अल्लाह तआला ने दुनिया में समन्दर, झील, ओले, बारिश और चश्मों का पानी पैदा फर्माया है, लेकिन जम जम का पानी पैदा कर के अपनी कुदरत का जबरदस्त इज़हार फर्माया है।
दीगर पानी की तरह इस में भी प्यास बुझाने की सलाहियत है लेकिन खास बात यह है के इस में भूक मिटाने और बीमारी से शिफा देने की भरपूर सलाहियत मौजूद है। दीगर पानी बहुत जल्दी सड़ कर नाकाबिले इस्तेमाल हो जाता है, लेकिन जम जम का पानी सड़ने और खराब होने से हमेशा महफूज रहता है।
इस पानी में भूक, प्यास मिटाने और बीमारियों से शिफा देने की सलाहियत पैदा करना, अल्लाह तआला की कुदरत की बड़ी निशानी है।
बर्फीले पहाड़ों में अल्लाह की कुदरत Highlights • बर्फीले पहाड़ों का मौसम: ऊंचाई पर सूरज के करीब होने के बावजूद पहाड़ बर्फ से ढके रहते हैं।• सर्दी का असर: जितना ऊंचा जाते हैं, सर्दी उतनी ही ज्यादा महसूस होती है।• प्राकृतिक संतुलन: पहाड़ों की चोटी पर बर्फ का जमना और सर्द वातावरण बनाना अनोखी व्यवस्था है।• अल्लाह की अज़ीम कुदरत: ऊंचाई पर बर्फ का स्थायित्व अल्लाह की महानता का प्रमाण है।• सुभानअल्लाह: यह सब अल्लाह की बेहतरीन सृष्टि और कारीगरी का करिश्मा है। बाज़ ऊंचे इलाकों और बुलंद पहाड़ों पर सर्द मौसम की वजह से बर्फ जम जाती है और पहाड़ों की चोटी बर्फ से ढक…
पहाड़ों में पानी का जखीरा पहाड़ों में भी अल्लाह तआला की अजीब व गरीब कुदरत कारफ़र्मा है, जब बारिश होती है तो पहाड़ों में पानी के जखीरे जमा हो जाते हैं, फिर थोड़ा थोड़ा कर के चश्मों, नहरों की शक्ल में पानी बहता है, इस तरह जमीन के दूर दराज के मक़ामात तक को सैराब करता है, बाज़ पहाड़ों पर बर्फ की शक्ल में पानी महफूज हो जाता है, जो सूरज की गरमी से बकद्रे जरूरत थोड़ा थोड़ा पिघल कर नदियों, नालों और नहरों में जाकर जमीन वगैरा को सैराब करता है और कहीं कहीं पहाड़ों पर बड़े बड़े हौज़ भी होते हैं, जिस में…
चुम्बक (Magnet) में अल्लाह की क़ुदरत अल्लाह तआला ने जमीन के अन्दर किस्म किस्म की धात रखी है, उस में से एक धात चुम्बक है, जो लोहे की एक किस्म है, यह लोहे को अपनी तरफ़ खींचता है और लोहे से चिपक जाता है और लोहे के अलावा किसी दूसरी चीज़ से नहीं चिपकता, अगर उस के सामने लकडी पत्थर वगैरा रखे जाएं, तो उससे नहीं चिपकता। जरा गौर कीजिए, के जमीन से निकली हुई मामूली सी धात में ऐसी ताकत किस ने रखी है यकीनन यह अल्लाह तआला की कुदरत है, जिस चीज में जैसा चाहता है वैसी खासियत रखता है। 📕 अल्लाह की कुदरत
नाक - कुदरते इलाही की निशानी Highlights • चेहरे की रौनक: नाक के द्वारा चेहरे की सुंदरता और खुशनुमा रूप में वृद्धि होती है।• महसूस करने की ताकत: नथनों में सूंघने की शक्ति होती है, जिससे हम खाने-पीने की चीजों की गुणवत्ता का तुरंत पता लगा सकते हैं।• ताजा हवा की अहमियत: नाक ताजा हवा को सूंघकर दिल की गिजा और शरीर के अंदरूनी तापमान को बनाए रखती है।• कुदरत का करिश्मा: यह अद्भुत व्यवस्था केवल अल्लाह की कुदरत से संभव है।• आध्यात्मिक सोच: यह सोचने पर मजबूर करता है कि इस नायाब तंत्र को बनाने वाला वही है, जो हर छोटे से छोटे तत्व का…
दीमक में अल्लाह की कुदरत Highlights • दीमक की अजीब मख्लूक़: नाबीना होते हुए भी दीमक शानदार और मजबूत टावर जैसे घर बनाती है।• उल्लेखनीय ऊँचाई: दीमक के घर उनकी अपनी जसामत से हजारों गुना ऊँचे होते हैं।• मिट्टी और लुआब का उपयोग: अपने घरों को बनाने के लिए दीमक मिट्टी, लुआब, और फ़ज्ला का इस्तेमाल करती हैं।• अनूठी संरचना: इन घरों में भूल-भुलैया, नहरों के रास्ते, और हवा के बहाव का प्रबंधन होता है।• अल्लाह की कारीगरी: बीनाई से महरूम होकर भी इतनी अद्भुत निर्माण क्षमता अल्लाह की कुदरत का करिश्मा है। अल्लाह तआला ने बेशुमार मख्लूक़ पैदा फ़रमाई है। उन में एक अजीब…
काइनात की सबसे बड़ी मशीनरी Highlights • काइनात की सबसे बड़ी मशीनरी: इन्सान को अल्लाह तआला ने अजीब और बेहतरीन तरकीब से विकसित किया।• प्राकृतिक विकास: नुत्फे से खून, फिर गोश्त और हड्डियाँ, और अंततः हर अंग (नाक, कान, आँखें, दिल, दिमाग, हाथ, पैर) एक अनुशासन के साथ बनते हैं।• कुदरत का अद्भुत निजाम: यह सारा प्रक्रम एक अंधेरी कोठरी में चलता है, जहां माँ और पिता को इसका पता नहीं होता। यह अल्लाह की जबरदस्त कुदरत को दर्शाता है।• तख़्लीक़ की बधाई: "बाबरकत है वह अल्लाह की ज़ात जो बेहतरीन तख़्लीक़ करने वाली है।" इन्सान इस कायनात की सबसे बड़ी मशीनरी है, अल्लाह तआला…
च्यूंटी की दूर अन्देशी मैं अल्लाह की कुदरत Highlights • च्यूंटी की कुदरत: अल्लाह तआला ने च्यूंटी जैसी छोटी मख्लूक को भी अपनी गिजा जमा करने की विशेष हिकमत अता की है।• दूर अन्देशी: च्यूंटियाँ एक दूसरे की मदद करती हैं, गर्मी और सर्दी से बचने के लिए जरूरी वस्तुएं जमा करती हैं ताकि सुरक्षित रूप से अपने घरों में बैठकर खा सकें।• च्यूंटी की समझ: च्यूंटी को यह समझ और दूरअंदेशी कहां से मिली? यह अल्लाह की कुदरत का एक अद्भुत उदाहरण है। अल्लाह तआला की छोटी सी मख्लूक च्यूटी को देखो, कुदरत ने उस को अपनी गिजा जमा करने की कैसी हिक्मत सिखाई है, अपनी गिजा…
दाँतों की बनावट में अल्लाह की क़ुदरत दाँतों की बनावट पर गौर कीजिये के अल्लाह तआला ने ३२ टुकड़ों को कैसी हसीन व खूबसूरत लड़ी में पिरोया है और उस की जड़ों को नर्म हड्डी में किस खूबी के साथ पेवस्त किया है, यह दाँत एक तरफ जहाँ चेहरे की हुस्न व जीनत हैं। वहीं उन से हम चबाने, काटने, पीसने और तोड़ने का अहम काम भी कर लेते हैं और अल्लाह की अजीब कुदरत के उन को बत्तीस टुकड़ों में बनाया, एक ही सालिम हड्डी में उन को नहीं ढाला, वरना मुंह में बड़ी तकलीफ होती, इसी तरह अगर एक दाँत में कोई खराबी होती है,…
1. जिल हिज्जा | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा अंबर मछली में अल्लाह की क़ुदरत, अल्लाह तआला सबको दोबारा ज़िन्दा करेगा, कुर्बानी जहन्नम से हिफाजत का ज़रिया, क़ुरबानी न करने पर वईद, कयामत के दिन बदला कुबूल न होगा …
गूलर के फल में अल्लाह की कुदरत अल्लाह तआला ने दुनिया में हजारों किस्म के फल पैदा किये लेकिन गूलर के फल में अल्लाह तआला ने अपनी कुदरत का इस तरह इजहार फ़र्माया के जब गूलर का फल पक जाता है तो उसकी तोड़ने पर बोहोत से कीडे निकलते हैं, जो अपने परों के जरिये उड कर गायब हो जाते हैं। आखिर इस गूलर के फल में यह उड़ने वाले कीड़े कहाँ से आ गए? जब के उस में दाखिल होने का कोई रास्ता भी नहीं है... यकीनन अल्लाह ही ने अपनी कुदरत से गूलर के फल में च्यूटी नुमा कीड़े पैदा फरमाए हैं। 📕 अल्लाह की…
