“अगर कहीं अल्लाह लोगों के साथ बुरा मामला करने में भी उतनी ही जल्दी करता जितनी वे दुनिया की भलाई माँगने में जल्दी करते हैं तो काम करने की उनकी मुहलत कभी की ख़त्म कर दी गई होती।
(मगर हमारा यह तरीक़ा नहीं है) इसलिए हम उन लोगों को जो हमसे मिलने की उम्मीद नहीं रखते उनकी सरकशी में भटकने के लिए छूट दे देते हैं।”
And if Allāh was to hasten for the people the evil [they invoke] as He hastens for them the good, their term would have been ended for them. But We leave the ones who do not expect the meeting with Us
Islam ki khubiyan : इस्लाम की विशेषताएं | इस्लाम धर्म की शिक्षाएं इस पोस्ट में हम जानेंगे "इस्लाम धर्म की शिक्षाएं, इस्लाम धर्म के सिद्धांत, इस्लाम की सच्चाई, इस्लाम के नियम, इस्लाम का उदय।" १. इस्लाम धर्म की बुनियादी शिक्षाएं हैं "शांति, प्रेम, सद्भाव व भाईचारा" २. इस्लाम की एक विशेषता यह भी है कि यह लोगों के ऊपर दया तथा कृपा करने वाला धर्म है। पैग़म्बर मुहम्मद ने फ़रमाया किः “अल्लाह रफ़ीक (नरम) है, नरमी को पसंद करता है तथा नरमी बरतने पर वह जो कुछ देता है सख़्ती बरतने पर नहीं देता।" [मुस्लिम] ३. इस्लाम तुम्हें आदेश देता है कि तुम लोगों के साथ न्याय करो और उनके लिए वही चीज़ पसंद करो जो अपने…
तरावीह की नमाज़ के वैज्ञानिक फायदे (Scientific Benefits of Salah) नमाज में हैं तन्दुरुस्ती के राज: मोमिन अल्लाह के हर फरमान को अपनी ड्यूटी समझ उसकी पालना करता है। उसका तो यही भरोसा होता है कि अल्लाह के हर फरमान में ही उसके लिए दुनिया और आखिरत की भलाई छिपी है,चाहे यह भलाई उसके समझ में आए या नहीं। यही सोच एक मोमिन लगा रहता है अल्लाह की हिदायत के मुताबिक जिंदगी गुजारने में। समय-समय पर हुए विभिन्न शोधों और अध्ययनों ने इस्लामिक जिंदगी में छिपे फायदों को उजागर किया है। नमाज को ही लीजिए। साइंसदानों ने साबित कर दिया है कि नमाज में सेहत संबंधी कई फायदे छिपे हुए…
हदीस क्या है ? हदिस का परिचय और हदीस पर अमल की जरुरत हदीस क्या है - हदिस का परिचय ? पवित्र क़ुरआन के बाद मुसलमानों के पास इस्लाम का दूसरा शास्त्र अल्लाह के रसूल मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की कथनी और करनी है जिसे हम हदीस और सीरत के नाम से जानते हैं। हदिस की परिभाषाः हदीस का शाब्दिक अर्थ है: बात, वाणी और ख़बर। इस्लामी परिभाषा में ‘हदीस’ मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की कथनी, करनी तथा उस कार्य को कहते हैं जो आप से समक्ष किया गया परन्तु आपने उसका इनकार न किया। अर्थात् 40 वर्ष की उम्र में अल्लाह की ओर से सन्देष्टा (नबी, रसूल) नियुक्त किए जाने…
रमज़ान का महिना ... जानिए: इसमें क्या है हासिल करना? हम मुसलमानों ने कुरआन की तरह रमज़ान को भी सिर्फ सवाब की चीज़ बना कर रख छोड़ा है, हम रमज़ान के महीने से सवाब के अलावा कुछ हासिल नहीं करना चाहते इसी लिए हमारी ज़िन्दगी हर रमज़ान के बाद फ़ौरन फिर उसी पटरी पर आ जाती है जिस पर वो रमज़ान से पहले चल रही थी
