इस्लामी विरोधी डच राजनेता ‘अनार्ड वॉन डूर्न’ ने अपना लीया इस्लाम

इस्लामी विरोधी डच राजनेता 'अनार्ड वॉन डूर्न' ने अपना लीया इस्लाम Dutch Islamophobe Arnoud Van Doorn revert to Islam

“क्या ये संभव है कि जीवन भर आप जिस विचारधारा का विरोध करते आए हों एक मोड़ पर आकर आप उसके अनुनायी बन जाएं। कुछ ऐसा ही हुआ है नीदरलैंड में लंबे समय तक इस्लाम की आलोचना करने वाले डच राजनेता अनार्ड वॉन डूर्न ने अब इस्लाम धर्म कबूल कर लिया है।”

अनार्ड वॉन डूर्न नीदरलैंड की घोर दक्षिणपंथी पार्टी पीवीवी यानि फ्रीडम पार्टी के महत्वपूर्ण सदस्य रह चुके हैं। यह वही पार्टी है जो अपने इस्लाम विरोधी सोच और इसके कुख्यात नेता गिर्टी वाइल्डर्स के लिए जानी जाती रही है।

मगर वो पांच साल पहले की बात थी। इसी साल यानी कि 2013 के मार्च में अर्नाड डूर्न ने इस्लाम धर्म क़बूल करने की घोषणा की। नीदरलैंड के सांसद गिर्टी वाइल्डर्स ने 2008 में एक इस्लाम विरोधी फ़िल्म ‘फ़ितना’ बनाई थी। इसके विरोध में पूरे विश्व में तीखी प्रतिक्रियाएं हुईं थीं।

“मैं पश्चिमी यूरोप और नीदरलैंड के और लोगों की तरह ही इस्लाम विरोधी सोच रखता था। जैसे कि मैं ये सोचता था कि इस्लाम बेहद असहिष्णु है, महिलाओं के साथ ज्यादती करता है, आतंकवाद को बढ़ावा देता है। पूरी दुनिया में इस्लाम के ख़िलाफ़ इस तरह के पूर्वाग्रह प्रचलित हैं।”

अनार्ड डूर्न जब पीवीवी में शामिल हुए तब पीवीवी एकदम नई पार्टी थी। मुख्यधारा से अलग-थलग थी। इसे खड़ा करना एक चुनौती थी। इस दल की अपार संभावनाओं को देखते हुए अनार्ड ने इसमें शामिल होने का फ़ैसला लिया।

» पहले इस्लाम विरोधी थे अनार्ड :

पार्टी के मुसलमानों से जुड़े विवादास्पद विचारों के बारे में जाने जाते थे तब वे भी इस्लाम विरोधी थे।

वे कहते हैं, “उस समय पश्चिमी यूरोप और नीदरलैंड के बहुत सारे लोगों की तरह ही मेरी सोच भी इस्लाम विरोधी थी। जैसे कि मैं ये सोचता था कि इस्लाम बेहद असहिष्णु है, महिलाओं के साथ ज्यादती करता है,  आतंकवाद को बढ़ावा देता है। पूरी दुनिया में इस्लाम के ख़िलाफ़ इस तरह के पूर्वाग्रह प्रचलित हैं।”

अनार्ड वॉन ने लंबे समय तक इस्लाम का विरोध करने के बाद अब इस्लाम धर्म क़बूल कर लिया है। साल 2008 में जो इस्लाम विरोधी फ़िल्म ‘फ़ितना’ बनी थी तब अनार्ड ने उसके प्रचार प्रसार में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था,  इस फ़िल्म से मुसलमानों की भावनाओं को काफ़ी ठेस पहुंची थी। वे बताते हैं, “‘फ़ितना’ पीवीवी ने बनाई थी। मैं तब पीवीवी का सदस्य था, मगर मैं ‘फ़ितना’ के निर्माण में कहीं से शामिल नहीं था. हां, इसके वितरण और प्रोमोशन का हिस्सा ज़रूर था।”

अनार्ड को कहीं से भी इस बात का अंदेशा नहीं हुआ कि ये फ़िल्म लोगों में किसी तरह की नाराज़गी, आक्रोश या तकलीफ़ पैदा करने वाली है। वे आगे कहते हैं, “अब महसूस होता है कि अनुभव और जानकारी की कमी के कारण मेरे विचार ऐसे थे। आज इसके लिए मैं वाक़ई शर्मिंदा हूं।”

» सोच कैसे बदली ?

अनार्ड ने बताया, “जब फ़िल्म ‘फ़ितना’ बाज़ार में आई तो इसके ख़िलाफ़ बेहद नकारात्मक प्रतिक्रिया हुई। आज मुझे बेहद अफ़सोस हो रहा है कि मैं उस फ़िल्म की मार्केटिंग में शामिल था।”

नीदरलैंड के सांसद गिर्टी वाइल्डर्स ने 2008 में इस्लाम की आलोचना करने वाली एक फ़िल्म बनाई थी।

» इस्लाम के बारे में अनार्ड के विचार आख़िर कैसे बदलने शुरू हुए ?