पत्तों में अल्लाह की कुदरत अल्लाह तआला ने जिस तरह इन्सानी जिस्म में खून की गरदिश के लिये रगें बनाई, इसी तरह पत्तों के अन्दर भी पानी सप्लाई करने के लिये बारीक जाल बिछा दिया। यह पौधे को पानी और गर्मी पहुँचाने का काम करते हैं। अगर यह बारीक मसामात पत्तों के ऊपर होते, तो सूरज की गर्मी से बचने के लिये पौधे से पानी को निकालते रहते जिस के नतीजे में पौधा सूख जाता। मगर अल्लाह तआला ने अपनी कूदरत से उन मसामात को पत्तों के अन्दर बना कर पौधों को सूखने से महफूज कर दिया। 📕 अल्लाह की कुदरत
ज़बान दिल की तर्जमान है : अल्लाह की कुदरत Highlights • ज़बान की नेअमत: अल्लाह तआला ने इंसान को ज़बान जैसी महत्वपूर्ण नेअमत अता की, जिसके द्वारा न सिर्फ स्वाद का एहसास होता है, बल्कि दिल की भावनाओं को भी व्यक्त किया जाता है।• दिल की तर्जमानी: दिल में उठने वाली भावनाओं को ज़बान शब्दों में बदल देती है, जो दिमाग और दिल की कड़ी मेहनत का परिणाम होती है।• कुदरत की कारीगरी: अल्लाह तआला ने दिल, दिमाग और ज़बान को इस तरह से जोड़ा है कि वे एक-दूसरे से समन्वित होकर कार्य करते हैं। अल्लाह तआला ने हम को ज़बान जैसी नेअमत अता फरमायी। उस के जरिये जहाँ…
बचाव की सलाहियत Highlights • जानवरों की सुरक्षा: अल्लाह ने हर जानवर को अपनी हिफ़ाज़त के लिए विशेष उपाय दिए हैं।• सींग का महत्व: बैल, भैंस, और बकरियों को सींग दिए गए हैं, जो उनकी रक्षा का साधन हैं।• जंगली जानवरों की रक्षा: हिरन, बारा सिंघा और गेंडे को ऐसे सींग दिए गए हैं जो उन्हें हमलावरों से बचाने में मदद करते हैं।• हिफ़ाज़त के तरीके: सभी जानवरों को अपनी रक्षा का तरीका सिखाना अल्लाह की कुदरत की बड़ी निशानी है।• अल्लाह की कुदरत: यह सुरक्षा और रक्षा के उपाय अल्लाह की महान कारीगरी और बुद्धिमत्ता को दर्शाते हैं। अल्लाह तआला ने हर…
नींद का आना जब इन्सान दिन भर काम कर के थक जाता है, तो अल्लाह तआला उस की थकान दूर करने के लिये उस पर नींद तारी कर देता है, यह नींद उस के फिक्र व ग्रम को दूर कर के ऐसा सुकून व राहत का जरिया बनती है के दुनिया की कोई चीज उस का बदल नहीं बन सकती, फिर अल्लाह तआला ने यह नेअमत अमीर व ग़रीब, आलिम व जाहिल, बादशाह व फकीर हर एक को यकसाँ अता फरमा रखी है। और इस के लिये रात का वक़्त मुतअय्यन कर दिया है। अगर इन्सान को नींद न आए तो उस का…
अल्लाह की कुदरत : समुन्दर का उतरना चढ़ना Highlights • समुंदर का पानी: किनारे की ओर चढ़ता और उतरता है, लेकिन इसकी एक तय सीमा होती है।• सीमा का उल्लंघन: यदि समुंदर अपनी सीमा पार कर ले, तो भारी जानी और माली नुक्सान हो सकता है।• पृथ्वी का संतुलन: दुनिया का तीन-चौथाई हिस्सा पानी और एक-चौथाई हिस्सा खुश्की है।• अल्लाह की कुदरत: समुंदरों को उनकी सीमाओं में रोकना अल्लाह की अद्भुत शक्ति है।• जीवन का संतुलन: यह व्यवस्था धरती पर जीवन की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करती है। समुन्दर के किनारे अगर आप जाएँ तो देखेंगे के समुन्दर का पानी किनारे की तरफ़ कभी चढ़ जाता है और कभी उतर…
MD. Salim Shaikh
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