۞ अस्सलामु अलैकुम !
….. विश्व में मुस्लिम जगत में ईद का त्यौहार अपनी पूरी रौनक और शबाब के साथ शुरू हो गया हे। रमजान का पवित्र माह ख़त्म होने के बाद शुरू हुए ईद के इस महा पर्व के साथ कुछ जरुरी बाते।
….. रमजान बेशक बन्दे और अल्लाह के बीच का मामला रहा। जिसमे बन्दे ने भूखे प्यासे रह कर रोजे रखे। बदले में अल्लाह ने पूरे रमजान माह में बन्दे के लिए बेहतरीन खाने पीने के सामान मुहैया करे रखे। रमजान के एक माह के मशक्कत भरे दिनों के बाद आने वाली ईद यानि ईदुल फ़ित्र जिसका नाम ही बाँटने वाली ख़ुशी हे।
….. इस ख़ुशी में उनको भी शामिल करे जो भले ही रोज़ा न रखते हो, तुम्हारे पास पड़ोस, जान पहचान के हो, या फिर जिनसे तुम्हे सामाजिक जिंदगी में सरोकार पड़ता हो।
….. इस्लाम में त्यौहार का एक ख़ास मकसद दिलो के रिश्तो को मजबूत करना होता हे। आज के दौर में जब की हर तरफ कशीदगी का माहोल हे, लोग एक दूसरे से कट रहे, शक की नजर से देख रहे हे. ऐसे में ईद की ख़ुशी अपनी मिठास के साथ किसी के दिल में शक्कर घोलने का काम कर दे तो इससे बढ़ कर इंसानियत का क्या भला हो सकता हे।
कुछ जरूरी हिदायत
1. हुकूमत की हिदायात और मुल्क के मौजूदा हालात को सामने रखते हुए जहां तक मुमकिन हो एहतियात से काम ले।
2. ईद की नमाज के लिए कहीं भी बड़ा इज्तेमा बिल्कुल ना करें हर घर के लोग अपने-अपने घर में नमाज पढ़ें।
3. ईद की नमाज के अलावा भी कहीं भीड़ भाड़ ना लगाएं।
4. सादगी के साथ ईद के अहकाम अदा करे।
5. अपने बाल बच्चों पर भी नजर रखें कि वह कोई खिलाफे कानून और खिलाफे शरिअत काम ना करें।
6. ड्रोन कैमरों से भी घरों की निगरानी की जाती है इसलिए छत वगैरह पर भी बड़ा इज्तेमा करने से परहेज करें।
7. मुखबिरी करने वाले भी गली-गली में मौजूद होते हैं।
8. ईद मनाते वक्त अपने इर्द-गिर्द के जरूरतमंदों की जरूरत का भी ख्याल रखें।
9. मुख्तलिफ शहरों से अपने इलाकों की तरफ पैदल या सवारी से सफर करने वालों की खिदमत करें।
10. कोरोना वायरस के खातेमा के लिए रमजान के बाकी बचे औकात में और बाद में भी खुसूसी दुआएं करें।
11. रमजान उल मुबारक के बाकी बचे लम्हात को गनीमत जानें और ज्यादा से ज्यादा नेकियां करें, मालूम नहीं दोबारा यह मौका मिले ना मिले।
अल्लाह तआला हमारी नेकीयों को कबूल फरमाए, कोताहियों और गलतियों को माफ करे, मुल्क और पूरी दुनिया को आफियत और अमन ओ अमान की नेअमत से सरफराज करे। आमीन।।।।
Dua ki Darkhwast
– From (Mohammad Salim & Ummat-e-Nabi.com Team)