अल्लाह तआला ने दुनिया में समन्दर, झील, ओले, बारिश और चश्मों का पानी पैदा फर्माया है, लेकिन जम जम का पानी पैदा कर के अपनी कुदरत का जबरदस्त इज़हार फर्माया है।
दीगर पानी की तरह इस में भी प्यास बुझाने की सलाहियत है लेकिन खास बात यह है के इस में भूक मिटाने और बीमारी से शिफा देने की भरपूर सलाहियत मौजूद है। दीगर पानी बहुत जल्दी सड़ कर नाकाबिले इस्तेमाल हो जाता है, लेकिन जम जम का पानी सड़ने और खराब होने से हमेशा महफूज रहता है।
इस पानी में भूक, प्यास मिटाने और बीमारियों से शिफा देने की सलाहियत पैदा करना, अल्लाह तआला की कुदरत की बड़ी निशानी है।
गिजा और साँस की नालियाँ Highlights • अल्लाह ने खाने और साँस लेने के लिए अलग-अलग नालियाँ बनाई हैं।• खाने की नाली मेदे से जुड़ी है, जबकि साँस की नाली फेफड़ों से जुड़ी है।• कुदरत ने दोनों नालियों को अलग रखकर इंसान की हिफाजत का अद्भुत इंतजाम किया है। अल्लाह तआला ने हमारे साँस लेने और खाने पीने की दो मुख्तलिफ नालियाँ बनाई हैं। खाने की नाली का ताल्लुक मेदे से है और साँस की नाली का ताल्लुक फेफड़े से है। जब इन्सान खाता है या पीता है, तो कुदरती तौर पर साँस की नाली का मुँह ढक्कन की तरह परदे से बंद हो जाता…
इन्सान की पैदाइश तीन अंधेरों में Highlights • इंसान की तखलीक़: माँ के पेट में तीन अंधेरों में, बिना किसी रोशनी के, इंसान का निर्माण होता है।• अल्लाह की कुदरत: यह अद्भुत और जबरदस्त कुदरत का उदाहरण है, जहाँ अल्लाह तआला ने एक संकीर्ण और अंधेरी जगह में इंसान को पैदा किया।• कुदरत की बेमिसाल योजना: यह घटना यह साबित करती है कि अल्लाह की कुदरत के आगे किसी भी बड़ी मशीनी प्रक्रिया का कोई मुकाबला नहीं है। काइनात की सब से हसीन तरीन मख्लूख “इन्सान” जिस के लिये अल्लाह तआला ने इस कारखान ए आलम को वुजूद बख्शा है, उसकी तखलीख अल्लाह तआला जहाँ कर रहा हैं,…
हाथी में अल्लाह की क़ुदरत Highlights • हाथी: अल्लाह की अद्भुत कुदरत का एक प्रतीक।• अनोखी सूंढ: जंगल के अनजान भागों में वह अद्वितीय कार्य करता है।• इमारत के समान पैर: हाथी की शक्ति और स्थिरता का प्रतीक।• अल्लाह की कुदरत: अनगिनत जानवरों की सृष्टि और उनका महत्व।• जीवन का उपहार: अल्लाह द्वारा दिए गए जीवों के अनंत रहस्यों का खोज। अल्लाह तआला ने दीगर जानवरों के मुकाबले में हाथी को बड़ा डील डोल और जबरदस्त ताक़त अता फ़रमाई है, उस के पैर मज़बूत इमारत के चार सुतून की तरह मजबूत दिखाई देते हैं, कान बड़े पंखे, की तरह मालूम होते हैं। आँखें आम जानवरों…
पत्तों में अल्लाह की कुदरत अल्लाह तआला ने जिस तरह इन्सानी जिस्म में खून की गरदिश के लिये रगें बनाई, इसी तरह पत्तों के अन्दर भी पानी सप्लाई करने के लिये बारीक जाल बिछा दिया। यह पौधे को पानी और गर्मी पहुँचाने का काम करते हैं। अगर यह बारीक मसामात पत्तों के ऊपर होते, तो सूरज की गर्मी से बचने के लिये पौधे से पानी को निकालते रहते जिस के नतीजे में पौधा सूख जाता। मगर अल्लाह तआला ने अपनी कूदरत से उन मसामात को पत्तों के अन्दर बना कर पौधों को सूखने से महफूज कर दिया। 📕 अल्लाह की कुदरत
जमीन का अजीब फर्श अल्लाह तआला फर्माता है : "हम ने जमीन को फर्श बनाया और हम कैसे अच्छे बिछाने वाले हैं।" जरा गौर कीजिये, अल्लाह तआला ने ज़मीन का कैसा अच्छा बिस्तर बिछाया है जिस पर हम आराम करते हैं, इस बिस्तर के बगैर हमारे लिये रहना दुश्वार था। फिर हमारे लिये ज़िंदगी की तमाम जरुरियात खाने पीने, अनाज, ग़ल्ले और मेवे के लिये जमीन को ख़ज़ाना बनाया, फिर सदी, गर्मी से हिफाजत भी जमीन पर रह कर कर सकते हैं और बदबूदार चीजें और मुरदार जिन की बदबू से हम को सख्त तकलीफ होती है ऐसी चीजों को हम जमीन में दफन…
नींद का आना जब इन्सान दिन भर काम कर के थक जाता है, तो अल्लाह तआला उस की थकान दूर करने के लिये उस पर नींद तारी कर देता है, यह नींद उस के फिक्र व ग्रम को दूर कर के ऐसा सुकून व राहत का जरिया बनती है के दुनिया की कोई चीज उस का बदल नहीं बन सकती, फिर अल्लाह तआला ने यह नेअमत अमीर व ग़रीब, आलिम व जाहिल, बादशाह व फकीर हर एक को यकसाँ अता फरमा रखी है। और इस के लिये रात का वक़्त मुतअय्यन कर दिया है। अगर इन्सान को नींद न आए तो उस का…
शहद का कारखाना Highlights • शहद की मक्खी का हुनर: शहद की मक्खी फूलों से रस जमा करके छत्तों में सुरक्षित करती है।• छत्तों का निर्माण: मक्खी के बनाए हुए छत्तों में छोटे-छोटे खाने होते हैं, जिनके कोने समान होते हैं।• फलों का रस जमा करना: मक्खी उन खानों में फलों का रस लाकर जमा करती है।• कुदरत का इन्तेज़ाम: शहद का निर्माण और उसके सुरक्षित जमा करने का तरीका अल्लाह की अद्भुत कुदरत है।• अल्लाह की कुदरत: यह शहद के उत्पादन की प्रक्रिया अल्लाह की महानता और बुद्धिमत्ता को दर्शाती है। अल्लाह तआला ने अपनी कुदरत से इन्सानों की खिदमत के लिए…
बारिश में कुदरती निज़ाम अल्लाह तआला बादलों के जरिये इतनी बुलन्दी से बारिश बरसाता हैं के अगर वह अपनी रफ्तार में से ज़मीन पर गिरती तो जमीन में बड़े बड़े गढ़े हो जाते और तमाम जानदार, हैवानात, पेड़ पौधे, खेती-बाड़ी सब फ़ना हो जाते। लेकिन अल्लाह तआला ने फिजा में अपनी कुदरत से इतनी रुकावटें खड़ी कर दी हैं के तेज रफ्तार बारिश उनसे गुजर कर जब ज़मीन पर आती है तो इन्तेहाई धीमी हो जाती है, जिस से दूनिया की तमाम चीजें तबाह व बरबाद होने से महफुज हो जाती हैं। बेशक यह अल्लाह का कुदरती निजाम है जो बारिश को इतने अच्छे…
हवा में निज़ामे कुदरत हवा में अल्लाह का निजामे कुदरत देखो के उस ने हवा पर बादलों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की कैसी डयूटी लगा रखी है के वह बराबर बादलों को ऐसी जमीन पर ले जाकर बारिश बरसाती हैं, जहाँ की जमीन सूखी और पानी के लिये प्यासी हो। अगर अल्लाह तआला बादलों पर यह ज़िम्मेदारी न लगाता तो बादल पानी के बोझ से बोझल हो कर एक ही जगह पर ठहरे रहते और हमारे बाग़ात और खेतियाँ सूखे रह कर जाया हो जाते। यकीनन अल्लाह वह बड़ी अजीम जात है जिस का हुक्म बादलों पर भी से चलता…
बिजली कुंदना अल्लाह की कुदरत बारिश के आने से पहले आसमान पर तह ब तह बादल जमा होना शुरू हो जाते हैं, लेकिन अल्लाह की कुदरत का नजारा देखिये के इन बादलों में न कोई मशीन फिट होती है और न ही किसी किस का कोई जनरेटर लगा होता है। मगर इन घने बादलों में अल्लाह बिजली की ऐसी चमक और कड़क पैदा कर देता है के रात की तारीकी में भी उजाला फैल जाता है और कभी कभी इतनी सख्त गरज्ती और बिजली कुंदती है के दिलों में घबराहट और सारे माहौल में खौफ तारी हो जाता है। बेशक यह अल्लाह तआला की कुदरत की दलील…
