अल्लाह तआला ने मुंह में तरी को पोशीदा रखा है के खाना मुंह में रख कर चबाते वक्त वह तरी पैदा होती है और खाने के साथ मिल कर उसके हज्म होने में मदद करती है, आम हालात में वह तरी हल्की रहती है, जिससे हलकतर रहे और सूखने न पाए, वरना आदमी बात ही न कर सके, अगर तरी बिल्कुल न रहे और मुंह एक दम सूखा रहे तो दम धुटने लगे और इन्सान जिन्दा न रह सके, और अगर तरी खाने के अलावा भी मुंह में पैदा होती रहे तो बात करने में दुश्वारी हो और मुंह खोलना मुशकिल हो जाए।
वह कैसी कुदरत वाली जात है जो खाने के वक़्त में रतूबत को ज़ियादा मिकदार में पैदा करती है और आम हालात में नॉर्मल रखती है।