वे बताते हैं, “ये सब बेहद आहिस्ता-आहिस्ता हुआ। पीवीवी यानि फ़्रीडम पार्टी में रहते हुए आख़िरी कुछ महीनों में मेरे भीतर कुछ शंकाएं उभरने लगी थीं। पीवीवी के विचार इस्लाम के बारे में काफ़ी कट्टर थें, जो भी बातें वे कहते थे वे क़ुरान या किसी किताब से ली गई होती थीं।” इसके बाद दो साल पहले अनार्ड ने पार्टी में अपनी इन आशंकाओं पर सबसे बात भी करनी चाही। पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।  तब उन्होंने क़ुरान पढ़ना शुरू किया। यही नहीं, मुसलमानों की परंपरा और संस्कृति के बारे में भी जानकारियां जुटाने लगें।

» मस्जिद पहुंचे:

अनार्ड वॉन डूर्न इस्लाम विरोध से इस्लाम क़बूल करने तक के सफ़र के बारे में कहते हैं, “मैं अपने एक सहयोगी से इस्लाम और क़ुरान के बारे में हमेशा पूछा करता था। वे बहुत कुछ जानते थे, मगर सब कुछ नहीं। इसलिए उन्होंने मुझे मस्जिद जाकर ईमाम से बात करने की सलाह दी।” उन्होंने बताया, “पीवीवी पार्टी की पृष्ठभूमि से होने के कारण मैं वहां जाने से डर रहा था। फिर भी गया। हम वहां आधा घंटे के लिए गए थे, मगर चार-पांच घंटे बात करते रहे।”

अनार्ड ने इस्लाम के बारे में अपने ज़ेहन में जो तस्वीर खींच रखी थी, मस्जिद जाने और वहां इमाम से बात करने के बाद उन्हें जो पता चला वो उस तस्वीर से अलहदा था। वे जब ईमाम से मिले तो उनके दोस्ताने रवैये से बेहद चकित रह गए। उनका व्यवहार खुला था। यह उनके लिए बेहद अहम पड़ाव साबित हुआ। इस मुलाक़ात ने उन्हें इस्लाम को और जानने के लिए प्रोत्साहित किया। वॉन डूर्न के मस्जिद जाने और इस्लाम के बारे में जानने की बात फ़्रीडम पार्टी के उनके सहयोगियों को पसंद नहीं आई। वे चाहते थे कि वे वही सोचें और जानें जो पार्टी सोचती और बताती है।

» अंततः इस्लाम क़बूल लिया:

फ़्रीडम पार्टी के नेता गीर्ट वाइलडर्स नीदरलैंड में बुर्के पर रोक लगाने की वकालत करते आए हैं। मगर इस्लाम के बारे में जानना एक बात है और इस्लाम धर्म क़बूल कर लेना दूसरी बात। पहले पहले अर्नाड के दिमाग़ में इस्लाम धर्म क़बूल करने की बात नहीं थी। उनका बस एक ही उद्देश्य था, इस्लाम के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना। साथ ही वे ये भी जानना चाहते थे कि जिन पूर्वाग्रहों के बारे में लोग बात करते हैं, वह सही है या यूं ही उड़ाई हुई। इन सबमें उन्हें साल-डेढ़ साल लग गए। अंत में वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि इस्लाम की जड़ें दोस्ताना और सूझ बूझ से भरी हैं। इस्लाम के बारे में ख़ूब पढने, बातें करने और जानकारियां मिलने के बाद अंततः उन्होंने अपना धर्म बदल लिया।

अनार्ड के इस्लाम क़बूलने के बाद बेहद मुश्किलों से गुज़रना पड़ा। वे कहते हैं, “मुझपर फ़ैसला बदलने के लिए काफ़ी दबाव डाले गए, अब मुझे ये समझ में आ रहा था कि मेरे देश नीदरलैंड में लोगों के विचार और सूचनाएं कितनी ग़लत हैं।”

» परिवार और दोस्तों को झटका:

अनार्ड अब इस्लाम को दोस्ताना और सूझ बूझ से भरे संबंधों वाला मानते हैं। परिवार वाले और दोस्त मेरे फ़ैसले से अचंभित रह गए। मेरे इस सफ़र के बारे में केवल मां और मंगेतर को पता था। दूसरों को इसकी कोई जानकारी नहीं थे। इसलिए उन्हें अनार्ड के मुसलमान बन जाने से झटका लगा। कुछ लोगों को ये पब्लिसिटी स्टंट लगा, तो कुछ को मज़ाक़।

अनार्ड कहते हैं कि अगर ये पब्लिसिटी स्टंट होता तो दो-तीन महीने में ख़त्म हो गया होता। वे कहते हैं, “मैं बेहद धनी और भौतिकवादी सोच वाले परिवार से हूं। मुझे हमेशा अपने भीतर एक ख़ालीपन महसूस होता था। मुस्लिम युवक के रूप में अब मैं ख़ुद को एक संपूर्ण इंसान महसूस करने लगा हूं। वो ख़ालीपन भर गया है।” (बीबीसी से बातचीत पर आधारित)


Discover more from उम्मते नबी ﷺ हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.




WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

Comment

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *