सबसे बेहतर दुआ अरफा (9 ज़िल-हिज्जा) वाले दिन की दुआ है और मैंने अब तक जो कुछ (बतौर ज़िक्र) कहा है और मुझसे पहले जो दुसरे नबियों ने कहा उसमें सबसे बेहतर दुआ है –
अल्लाह के सिवा कोई (सच्चा माबूद) नहीं, वो अकेला है और उसका कोई शरीक नहीं, उसी के लिए सारी बादशाही है और उसी के लिए सारी तारीफ है और वो हर चीज़ पर ख़ूब क़ुदरत रखता है।
दहेज़ की हक़ीकत और दहेज प्रथा के दुष्प्रभाव (Reality of Dowry) ये वो विषय है जिस पर अगर तफसील से लिखा जाए तो रुकना मुश्किल है। बहरहाल फिर भी हम इस पर दहेज़ के ताल्लुक से कुछ अहम बात करने की कोशिश करेंगे। • सबसे पहली बात अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त नें क़ुरआन में फरमाया: “मर्द औरतों पर क़व्वाम हैं इसलिए कि अल्लाह तआला नें उनमें से एक को दूसरे पर फज़ीलत दी और इसलिए कि मर्द अपना माल खर्च करते हैं ” [अल-क़ुरआन; 4:34] *तो कमाने की जिम्मेदारी अल्लाह नें मर्द को दि है। लेकिन आज फिर भी देखा जाता है के बोहोत से मर्द अपनी मर्दानगी दांव पर लगाकर ससुराल…
दुआ इबादत है - तो इबादत के उसूल - हदीस की रौशनी में ♥ मह्फुम ऐ हदीस: हजरत अब्दुल्लाह इब्न अब्बास (रज़ि0) का बयान है कि एक दिन मैं अल्लाह के अन्तिम रसूल मुहम्मद (सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम) के पीछे सवारी पर बैठा था कि आपने फऱमायाः ऐ बेटे! मैं तुम्हें कुछ बातें सिखाता हूं: अल्लाह को याद रख, अल्लाह तेरी रक्षा करेगा। अल्लाह को याद रख अल्लाह को अपने सामने पाएगा। जब तुझे कुछ सवाल करना हो, तो मात्र अल्लाह से सवाल कर, और जब तुझे सहायता की आवश्यकता हो, तो मात्र अल्लाह से सहायता माँग। और अच्छी तरह जान ले कि यदि सारा संसार इस बात पर एकत्र हो जाए कि तुझे…
अकीदा क्या होता है ? और इसका महत्त्व 1- प्रश्नः वह कलमा जिसे बोलकर एक आदमी मुसलमान बनता है क्या है और उसका अर्थ क्या होता है ? उत्तरः वह कलमा जिसे बोलकर एक आदमी मुसलमान बनता है कलमा शहादत ( अश्हदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाहु व अश्हदु अन्न मोहम्मदन रसूलुल्लाह) है। जिसका अर्थ होता है में गवाही देता हूँ कि अल्लाह के अलावा और कोई सही इबादत (पूजा) के योग्य नहीं और मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के रसूल हैं। इस मे दो सवालों का जवाब दिया गया है इबादत किसकी? और इबादत किस प्रकार? इबादत किसकी, का जवाब कलमा शहादत के पहले…
141+ हदीस की अच्छी-अच्छी बातें | पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब (ﷺ) की शिक्षाओं की एक झलक हदीस की अच्छी-अच्छी बातें अल्लाह के आखरी पैगंबर मुहम्मद साहब (ﷺ) की शिक्षाओं की एक झलक हिंदी में। हदीस की अच्छी-अच्छी बातें संसार के विषय में | Best Islamic Quotes 1-10 1. समस्त संसार को बनाने वाला एक ही मालिक अल्लाह हैं। वह निहायत मेहरबान और रहम करने वाला है। उसी की ईबादत (पूजा) करो और उसी का हुक्म मानो। 2. मैं अल्लाह की ओर से संसार का मार्गदर्शक नियुक्त किया गया हूॅ। मार्ग दर्शन का कोई बदला तुमसे नही चाहता। मेरी बातें सुनों और मेरी आज्ञा का पालन करो। 3. अल्लाह ने इन्सान पर अनगिनत उपकार किए हैं। धरती…
नॉन-मुस्लिम भाइयो द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले कुछ सुनहरे जुमले .... अक्सर देखा जाता है की कई गैर-मुस्लिम मुस्लिमो द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले आम शब्द जैसे माशाअल्लाह, सुभानल्लाह, इंशाल्लाह इत्यादि का मतलब नहीं पता होता. नीचे इनका मतलब और इन्हें कहाँ इस्तेमाल किया जाता है इसकी जानकारी दी गयी है. अगर कोई शब्द ऐसा है जो यहाँ न लिखा हो लेकिन आप उसका मतलब जानना चाहते हों तो वेबसाइट के फीडबैक या इस पोस्ट के कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। 1. बिस्मिल्लाही रहमानीर्रहीम (Bismillah-Hirrahman-Nirrahim): » अल्लाह के नाम से शुरू जो बड़ा कृपालु और अत्यन्त दयावान हैं. 2. अस्सलामो अलैकुम (Asalamo Alaikum): » यह मुस्लिमो का सबसे आम अभिवादन…
