समुन्दर के किनारे अगर आप जाएँ तो देखेंगे के समुन्दर का पानी किनारे की तरफ़ कभी चढ़ जाता है और कभी उतर जाता है, लेकिन उस के चढने की एक हद होती है; अगर वह उस हद को पार कर जाए तो ज़बरदस्त जानी व माली नुक्सान हो जाए, क्योंकि दुनिया का तीन हिस्सा पानी और एक हिस्सा खुश्की है।
यह अल्लाह तआला की जबर्दस्त कुदरत है जिसने समुन्दरों को उनकी हदों में रोक रखा है।
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