आज का सबक
۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞
“अगर कहीं अल्लाह लोगों के साथ बुरा मामला करने में भी उतनी ही जल्दी करता जितनी वे दुनिया की भलाई माँगने में जल्दी करते हैं तो काम करने की उनकी मुहलत कभी की ख़त्म कर दी गई होती।
(मगर हमारा यह तरीक़ा नहीं है) इसलिए हम उन लोगों को जो हमसे मिलने की उम्मीद नहीं रखते उनकी सरकशी में भटकने के लिए छूट दे देते हैं।”
And if Allāh was to hasten for the people the evil [they invoke] as He hastens for them the good, their term would have been ended for them. But We leave the ones who do not expect the meeting with Us
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