हज का सुन्नत तरीका ~ कुरआन व सुन्नत की रौशनी में हज का सुन्नत तरीका | हज का तारूफ , हज्ज के फ़र्ज़ होने की शर्तें, हज में एहतियात करने वाली बाते, एहराम की हालत में मना की हुई चीज़ें, हज्ज के तीन किस्मे, यौमूत्तर्वियह, अरफा का दिन , मुज़दलिफा में रात बिताना, यौमुन्नह्र (10 जिल हिज्जा – क़ुरबानी का दिन), अय्यामुत्तश्रीक़ (11,12,13 जिल हिज्जा), जिल हिज्जा की 12वीं तारीख
तरावीह की नमाज़ के वैज्ञानिक फायदे (Scientific Benefits of Salah) नमाज में हैं तन्दुरुस्ती के राज: मोमिन अल्लाह के हर फरमान को अपनी ड्यूटी समझ उसकी पालना करता है। उसका तो यही भरोसा होता है कि अल्लाह के हर फरमान में ही उसके लिए दुनिया और आखिरत की भलाई छिपी है,चाहे यह भलाई उसके समझ में आए या नहीं। यही सोच एक मोमिन लगा रहता है अल्लाह की हिदायत के मुताबिक जिंदगी गुजारने में। समय-समय पर हुए विभिन्न शोधों और अध्ययनों ने इस्लामिक जिंदगी में छिपे फायदों को उजागर किया है। नमाज को ही लीजिए। साइंसदानों ने साबित कर दिया है कि नमाज में सेहत संबंधी कई फायदे छिपे हुए…
रमज़ान का महिना ... जानिए: इसमें क्या है हासिल करना? हम मुसलमानों ने कुरआन की तरह रमज़ान को भी सिर्फ सवाब की चीज़ बना कर रख छोड़ा है, हम रमज़ान के महीने से सवाब के अलावा कुछ हासिल नहीं करना चाहते इसी लिए हमारी ज़िन्दगी हर रमज़ान के बाद फ़ौरन फिर उसी पटरी पर आ जाती है जिस पर वो रमज़ान से पहले चल रही थी
अरफ़ा के दिन रोजा रखने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “अरफ़ा के दिन का रोजा रखना एक साल अगले एक साल पिछले गुनाहों को माफ़ करा देता है।” 📕 सही इब्ने खुजैमाः३०३४
Eid al Adha 2024 : जानिए ~ क्यों मनायी जाती है कुर्बानी ईद जानिए ~ क्यों मनायी जाती है कुर्बानी ईद ईद उल अज़हा को सुन्नते इब्राहीम भी कहते है। इस्लाम के मुताबिक, अल्लाह ने अपने नबी(प्रेषित) हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की परीक्षा लेने के उद्देश्य से अपनी सबसे प्रिय चीज की कुर्बानी देने का हुक्म दिया। – हजरत इब्राहिम को लगा कि उन्हें सबसे प्रिय तो उनका बेटा है इसलिए उन्होंने अपने बेटे की ही बलि देना स्वीकार किया। – हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम को लगा कि कुर्बानी देते समय उनकी भावनाएं आड़े आ सकती हैं, इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी। जब अपना काम पूरा करने के बाद पट्टी हटाई तो…
मुस्लिम औरत | दुनिया की सबसे बेहतरीन पूंजी इस पोस्ट में हम मुस्लिम औरत की पहचान और खूबियाँ, उसकी जिम्मेदारियां, और उसको मिलने वाले हुकूक, उसकी नादानियों और शर्र की वजह से होने वाले हश्र पर गौर करेंगे। मुस्लिम ख़्वातीन से मुताअ़ल्लिक़ मोअ्तबर अह़ादीस़ का एक मुख़्तसर मजूमुआ औरत / माँ की रह़मत उमर बिन ख़त्ताब रजिअल्लाहु अ़न्हु फ़रमाते हैं कि वो अल्लाह के नबी ﷺ के पास कुछ क़ैदी ले कर आए। उन कैदियों में एक औ़रत भी थी जो (अपने) बच्चे को तलाश कर रही थी। जब उसे कोई बच्चा मिलता उसे अपने सीने से लगा लेती और दूध पिलाती। ये मंज़र देख कर अल्लाह के…
क्यों हमेशा ईद मिलाद की मुखालिफत की जाती है ? जानिए एक कड़वा सच एक अरसे तक मुनाफिको ने हमारे नबी (स.) की वफात के दिन १२ रब्बिउल अव्वल को जश्न मनाया, और ये तारीख १२ वफात के नाम से मशहूर हुई, इसी नाम से यहाँ स्कूल और सरकारी छुट्टिया दी जाती रही. लेकिन जब उम्मत में शऊर आने लगा और लोग सवाल करने लगे के १२ वफात के नाम से जश्न कैसा तो फिर नाम बदल के मिलाद उन नबी, और अब ईद मिलादुन नबी रख दिया गया ,.. यकींन नहीं होता तो अपने घर के बुज्रुगो से पूछना के उन्होंने कभी बचपन में मिलाद का नाम सुना था ? हाँ इसी बात की हम…
MD. Salim Shaikh
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