एक ही पानी से फल और फूल की पैदाइश Highlights • अल्लाह ने एक ही जमीन और पानी से विभिन्न प्रकार के पेड़, फल, और फूल पैदा किए। • हर फल और फूल का रंग, स्वाद, और खुशबू अलग है, जैसे मीठा, खट्टा, सुर्ख या सफेद। • यह अल्लाह की अजीम कुदरत का बेहतरीन नमूना है। अल्लाह तआला जबरदस्त कुदरत वाला है, उस ने एक ही जमीन और एक ही पानी से मुख्तलिफ किस्म के दरख्त, फल और फूल बनाए, हर एक का मज़ा और रंग अलग अलग है, कोई मीठा है तो कोई खट्टा है, कोई सुर्ख है, तो कोई सफेद है, हालांकि सब एक ही ज़मीन और…
इन्सान का सर कुदरत का शाहकार Highlights • इन्सान का सर: अल्लाह तआला ने इंसान का सिर बेहद सुंदर और गोल आकार में बनाया है।• हड्डियों की संरचना: सिर में पचपन हड्डियाँ जुड़ी हुई हैं, जिनकी अलग-अलग शक्लें हैं, जैसे छह हड्डियाँ खोपड़ी, चौबीस हड्डियाँ ऊपर के जबड़े में, दो हड्डियाँ नीचे के जबड़े में, और बाकी दाँतों में हैं।• कुदरत का शाहकार: इस संरचना को अत्यंत सुंदर और सुनियोजित तरीके से जोड़ा गया है। यह सब अल्लाह की अद्भुत कारीगरी को दर्शाता है।• अल्लाह की कारीगरी: यह सब अल्लाह की कुदरत और अदा की बेमिसाल कारीगरी है, जो बेशुमार हड्डियों को इस तरह से जोड़कर…
बर्फीले पहाड़ों में अल्लाह की कुदरत Highlights • बर्फीले पहाड़ों का मौसम: ऊंचाई पर सूरज के करीब होने के बावजूद पहाड़ बर्फ से ढके रहते हैं।• सर्दी का असर: जितना ऊंचा जाते हैं, सर्दी उतनी ही ज्यादा महसूस होती है।• प्राकृतिक संतुलन: पहाड़ों की चोटी पर बर्फ का जमना और सर्द वातावरण बनाना अनोखी व्यवस्था है।• अल्लाह की अज़ीम कुदरत: ऊंचाई पर बर्फ का स्थायित्व अल्लाह की महानता का प्रमाण है।• सुभानअल्लाह: यह सब अल्लाह की बेहतरीन सृष्टि और कारीगरी का करिश्मा है। बाज़ ऊंचे इलाकों और बुलंद पहाड़ों पर सर्द मौसम की वजह से बर्फ जम जाती है और पहाड़ों की चोटी बर्फ से ढक…
इंसान की हड्डियों में अल्लाह की कुदरत Highlights • हड्डियों का ढांचा: इंसान का शरीर हड्डियों के मजबूत ढांचे पर खड़ा है, जो भारी वजन सहन करने की क्षमता रखते हैं।• कूल्हे की हड्डी: कूल्हे की हड्डी 3000 किलो तक वजन उठाने की क्षमता रखती है, जो स्टील से भी ज्यादा मजबूत और लचीली होती है।• हड्डियों की लचक: हड्डियाँ स्टील से हल्की, लचीली और अधिक ताकतवर होती हैं, जो इंसान के लिए आरामदायक और सहनशील होती हैं।• स्टील से ज्यादा ताकत: हड्डियाँ स्टील से अधिक ताकतवर और लचीली होने के कारण इंसान को सक्षम बनाती हैं।• अल्लाह की कुदरत: यह अद्भुत ताकत और लचीलापन अल्लाह की…
दाँतों की बनावट में अल्लाह की क़ुदरत दाँतों की बनावट पर गौर कीजिये के अल्लाह तआला ने ३२ टुकड़ों को कैसी हसीन व खूबसूरत लड़ी में पिरोया है और उस की जड़ों को नर्म हड्डी में किस खूबी के साथ पेवस्त किया है, यह दाँत एक तरफ जहाँ चेहरे की हुस्न व जीनत हैं। वहीं उन से हम चबाने, काटने, पीसने और तोड़ने का अहम काम भी कर लेते हैं और अल्लाह की अजीब कुदरत के उन को बत्तीस टुकड़ों में बनाया, एक ही सालिम हड्डी में उन को नहीं ढाला, वरना मुंह में बड़ी तकलीफ होती, इसी तरह अगर एक दाँत में कोई खराबी होती है,…