इब्न सीना
इब्न सीना का पूरा नाम अली अल हुसैन बिन अब्दुल्लाह बिन अल-हसन बिन अली बिन सीना है।
इनकी गणना इस्लाम के प्रमुख डाक्टर और दर्शिनिकों में होती है पश्चिम में इन्हें अवेसेन्ना (Avicenna) के नाम से जाना जाता है ये इस्लाम के बड़े विचारकों में से थे ,इब्न सीना ने 10 साल की उम्र में ही कुरआन हिफ्ज़ कर लिया था।
बुखारा के सुलतान नूह इब्न मंसूर बीमार हो गये किसी हकीम की कोई दवाई कारगर शाबित न हुई 18 साल की उम्र में इब्न सीना ने उस बीमारी का इलाज़ किया जिस से तमाम नामवर हकीम तंग आ चुके थे।
इब्न सीना की दवाई से सुल्तान इब्न मंसूर स्वस्थ हो गये ,सुल्तान ने खुश हो कर इब्न सीना को पुरस्कार रूप में एक पुस्तकालय खुलवा कर दिया अबू अली सीना की स्मरण शक्ति बहुत तेज़ थी उन्होंने जल्द ही पूरा पुस्तकालय छान मारा और जरूरी जानकारी एकत्र कर ली फिर 21 साल की उम्र में अपनी पहली किताब लिखी।
अबू अली सीना ने 21 बड़ी और २४ छोटी किताबें लिखीं लेकिन कुछ का मानना है कि उन्होंने 99 किताबों की रचना की।
उनकी गणित पर लिखी 6 पुस्तकें मौजूद हैं जिनमे “रिसाला अल-जराविया ,मुख्तसर अक्लिद्स,अला रत्मातैकी,मुख़्तसर इल्म-उल-हिय ,मुख्तसर मुजस्ता ,रिसाला फी बयान अला कयाम अल-अर्ज़ फी वास्तिससमा (जमीन की आसमान के बीच रहने की स्थिति का बयान ) शामिल हैं।
इनकी किताब “किताब अल कानून” चिकित्सा की एक मशहूर किताब है जिनका अनुवाद अन्य भाषाओँ में भी हो चुका है उनकी ये किताब 19वीं सदी के अंत तक यूरोप की यूनिवर्सिटीयों में पढाई जाती रही।
अबू अली सीना की वैज्ञानिक सेवाओं को देखते हुए यूरोप में उनके नाम से डाक टिकट जारी किये गये हैं।
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