तौहीद - इस्लाम की पहली अनिर्वाय आस्था इस्लाम की सबसे पहली जो आस्था है तौहिद इसको हम आपके सामने रखते है जो मानवता को बताने के लिए इश्वर (अल्लाह) ने हर समय, हर समुदाय, हर जाती के अंदर प्रेषित (नबी, इश्दुत) भेजे ताकि मानवों को बता दे और उनका रिश्ता श्रुष्टि के रचियेता एक इश्वर से जोड़ दे। *तो तौहिद का अर्थ होता है के – "अल्लाह को एक सत्य इश्वर माने , उसके बारे में ज्ञान प्राप्त करे और उसी की आराधना, उपासना और पूजा करे,.. क्युंकी वो निराकार एक सत्य इश्वर अल्लाह ही है जिसने सारे जगत का निर्माण किया, वही उसका रचियेता , मालिक…
कुरान से पहले मुस्लिम कौन सी किताब का अनुसरण करते थे...? » सवाल: कुरान दुनिया मे आने से पहले मुस्लिम कौन सी किताब का अनुसरण करते थे...? » जवाब: कुरआन नाजिल होने से पहले वहां चार किस्म के लोग थे : 1. यहूदी - हज़रत मूसा (अलैह सलाम) के मानने वाले, इनके पास आसमानी किताब थी जिसे आज दुनिया (Old Testament) के नाम से जानती है और उसे ही तोरेत कहा जाता है ये किताब हज़रत मूसा पर नाज़िल हुई थी। 2. ईसाई - हज़रत ईसा (अलैह सलाम) के मानने वाले, हज़रत ईसा (अलैह सलाम) पर इंजील नाम की किताब नाज़िल हुई जिसे दुनिया (new testament) के नाम से जानती है।…
इस्लामी शाशन का आधार न्याय पर है ... इस्लामी शिक्षा के आधार पर शान्तिपूर्ण शासन की स्थापना हुई है !! इस्लाम इंसानियत के सामने जो नियम और संविधान प्रस्तुत करता है चाहे उसका सम्बन्ध जीवन के किसी भी क्षेत्र से हो वह मानव प्रकृति से पूरे तौर पर मेल खाला है, इस्लामी शरीयत में एक विद्वान कहीं भी देशी छाप या कबाइली रंग न पाएगा, विश्वास हो, पूजा पाट हो, मामलात हों, नैतिकता हों, राजनितिक, सामाजिक, और आर्थिक जीवन हो तात्पर्य यह कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में इस्लामी शिक्षाएं विश्वव्यापी हैं। यह मात्र दावा नहीं है बल्कि प्रमाण है और प्रमाण ही नहीं बल्कि इस शिक्षा के…
इस्लाम में औरत के इज़्ज़त की अहमियत इस्लाम के दिए हुए मानव-अधिकारों में अहम चीज़ यह है कि औरत के शील और उसकी इज़्ज़त हर हाल में आदर के योग्य है, चाहे औरत अपनी क़ौम की हो, या दुश्मन क़ौम की, जंगल बियाबान में मिले या फ़तह किए हुए शहर में, हमारी अपने मज़हब की हो या दूसरे मज़हब की, या उसका कोई भी मज़हब हो। मुसलमान किसी हाल में भी उस पर हाथ नहीं डाल सकता। उसके लिए बलात्कार (ज़िना) को हर हाल में हराम किया गया है चाहे यह कुकर्म किसी भी औरत से किया जाए। क़ुरआन के शब्द हैं: ‘‘ज़िना के क़रीब भी न…
मुस्लिम महिला ने क़ायम की थी दुनिया की पहली यूनिवर्सिटी फ़ातिमा अल फ़िहरी, ये नाम शायद आपने नहीं सुना होगा लेकिन ये नाम उतनी ही एहमियत रखता है जितना कि गाँधी, लूथर जूनियर, मंडेला, एडिसन या टेस्ला या फिर न्यूटन का नाम। “लेडी ऑफ़ फ़ेज़” के नाम से मशहूर फ़ातिमा वो पहली इंसान हैं जिन्होनें इस दुनिया को यूनिवर्सिटी दी. मोरक्को के शहर फ़ेज़ में क़ायम की गयी ये यूनिवर्सिटी दुनिया की पहली यूनिवर्सिटी है। - फ़ातिमा की पैदाइश तक़रीबन सन 800 में, तुनिशिया में हुई. उनके वालिद का नाम मोहम्मद था। कुछ सालों के बाद वो फ़ेज़ चले आये, उस वक़्त फ़ेज़ काफ़ी मशहूर शहर माना जाता था। फ़ातिमा…
