एक ज़माने से सोशल मीडिया पर ऐसे मेसेजेस की भरमार लगी हुई है के,
सऊदी अरब के इमाम ने ख्वाब में नबी सलल्लाहु अलैहि वसल्लम को देखा है, फलाल फलाह पैगाम आया है, लोगो को हुक्म दिया जाये के कुरआन की तीलावत करो, इस मेसेज को २२ लोगों को भेजोगे तो ५ दिन में खुशखबरी मिलेगी, और जो इसको जाया करेगा तो १५ साल तक कोई ख़ुशी नहीं मिलेगी।
क्या वाकय में ऐसे मेसेज को वायरल करने से खुशखबरी मिलेगी? हकीकत जानिए 👇
क़सस उल अंबिया | 25+ नबियों के किस्से और वाक़ियात हिंदी में क़सस उल अंबिया अम्बिया अलैहि सलाम के वाक़ियात हिंदी में | आदम अलैहि सलाम से लेकर नबी सलल्लाहु अलैहि वसल्लम तक तफ्सीली जानकारी। क़सस उल अंबिया ~ Qasas ul Anbiya in Hindi कायनात की पैदाइश और पहला इंसान 1 तम्हीद 2 पहला इंसान 3 इल्मी बहसों से मुतालिक इस्लामी नुक्ता-ए-नज़र (दृष्टिकोण): हज़रत आदम अलैहि सलाम 1 आदम अलैहिस्सलाम की पैदाइश, फ़रिश्तों को सज्दे का हुक्म, शैतान का इंकार: 2 सज्दे से इन्कार करने पर इब्लीस का मुनाज़रा: 3 इब्लीस ने मोहलत तलब की: 4 आदम अलैहिस्सलाम और दूसरे फ़रिश्ते: 5 आदम अलैहिस्सलाम की खिलाफत – 6 आदम अलैहिस्सलाम की तालीम (इल्म का सिखाना) और फ़रिश्तों का इज्ज़ का इक़रार:…
क्यों हमेशा ईद मिलाद की मुखालिफत की जाती है ? जानिए एक कड़वा सच एक अरसे तक मुनाफिको ने हमारे नबी (स.) की वफात के दिन १२ रब्बिउल अव्वल को जश्न मनाया, और ये तारीख १२ वफात के नाम से मशहूर हुई, इसी नाम से यहाँ स्कूल और सरकारी छुट्टिया दी जाती रही. लेकिन जब उम्मत में शऊर आने लगा और लोग सवाल करने लगे के १२ वफात के नाम से जश्न कैसा तो फिर नाम बदल के मिलाद उन नबी, और अब ईद मिलादुन नबी रख दिया गया ,.. यकींन नहीं होता तो अपने घर के बुज्रुगो से पूछना के उन्होंने कभी बचपन में मिलाद का नाम सुना था ? हाँ इसी बात की हम…
ऐ मुसलमानो! तुम सबसे बेहतर उम्मत हो !!!! आज हम मुसलमान ख़त्म ऐ नुबुव्वत का मतलब सिर्फ यह समझते हैं कि अब कोई नबी कभी नहीं आएगा... बेशक यह अकीदा सही है लेकिन यह पूरा अकीदा नहीं है ..... पूरी बात यह है कि अब कोई नबी नहीं आएगा अब मुसलमानों को ही अल्लाह का पैगामे हक उन लोगों तक पहुँचाना है जिन तक नहीं पहुंचा . और इसकी वजाहत भी अल्लाह रब्बुल इज्ज़त कुरान में बयांन कर चूका है » अल-कुरान: (ऐ मुसलमानो!) तुम सबसे बेहतर उम्मत हो, इंसानों के फायदे के लिए तुम्हे निकला (पैदा किया) गया है (तुम बेहतर इसीलिए हो क्यूंकि) तुम नेक कामो…
141+ हदीस की अच्छी-अच्छी बातें | पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब (ﷺ) की शिक्षाओं की एक झलक हदीस की अच्छी-अच्छी बातें अल्लाह के आखरी पैगंबर मुहम्मद साहब (ﷺ) की शिक्षाओं की एक झलक हिंदी में। हदीस की अच्छी-अच्छी बातें संसार के विषय में | Best Islamic Quotes 1-10 1. समस्त संसार को बनाने वाला एक ही मालिक अल्लाह हैं। वह निहायत मेहरबान और रहम करने वाला है। उसी की ईबादत (पूजा) करो और उसी का हुक्म मानो। 2. मैं अल्लाह की ओर से संसार का मार्गदर्शक नियुक्त किया गया हूॅ। मार्ग दर्शन का कोई बदला तुमसे नही चाहता। मेरी बातें सुनों और मेरी आज्ञा का पालन करो। 3. अल्लाह ने इन्सान पर अनगिनत उपकार किए हैं। धरती…
