इमाम अबू दाऊद (रह.)

आप का नाम सुलेमान और वालिद का नाम अशअस था, अबू दाऊद आप का शुरू ही से लकब था, आप की विलादत बा सआदत सन २०२ हिजरी में शहर “सजिस्तान” में हुई।

आपने इल्म हासिल करने के लिए मिस्र, जजीरा, इराक और खुरासान वगैरा के सफ़र किए, आप बड़े बड़े हुफ्फाज़े हदीस और फुकहा में से एक है, लेकिन फ़न्ने हदीस में आप का एक खास मकाम है, आप की शान में यह कहा जाता है के आप के लिये, हदीसे इसी तरह आसान और सहल कर दी गई थीं, जिस तरह हजरत दाऊद के लिए लोहे को नर्म कर दिया गया था और बाज़ उलमा फ़र्माते हैं के इमाम अबू दाऊद दुनिया में हदीस के लिए और आखिरत में जन्नत के लिए पैदा किये गए हैं और हम ने उन से अच्छा और अफ़ज़ल किसी को नहीं देखा।

आप ने बेशमार किताबें लिखी, जिनमें बलंद पाया किताब “सुनन अबी दाऊद” है, जो चार हजार आठ सौ हदीस पर मुश्तमिल है, आप खुद फरमाते है के मैं ने नबी (ﷺ) की पाँच लाख हदीसों में से चार हजार आठ सौ हदीस इस किताब में लिखा है। आप की वफ़ात बसरा में १६ शव्वाल सन ३७५ हिजरी को हुई।




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