इस्लामी शाशन का आधार न्याय पर है ... इस्लामी शिक्षा के आधार पर शान्तिपूर्ण शासन की स्थापना हुई है !! इस्लाम इंसानियत के सामने जो नियम और संविधान प्रस्तुत करता है चाहे उसका सम्बन्ध जीवन के किसी भी क्षेत्र से हो वह मानव प्रकृति से पूरे तौर पर मेल खाला है, इस्लामी शरीयत में एक विद्वान कहीं भी देशी छाप या कबाइली रंग न पाएगा, विश्वास हो, पूजा पाट हो, मामलात हों, नैतिकता हों, राजनितिक, सामाजिक, और आर्थिक जीवन हो तात्पर्य यह कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में इस्लामी शिक्षाएं विश्वव्यापी हैं। यह मात्र दावा नहीं है बल्कि प्रमाण है और प्रमाण ही नहीं बल्कि इस शिक्षा के…
क्या आप जानते हैं कि सुअर का मांस हराम क्यों है? 🤔🚫 | Why is Pork Haram? इस्लाम में सुअर का माँस खाना वर्जित(हराम) होने की बात से सभी परिचित हैं। निम्नलिखित तथ्यों द्वारा इस प्रतिबन्ध की व्याख्या की गई है। 1). सुअर के मांस का निषेध पवित्र कुरआन में: पवित्र क़ुरआन में कम से कम चार स्थानों पर सुअर का मांस खाने की मनाही की गई है। पवित्र क़ुरआन की सूरह 2 आयत 173, सूरह 5 आयत 3, सूरह 6 आयत 145, सूरह 16 आयत 115 में इस विषय पर स्पष्ट आदेश दिये गए है।पवित्र कुरआन की निम्न आयत इस बात को स्पष्ट करने के लिए काफी है, कि सुअर का मांस क्यों हराम किया गया…
इस्लाम में शराब पीने की क्यों मनाही है - Why Alcohol prohibited in Islam ? • प्रश्नः इस्लाम में शराब पीने की मनाही क्यों है ? » उत्तरः मानव संस्कृति की स्मृति और इतिहास आरंभ होने से पहले से शराब मानव समाज के लिए अभिशाप बनी हुई है। यह असंख्य लोगों के प्राण ले चुकी है। यह क्रम अभी चलता जा रहा है। इसी के कारण विश्व के करोड़ों लोगों का जीवन नष्ट हो रहा है। समाज की अनेकों समस्याओं की बुनियादी वजह केवल शराब है। अपराधों में वृद्धि और विश्वभर में करोड़ों बरबाद घराने शराब की विनाशलीला का ही मौन उदाहरण है। » पवित्र क़ुरआन में शराब की मनाही - निम्नलिखित पवित्र आयत में…
इस्लाम में औरत के इज़्ज़त की अहमियत इस्लाम के दिए हुए मानव-अधिकारों में अहम चीज़ यह है कि औरत के शील और उसकी इज़्ज़त हर हाल में आदर के योग्य है, चाहे औरत अपनी क़ौम की हो, या दुश्मन क़ौम की, जंगल बियाबान में मिले या फ़तह किए हुए शहर में, हमारी अपने मज़हब की हो या दूसरे मज़हब की, या उसका कोई भी मज़हब हो। मुसलमान किसी हाल में भी उस पर हाथ नहीं डाल सकता। उसके लिए बलात्कार (ज़िना) को हर हाल में हराम किया गया है चाहे यह कुकर्म किसी भी औरत से किया जाए। क़ुरआन के शब्द हैं: ‘‘ज़िना के क़रीब भी न…
भारत का मुसलमान इतना पिछड़ा हुआ क्यों है ? भारत मे यह पूरी तरह मान लिया गया है कि मुसलमान एक जाहिल ,गंवार, फूहड़ ,गंदी और बुध्दू क़ौम है, जबकि मेरा मानना है कि क़ुदरती सलाहियत यानि नैचुरल टैलेंट जितना मुसलमान मे है उतना दुनिया की किसी दूसरी क़ौम मे नही, हम सिर्फ़ आज के पसमंज़र मे बात करते हैं , किसी भी ख़राब गाड़ी की सिर्फ़ आवाज़ सुनकर उसके इंजिन की ख़राबी बताने की सलाहियत सिर्फ़ इन्ही मे है , कौन सी इमारती लकड़ी कितना सूखेगी, कितना ऐंठेगी , कितना बिझेगी यह भी सिर्फ़ यही जानते हैं , कौन सी दीवार किस तरफ़ कितना झुक गई है सिर्फ़…
तौहीद - इस्लाम की पहली अनिर्वाय आस्था इस्लाम की सबसे पहली जो आस्था है तौहिद इसको हम आपके सामने रखते है जो मानवता को बताने के लिए इश्वर (अल्लाह) ने हर समय, हर समुदाय, हर जाती के अंदर प्रेषित (नबी, इश्दुत) भेजे ताकि मानवों को बता दे और उनका रिश्ता श्रुष्टि के रचियेता एक इश्वर से जोड़ दे। *तो तौहिद का अर्थ होता है के – "अल्लाह को एक सत्य इश्वर माने , उसके बारे में ज्ञान प्राप्त करे और उसी की आराधना, उपासना और पूजा करे,.. क्युंकी वो निराकार एक सत्य इश्वर अल्लाह ही है जिसने सारे जगत का निर्माण किया, वही उसका रचियेता , मालिक…