Islam ki khubiyan : इस्लाम की विशेषताएं | इस्लाम धर्म की शिक्षाएं इस पोस्ट में हम जानेंगे "इस्लाम धर्म की शिक्षाएं, इस्लाम धर्म के सिद्धांत, इस्लाम की सच्चाई, इस्लाम के नियम, इस्लाम का उदय।" १. इस्लाम धर्म की बुनियादी शिक्षाएं हैं "शांति, प्रेम, सद्भाव व भाईचारा" २. इस्लाम की एक विशेषता यह भी है कि यह लोगों के ऊपर दया तथा कृपा करने वाला धर्म है। पैग़म्बर मुहम्मद ने फ़रमाया किः “अल्लाह रफ़ीक (नरम) है, नरमी को पसंद करता है तथा नरमी बरतने पर वह जो कुछ देता है सख़्ती बरतने पर नहीं देता।" [मुस्लिम] ३. इस्लाम तुम्हें आदेश देता है कि तुम लोगों के साथ न्याय करो और उनके लिए वही चीज़ पसंद करो जो अपने…
अशरा ज़ुल हज की फ़ज़ीलत ~ क़ुरानो सुन्नत की रौशनी में अशरा ज़ुल हज की फ़ज़ीलत क़ुरानो सुन्नत की रौशनी में ۞ बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम ۞ तमाम तारीफे है अल्लाह सुब्हानहु तआला के लिए जो तमाम जहानों को बनाने वाला और उसे पालने वाला है और दुरूदो सलाम हो उसके आखरी नबी मुह्म्मदुर्रसूलुल्लाह सलल्लाहु अलैहि वसल्लम पर। 1. अशरा ज़ुलहिज्जा क्या है (तारुफ़ और इसकी अहमियत) ? ज़ुलहिज्जा हिजरी (इस्लामी) कैलेंडर का सबसे आखरी यानि १२ वा महीना है। और इस महीने के पहले १० दिनों को अशरा ज़ुलहिज्जा कहा जाता है। इस महीने को यह फ़ज़ीलत हासिल है कि इस्लाम के ५ सुतूनों (शहादत, नमाज़, रोज़ा, जकात और हज) में से एक…
औलिया अल्लाह | Allah ke wali (Aulia Allah) ki Pehchan aur Sifat औलिया अल्लाह Aulia Allah (Allah ke Wali) ki Pehchan aur Sifat बिस्मिल्लाहि र्रहमानि र्रहीम शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और बहुत रहम वाला है। सब तअरीफें अल्लाह तआला के लिए हैं। हम उसी का शुक्र अदा करते हैं और उसी से मदद और माफी चाहते हैं। अल्लाह की ला तादाद सलामती, रहमतें और बरकतें नाजिल हो मुहम्मद सल्ल. पर, आप की आल व औलाद और असहाब रजि पर। व बअद! वली का मतलब वलायत अदावत की जिद है। वलायत मुहब्बत और कुर्ब को कहा जाता है और अदावत गुस्से और दूरी को। यानि वलायत के मआनी दोस्ती के…
कुरान में Orbits, Nebula aur Big Bang theory का ज़िक्र ❝ सूर्य चन्द्रमा को अपनी ओर खींच नहीं सकता और ना दिन, रात से आगे निकल सकता है. ये सब एक कक्षा (Orbit) में अपनी गति के साथ चल रहे है.❞ [अल-कुरान 36:40] • दिन के रात से आगे निकलने के शब्द देखिये, पृथ्वी से ऊंचाई पर जाकर देखा जाये तो इस दृश्य का इन्ही शब्दों में उल्लेख किया जा सकता है की दोनों एक दुसरे का पीछा कर रहे है. इसके अतरिक्त आयत में "यसबाहून" शब्द है जिसका अर्थ है की वो अपनी गति के साथ चल रहे हैं अर्थात आयत में बता दिया गया है की सूर्ये चन्द्रमा और…