तवक्कुल का मतलब: अल्लाह पर मुकम्मल भरोसा | Tawakkul meaning in Hindi तवक्कुल का मतलब: अल्लाह पर मुकम्मल भरोसा तवक्कुल (Tawakkul) का इस्लामी अक़ाइद में एक अहम तसव्वुर है, जो अल्लाह पर यकीन और भरोसे की अलामत है। हिंदी में, तवक्कुल का मतलब है "अल्लाह पर पूरा भरोसा और यकीन रखना।" ये यकीन की एक खास किस्म की हालत है, जो हमें हर हालात में पुरसुकून और साबित क़दम रहने की सीख देती है। तवक्कुल का मतलब और अहमियत तवक्कुल की तशरीह अरबी लफ्ज़ "तवक्कुल" का लफ़्ज़ी मतलब है "भरोसा करना" या "निर्भर करना।" इस्लामी अक़ाइद में, ये अल्लाह पर मुकम्मल यकीन और भरोसा रखने का जिक्र करता है, ये जानते हुए…
दहेज़ की हक़ीकत और दहेज प्रथा के दुष्प्रभाव (Reality of Dowry) ये वो विषय है जिस पर अगर तफसील से लिखा जाए तो रुकना मुश्किल है। बहरहाल फिर भी हम इस पर दहेज़ के ताल्लुक से कुछ अहम बात करने की कोशिश करेंगे। • सबसे पहली बात अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त नें क़ुरआन में फरमाया: “मर्द औरतों पर क़व्वाम हैं इसलिए कि अल्लाह तआला नें उनमें से एक को दूसरे पर फज़ीलत दी और इसलिए कि मर्द अपना माल खर्च करते हैं ” [अल-क़ुरआन; 4:34] *तो कमाने की जिम्मेदारी अल्लाह नें मर्द को दि है। लेकिन आज फिर भी देखा जाता है के बोहोत से मर्द अपनी मर्दानगी दांव पर लगाकर ससुराल…
औलिया अल्लाह | Allah ke wali (Aulia Allah) ki Pehchan aur Sifat औलिया अल्लाह Aulia Allah (Allah ke Wali) ki Pehchan aur Sifat बिस्मिल्लाहि र्रहमानि र्रहीम शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और बहुत रहम वाला है। सब तअरीफें अल्लाह तआला के लिए हैं। हम उसी का शुक्र अदा करते हैं और उसी से मदद और माफी चाहते हैं। अल्लाह की ला तादाद सलामती, रहमतें और बरकतें नाजिल हो मुहम्मद सल्ल. पर, आप की आल व औलाद और असहाब रजि पर। व बअद! वली का मतलब वलायत अदावत की जिद है। वलायत मुहब्बत और कुर्ब को कहा जाता है और अदावत गुस्से और दूरी को। यानि वलायत के मआनी दोस्ती के…
अपनी जानों पर जुल्म ना करो: कुरआन अपनी जानों पर ज़ुल्म न करो: अल्लाह ताला ज़ुल्म से बचने के बारे में इरशाद फरमाता है: और अपने आप को क़त्ल न करो। और जो शख्स जोरो ज़ुल्म से नाहक़ ऐसा करेगा (ख़ुदकुशी करेगा) तो (याद रहे कि) हम बहुत जल्द उसको जहन्नुम की आग में झोंक देंगे यह ख़ुदा के लिये आसान है। सूरह निसा 4:29-30 और अल्लाह की राह में ख़र्च करो और अपने हाथ जान हलाकत मे न डालो और नेकी करो बेशक अल्लाह नेकी करने वालों को दोस्त रखता है। सूरह बकराह 2:195 अल्लाह ने ज़ुल्म को हराम कर दिया: (ऐ रसूल) तुम साफ कह…
