सलअल्लाहू…
ज़िक्रे इलाही (अल्लाह के ज़िक्र) की फ़ज़ीलत : हदीस रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “जो किसी जगह बैठे और उसमें वो अल्लाह का जिक्र ना करे, तो यह बैठक अल्लाह की तरफ से उसके लिए बाइसे हसरत व नुकसान होगी और जो किसी जगह लेटे और उसमें अल्लाह को याद ना करे तो लेटना उसके लिए अल्लाह की तरफ से…
हर जानदार को मौत का मज़ा चखना है | कुल्लु… कुल्लु नफ़्सिन ज़ाइक़त-उल-माैत कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "(कुल्लु नफ़्सिन ज़ाइक़त-उल-माैत) हर जानदार को मौत का मज़ा चखना है और तुम को क़यामत के दिन आमाल का पूरा पूरा बदला दिया जाएगा, फिर जो शख्स जहन्नम की आग से बचाकर जन्नत में दाखिल कर दिया गया, तो वह…