इस्लाम में क्यों हराम है ब्याजखोरी ? जानिए अगर मुहम्मद (स.) साहब की शिक्षाओं पर मनन किया जाए तो - दो बातें उनमें सबसे अहम हैं। पहली, मुहम्मद साहब की शिक्षाएं किसी एक देश या धर्म के लिए नहीं हैं। वे सबके लिए हैं। ... और दूसरी, उनकी शिक्षाएं आज से डेढ़ हजार साल पहले जितनी प्रासंगिक थीं, वे आज भी प्रासंगिक हैं। जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं जिसे बेहतर बनाने, अच्छाई को स्वीकार करने के लिए मुहम्मद साहब ने कोई संदेश न दिया हो। उनकी बातें इंसानों को सच की राह दिखाती हैं। - अर्थशास्त्र भले ही ब्याज(सूद) को मूलधन का किराया, शुल्क या कुछ और…
कुरान से पहले मुस्लिम कौन सी किताब का अनुसरण करते थे...? » सवाल: कुरान दुनिया मे आने से पहले मुस्लिम कौन सी किताब का अनुसरण करते थे...? » जवाब: कुरआन नाजिल होने से पहले वहां चार किस्म के लोग थे : 1. यहूदी - हज़रत मूसा (अलैह सलाम) के मानने वाले, इनके पास आसमानी किताब थी जिसे आज दुनिया (Old Testament) के नाम से जानती है और उसे ही तोरेत कहा जाता है ये किताब हज़रत मूसा पर नाज़िल हुई थी। 2. ईसाई - हज़रत ईसा (अलैह सलाम) के मानने वाले, हज़रत ईसा (अलैह सलाम) पर इंजील नाम की किताब नाज़िल हुई जिसे दुनिया (new testament) के नाम से जानती है।…
खतना के फायदे: खतना इन्सान को कई बड़ी बीमारियों से बचाता है जानिए दुनियाभर में हुए शोधों ने यह साबित किया है कि खतना इंसान की कई बड़ी बीमारियों से हिफाजत करता है। इस समय खतना (सुन्नत) यूरोपीय देशों में बहस का विषय बना हुआ है। खतने को लेकर पूरी दुनिया में एक जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है। इस पर विवाद तब शुरू हुआ जब जर्मनी के कोलोन शहर की जिला अदालत ने अपने एक फैसले में कहा कि शिशुओं का खतना करना उनके शरीर को कष्टकारी नुकसान पहुंचाने के बराबर है। फैसले का जबर्दस्त विरोध हुआ। इस मुद्दे का अहम पहलू हाल ही आया अमरीका के शिकागो स्थित बालरोग पर शोध करने…
क्या इस्लाम औरतों को पर्दे में रखकर उनका अपमान करता है और क्या बुरखा औरतो की आज़ादी के खिलाफ… क्या इस्लाम औरतों को पर्दे में रखकर उनका अपमान करता है और क्या बुरखा औरतो की आज़ादी के खिलाफ है ? | Parda in Islam » उत्तर: इस्लाम में औरतों की जो स्थिति है, उसपर सेक्यूलर मीडिया का ज़बरदस्त हमला होता है। वे पर्दे और इस्लामी लिबास को इस्लामी क़ानून में स्त्रियों की दासता के तर्क के रूप में पेश करते हैं। इससे पहले कि हम पर्दे के धार्मिक निर्देश के पीछे मौजूद कारणों पर विचार करें, इस्लाम से पूर्व समाज में स्त्रियों की स्थिति का अध्ययन करते हैं। 1. भूतकाल में स्त्रियों का अपमान किया जाता और उनका प्रयोग…
भूत, प्रेत, बदरूह की हकीकत भूत, प्रेत, बदरूह: ये नाम अकसर इन्सानी ज़हन मे आते ही एक डरावनी और खबायिसी शख्सियत ज़ेहन मे आती हैं क्योकि मौजूदा मिडिया ने इन्सान को इस कदर गुमराह कर रखा हैं के जो नही हैं उसको इतनी खूबसूरती के साथ ये मिडिया वाले पेश करते हैं। ..
मुसलमान से आप की दुश्मनी धार्मिक है या राजनैतिक जी हा ! सोशल मीडिया पर मुसलमानों ने कुछ सवाल पूछना शुरू कर दिया है उनका कहना है जो लोग हमारे खिलाफ ज़हर उगलते है वो इन सवालो का जवाब दें या गौर करें कि क्या सिर्फ राजनीती के लिए हमारे खिलाफ ज़हर उगला जाता है। मौजूदा हालात में फैलती नफरत के बीच आजकल मैं हिन्दू युवाओं से सिर्फ यह पूछता हूँ कि क्या आपको किसी मुस्लमान ने कोई नुक्सान पहुँचाया है? - क्या आपका मुस्लमान के साथ कोई कोर्ट केस चल रहा है? - क्या आपकी जायदाद पर किसी मुस्लमान ने अवैध क़ब्ज़ा कर लिया है? - क्या कोई…
पैगम्बर मोहम्मद (ﷺ) साहब का जीवन परिचय मुह्म्मदुर्र सूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) संक्षिप्त जीवन परिचय | Life Story Of Allah’s Messanger Mohammad (Sallallahu Alaihay Wasallam)