अकीदा क्या होता है ? और इसका महत्त्व 1- प्रश्नः वह कलमा जिसे बोलकर एक आदमी मुसलमान बनता है क्या है और उसका अर्थ क्या होता है ? उत्तरः वह कलमा जिसे बोलकर एक आदमी मुसलमान बनता है कलमा शहादत ( अश्हदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाहु व अश्हदु अन्न मोहम्मदन रसूलुल्लाह) है। जिसका अर्थ होता है में गवाही देता हूँ कि अल्लाह के अलावा और कोई सही इबादत (पूजा) के योग्य नहीं और मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के रसूल हैं। इस मे दो सवालों का जवाब दिया गया है इबादत किसकी? और इबादत किस प्रकार? इबादत किसकी, का जवाब कलमा शहादत के पहले…
पशुओं और परिंदों का समाजी जीवन ... *पवित्र क़ुरआन और जीव विज्ञान (Holy Quran & Biology) ♥ अल-क़ुरआन: "धरती पर चलने वाले किसी पशु और हवा में परों से उड़ने वाले किसी परिंदे को देख लो यह सब तुम्हारे ही जैसी नस्लें हैं और हम ने उनका भाग्य लिखने में कोई कसर नहीं छोड़ी हैः फिर यह सब अपने रब की ओर समेटे जाते हैं।" - (सूर: 6 ; आयत-38 ) *शोध से यह भी प्रमाणित हो चुका है कि पशु और परिंदे भी समुदायों (Communities) के रूप में रहते हैं। अर्थात उनमें भी एक सांगठनिक आचार व्यवस्था होती है। वह मिल जुल कर रहते और काम…
141+ हदीस की अच्छी-अच्छी बातें | पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब (ﷺ) की शिक्षाओं की एक झलक हदीस की अच्छी-अच्छी बातें अल्लाह के आखरी पैगंबर मुहम्मद साहब (ﷺ) की शिक्षाओं की एक झलक हिंदी में। हदीस की अच्छी-अच्छी बातें संसार के विषय में | Best Islamic Quotes 1-10 1. समस्त संसार को बनाने वाला एक ही मालिक अल्लाह हैं। वह निहायत मेहरबान और रहम करने वाला है। उसी की ईबादत (पूजा) करो और उसी का हुक्म मानो। 2. मैं अल्लाह की ओर से संसार का मार्गदर्शक नियुक्त किया गया हूॅ। मार्ग दर्शन का कोई बदला तुमसे नही चाहता। मेरी बातें सुनों और मेरी आज्ञा का पालन करो। 3. अल्लाह ने इन्सान पर अनगिनत उपकार किए हैं। धरती…
न्याय - इन्सान का हक़: # न्याय: - यह एक बहुत अहम अधिकार है, जो इस्लाम ने इन्सान को इन्सान होने की हैसियत से दिया है। कु़रआन में आया है कि: ♥ अल-कुरान: ‘‘किसी गिरोह की दुश्मनी तुम्हें इतना न भड़का दे कि तुम नामुनासिब ज़्यादती करने लगो’’ - [सुरह(5)माइदा:आयत:8] *आगे चलकर इसी सिलसिले में फिर फ़रमाया: ♥ अल-कुरान: ‘‘और किसी गिरोह की दुश्मनी तुम को इतना उत्तेजित न कर दे कि तुम इन्साफ़ से हट जाओ, (जबकि) इन्साफ़ करो, यही धर्म परायणता से क़रीबतर है’’ - [सुरह(5)माइदा:आयत:8] - मालूम हुआ कि आम इन्सान ही नहीं दुश्मनों तक से इन्साफ़ करना चाहिए। दूसरे शब्दों में…
जानिए : कब क्या कहें | Kab Kya Kahein in Hindi जानिए : हर काम शुरु करने से पहले, कुरआन पढ़ने से पहले, जब कोई काम आइन्दह करना हो तो, ख़ुशी और ख़ैरियत के वक़्त, किसी को हंसता देखें तो कहें , मुसीबत के वक्त, गुनाह (बुरी बात) से डर कर, गुनाह का काम हो जाए तो, ऊँचाई पर चढ़े, नीचे की तरफ उतरें तो, तअज्जुब के वक़्त ?
MD. Salim Shaikh
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