Jumma ki Fazilat : जुमा के दिन की फज़ीलत: जुमा का दिन अल्लाह के नज़दीक “ईद उज़ जुहा” और “ईद उल फ़ित्र “से भी बड़ा है …

۞ हदीस :अबू होरैरा रज़िअल्लाहो अन्हो से रिवायत है कि रसूलअल्लाह सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम ने फरमायाः

“बेहतरीन दिन जिस पर सूरज तोलू हुआ जुमा का दिन है,उसी दिन आदम अलैहिस्सलाम को पैदा किया गया,उसी दिन वह जन्नत मे दाखिल किये गये और उसी दिन वहां से निकाले गये और उसी दिन क़यामत क़ायम होगी।”

     📕 सहीह मुस्लिम; हदीस 854


🌹 जुमा का दिन अल्लाह के नज़दीक 
ईद उज़ जुहा और ईद उल फ़ित्र से भी बड़ा है। 🌹

۞ हदीस : अबू लुबाबा (र.अ) से रिवायत है के, नबी करीम सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम ने फ़रमाया :

जुमा का दिन दिनों का सरदार है, अल्लाह नज़दीक बड़ा दिन है,

और ये अल्लाह के नज़दीक ईद उज़ जुहा और ईद उल फ़ित्र से भी बड़ा है, इस में 5 बातें हैं :

• इस में अल्लाह तआला ने आदम (अ.स) को पैदा किया,

• इस में अल्लाह तआला ने आदम (अ.स) को ज़मीन पर उतारा,

• इस दिन आदम (अ.स) फौत (वफ़ात) हुए,

• इस में 1 घडी है जो बंदा इस घडी में अल्लाह तआला से सवाल करता है वो  इसको दे  देता है जब तक वो हराम चीज़ का सवाल ना करे। 

• इस दिन क़यामत क़ायम होगी, कोई मुकर्रब फरिश्ता ना आसमान में, ना ज़मीन में, ना हवा में, ना पहाड़ में और ना दरिया में, मगर वो जुमा से डरते है। 

     📕 इब्ने माजाह : इक़ामतीस सलाह 1084 – इमाम बसरी (र.) ने हसन कहा.


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