बुतपरस्ती (मूर्तिपूजा) की शुरुवात कब और कैसे हुई? दुनिआ में बुतपरस्ती / मूर्तिपूजा की शुरुवात कब और कैसे हुई ? नबी नूह (अलैहिस्लाम) जिस कौम मे मबउस थे उस कौम मे पाँच नेक सालेहीन नेक बुजुर्ग औलिया थे। उनकी मज्लिशों मे बैठकर लोग अल्लाह को याद करते थे और मसाइल सुनते थे, इससे उनके दीन को तक्वियत पहुचती थी। जानिए कौन थे: नूह अलैहि सलाम जब वे ग़ुजर गए तो क़ौम मे परेशानी हुई कि अब न वो मज्लिस रही न वो मसाइल रहे, अब कहा बैठे ? उस वक्त शैतान ने उनके दिलों मे यह फूंक मारी कि इन बुजूर्गों की इबादतगाहों मे उनकी तस्वीर (बूत) बनाकर…
इस्लाम में चचेरी, ममेरी और फुफेरी बहन से शादी करने की इजाज़त क्यों है? सवाल : इस्लाम में चचेरी, ममेरी और फुफेरी बहन से शादी करने की इजाज़त क्यों है? जवाब :-इस्लाम की पवित्र पुस्तक क़ुरआन में उन रिश्तों का जिक्र किया गया है, जिनसे एक मुसलमान शादी कर सकता है। क़ुरआन में वर्णन है: ऐ नबी! हमने तुम्हारे लिये हलाल कर दी है ..... तुम्हारी वे चचेरी और फुफेरी और ममेरी और मौसेरी बहनें जिन्होंने तुम्हारे साथ हिजरत की है...। सुरह अहज़ाब 33:50 हिजरत: मक्का से मदीना का सफर इसी प्रकार का वर्णन क़ुरआन की सुरह निसा की आयत 23 में भी मिलता है। इसी बात को कुछ कम अक्ल लोग और मीडिया…
इस्लाम दूसरे धर्मों के बारे में अपमानजनक बातें कहने की अनुमति नहीं देता प्रश्नः क्या दूसरे मज़हबों के धार्मिक ग्रंथों और उनके ईष्ट देवी-देवताओं के बारे में अपमानजनक बातें करने से... उनका दिल दुखाने से अल्ल्लाह ख़ुश होगा...? उत्तरः हमें पूर्ण विश्वास है कि अन्य धर्मों के धार्मिक ग्रन्थ या तो मानव रचित हैं अथवा किसी युग में ईश्वरीय ग्रन्थ थे परन्तु आज वह सुरक्षित न रहे और उनमें देवी देवताओं की बातें भी सम्मिलित हो चुकी हैं लेकिन क़ुरआन आज तक पूर्ण रूप में सुरक्षित है स्वयं उसकी आधुनिक शैली इस पर प्रमाण है। इन स्पष्ट तथ्यों के बावजूद इस्लाम दूसरे धर्मों के बारे में अपमानजनक बातें कहने की अनुमति कदापि नहीं देता। देखिए कुरान में इस…
मुसलमान से आप की दुश्मनी धार्मिक है या राजनैतिक जी हा ! सोशल मीडिया पर मुसलमानों ने कुछ सवाल पूछना शुरू कर दिया है उनका कहना है जो लोग हमारे खिलाफ ज़हर उगलते है वो इन सवालो का जवाब दें या गौर करें कि क्या सिर्फ राजनीती के लिए हमारे खिलाफ ज़हर उगला जाता है। मौजूदा हालात में फैलती नफरत के बीच आजकल मैं हिन्दू युवाओं से सिर्फ यह पूछता हूँ कि क्या आपको किसी मुस्लमान ने कोई नुक्सान पहुँचाया है? - क्या आपका मुस्लमान के साथ कोई कोर्ट केस चल रहा है? - क्या आपकी जायदाद पर किसी मुस्लमान ने अवैध क़ब्ज़ा कर लिया है? - क्या कोई…
भूत, प्रेत, बदरूह की हकीकत भूत, प्रेत, बदरूह: ये नाम अकसर इन्सानी ज़हन मे आते ही एक डरावनी और खबायिसी शख्सियत ज़ेहन मे आती हैं क्योकि मौजूदा मिडिया ने इन्सान को इस कदर गुमराह कर रखा हैं के जो नही हैं उसको इतनी खूबसूरती के साथ ये मिडिया वाले पेश करते हैं। ..
