धर्म आत्मज्ञान के लिए है तथा आस्था, कर्म और संस्कृति का संगम जब होता है Last updated Jan 20, 2021 102 Share धर्म आत्मज्ञान के लिए है। “आस्था, कर्म और संस्कृति का संगम जब होता है तब धर्म प्रबुद्ध होता है। इन में से एक की भी कमी धर्म की आत्मा को नष्ट कर देती है।” Hadeesआत्मज्ञानआस्थाकर्मधर्म 102 Share
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