हदीस क्या है ? हदिस का परिचय और हदीस पर अमल की जरुरत हदीस क्या है - हदिस का परिचय ? पवित्र क़ुरआन के बाद मुसलमानों के पास इस्लाम का दूसरा शास्त्र अल्लाह के रसूल मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की कथनी और करनी है जिसे हम हदीस और सीरत के नाम से जानते हैं। हदिस की परिभाषाः हदीस का शाब्दिक अर्थ है: बात, वाणी और ख़बर। इस्लामी परिभाषा में ‘हदीस’ मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की कथनी, करनी तथा उस कार्य को कहते हैं जो आप से समक्ष किया गया परन्तु आपने उसका इनकार न किया। अर्थात् 40 वर्ष की उम्र में अल्लाह की ओर से सन्देष्टा (नबी, रसूल) नियुक्त किए जाने…
शबे मेराज का वाकिया | Shab e Meraj ka waqia शबे मेराज का वाकिया | Shab e Meraj ka waqia in Hindi मेराज की घटना नबी (सल्ललाहो अलैहि वसल्लम) का एक महान चमत्कार है, और इस में आप (सल्ललाहो अलैहि वसल्लम) को अल्लाह ने विभिन्न निशानियों का जो अनुभव कराया यह भी अति महत्वपूर्ण है। मेराज के दो भाग हैं, प्रथम भाग को इसरा और दूसरे को मेराज कहा जाता है, लेकिन सार्वजनिक प्रयोग में दोनों ही को मेराज के नाम से याद कर लिया जाता है। इसरा क्या है ? इसरा कहते हैं रात के एक भाग में चलना, अभिप्राय यह है कि मुहम्मद (सल्ललाहो अलैहि वसल्लम) का रात…
इस्लामी इतिहास | Islamic history in Hindi इस्लामी इतिहास | Islamic history in Hindi इस्लामी इतिहास हिंदी में - पैगंबर मुहम्मद (स.) का जीवन, महत्वपूर्ण घटनाएँ, और इस्लामी संस्कृति। विस्तृत लेख, तथ्यों और शिक्षाओं के लिए उम्मत-ए-नबी.कॉम पर जाएँ। विश्वसनीय जानकारी और गहन अध्ययन! अल्लाह तआला ने कलम को पैदा किया जमीन व आसमान की पैदाइश फरिश्ते अल्लाह की मख्लूक हैं जिन्नात की पैदाइश हज़रत आदम (अ.स) हज़रत आदम का दुनिया में आना काबील और हाबील हज़रत शीस (अ.स) हजरत इदरीस (अ.स) हज़रत इदरीस (अ.स) की दावत हज़रत नूह (अ.स) हज़रत नूह (अ.स) की दावत कौमे नूह (अ.स) पर अल्लाह का अजाब कौमे आद हज़रत हूद (अ.स)…
कुरआन में मानवता के लिए 99 सीधे आदेश ! जानिए जानिए ~ कुरआन में मानवता के लिए 99 सीधे आदेश। ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ 1. बदज़ुबानी से बचो। (सूरह 3:159) 2. गुस्से को पी जाओ। (सूरह 3:134) 3. दूसरों के साथ भलाई करो। (सूरह 4:36) 4. घमंड से बचो। (सूरह 7:13) 5. दूसरों की गलतियां माफ करो। (सूरह 7:199) 6. लोगों से नरमी से बात करो। (सूरह 20:44) 7. अपनी आवाज़ नीची रखों। (सूरह 31:19) 8. दूसरों का मज़ाक न उड़ाओ। (सूरह 49:11) 9. वालदैन की इज़्ज़त और उनकी फरमाबरदारी करो। (सूरह 17:23) 10. वालदैन की बेअदबी से बचो और उनके सामने उफ़ तक न कहो। (सूरह 17:23) 11. इजाज़त के…
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