Jihad: जिहाद का वास्तविक अर्थ होता है "संघर्ष करना".... अक्सर हमारे नोंमुस्लिम भाइयों में यह ग़लतफहमी पायी जाती है के वो जिहाद जैसे शब्द का तथाकथित लोगों से अलग अलग अर्थ समझकर मुसलमानों के अमन के पैगाम को ठुकरा देते है, आईये आज इसका सही मूल्य जानने की कोशिश करते है... जिहाद: अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है "संघर्ष करना" , "जद्दो जेहद करना". इसका मूल शब्द जहद है, जिसका अर्थ होता है "संघर्ष". ये अरबी भाषा में हर प्रकार के संघर्ष के लिए उपयोग होता है। जिहाद का अर्थ किसी की जान लेना, क़त्ल करना या किसी बेगुनाह को मारना नही है। जिहाद एक पवित्र…
रसायनशास्त्र के सबसे पहले जनक थे जाबिर बिन हियान जाबिर बिन हियान जिन्हें इतिहास का पहला रसायनशास्त्री कहा जाता है उसे पश्चिमी देश में गेबर (geber) के नाम से जाना जाता है। इन्हें रसायन विज्ञान का संस्थापक माना जाता है , इनका जन्म 733 ईस्वी में तूस में हुई थी , जाबिर बिन हियान ने ही एसिड की खोज की इन्होने एक ऐसा एसिड भी बनाया जिससे सोने को भी पिघलाना मुमकिन था जाबिर बिन हियान पहले व्यक्ति थे जिन्होंने पदार्थ को तीन भागों वनस्पति , पशु और , खनिज में विभाजित किया । इसी मुस्लिम साइंसदान ने रासायनिक यौगिकों जैसे - कार्बोनेट, आर्सेनिक, सल्फाइड की खोज की नमक…
अल्लाह कौन है ~ अल्लाह का परिचय और विशेषताएं हमारे मन में यह प्रश्न बार बार उभरता है कि अल्लाह कौन है ? वह कैसा है ? उस के गुण क्या हैं ? वह कहाँ है? जानिए इन सवालो के जवाब इस पोस्ट के माध्यम से। अल्लाह कौन है? अल्लाह का परिचय अल्लाह का शब्द मन में आते ही एक महान महिमा की कल्पना मन में पैदा होती है जो हर वस्तु का स्वामी और रब हो। उसने हर वस्तु को एकेले उत्पन्न किया हो, पूरे संसार को चलाने वाला वही हो।धरती और आकाश की हर चीज़ उसके आज्ञा का पालन करती हो। अपनी सम्पूर्ण विशेषताओं और गूणों में पूर्ण हो। जिसे…
इस्लाम में शराब पीने की क्यों मनाही है - Why Alcohol prohibited in Islam ? • प्रश्नः इस्लाम में शराब पीने की मनाही क्यों है ? » उत्तरः मानव संस्कृति की स्मृति और इतिहास आरंभ होने से पहले से शराब मानव समाज के लिए अभिशाप बनी हुई है। यह असंख्य लोगों के प्राण ले चुकी है। यह क्रम अभी चलता जा रहा है। इसी के कारण विश्व के करोड़ों लोगों का जीवन नष्ट हो रहा है। समाज की अनेकों समस्याओं की बुनियादी वजह केवल शराब है। अपराधों में वृद्धि और विश्वभर में करोड़ों बरबाद घराने शराब की विनाशलीला का ही मौन उदाहरण है। » पवित्र क़ुरआन में शराब की मनाही - निम्नलिखित पवित्र आयत में…
MD. Salim Shaikh
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