Hasad meaning in Hindi | हसद: एक खतरनाक बिमारी Hasad meaning in Hindi : कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की खुशहाली, समृद्धि, या सफलता देखकर असंतुष्ट और दुखी महसूस करता है इसे हसद कहते है
घर में नफील नमाज़ पढ़ने की फ़ज़ीलत घर में नफील नमाज़ पढ़ने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जब तुम में से कोई मस्जिद में (फ़र्ज़) नमाज़ अदा कर ले, तो अपनी नमाज़ में से कुछ हिस्सा घर के लिए भी छोड़ दे; क्योंकि अल्लाह तआला बन्दे की (नफ़्ल) नमाज़ की वजह से उस के घर में खैर नाज़िल करता हैं।" 📕 सही मुस्लिम : ७७८, अन जाबिर (र.अ) एक और रिवायत में, रसूलअल्लाह(ﷺ) ने फरमाया – “फ़र्ज़ नमाज़ के अलावा (सुन्नत और नवाफ़िल नमाज़े) घर में पढ़ना मेरी इस मस्जिद (मस्जिद-ए-नबवी) में नमाज़ पढ़ने से भी अफ़ज़ल है।” 📕 सुनन अबू दाऊद: 1044, जैद इब्ने…
बेचैनी की दुआ | Bechaini ki Dua 4 Bechaini ki Dua ❶ Allahu Allahu Rabbi laa ushriku bihi shai'an ❷ La ilaha illa anta subhanaka innee kuntu mina-zalimeen ...
मुसाफिर को पानी न देने का अंजाम मुसाफिर को पानी न देने का अंजाम अबू हुरैरा (रज़ि) से रिवायत है की, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फरमाया - 3 तरह के लोग वो होंगे जिनकी तरफ कयामत के दिन अल्लाह तआला नज़र (नज़र-ए-रहमत) भी नहीं उठाएगा और ना उन्हें पाक करेगा, बल्कि उनके लिए दर्दनाक अज़ाब होगा। एक वो शख़्स जिसके पास रास्ते में ज़रूरत से ज़्यादा पानी हो और उसने किसी मुसाफ़िर को उसके इस्तमाल से रोक दिया। दूसरा वो शख्स जो किसी हाकीम से बैत सिर्फ दुनिया के लिए करे, कि अगर वो हाकीम उसे कुछ दे तो वो राजी रहे वरना खफा हो जाए। तीसरा वो…
ताजिया क्या है और इसकी शुरूआत | Tajiya kya hota hai? मुहर्रम क्या है ? मुहर्रम कोई त्योहार नहीं है, यह सिर्फ इस्लामी हिजरी सन् का पहला महीना है। पूरी इस्लामी दुनिया में मुहर्रम की नौ और दस तारीख को मुसलमान रोजे रखते हैं और मस्जिदों-घरों में इबादत की जाती है। क्यूंकि ये तारीख इस्लामी इतिहास कि बहुत खास तारीख है….. रहा सवाल भारत में ताजियादारी का तो यह एक शुद्ध भारतीय परंपरा है, जिसका इस्लाम से कोई ताल्लुक़ नहीं है। .. तजिया की शुरुआत बरसों पहले तैमूर लंग बादशाह ने की थी, जिसका ताल्लुक शीआ संप्रदाय से था। तब से भारत के शीआ और कुछ क्षेत्रों में हिन्दू भी ताजियों (इमाम हुसैन…
अच्छा और सच्चा दोस्त कौन ? | Best Friend Quotes in Hindi सच्चा दोस्त कौन ? हज़रत अली (रज़ि अल्लाहु अन्हु) का क़ौल है के : "जो शख्स तुम्हारा गुस्सा बर्दाश्त कर ले और साबित क़दम रहे, वही तुम्हारा सच्चा दोस्त है।" 📕 बुजुर्गों के अक़्वाल सच्चा दोस्त कैसा होता है? हज़रते उमर फ़ारूक़ (रज़ीअल्लाहु अन्हु) बड़ा ही बेहतरीन कौल है के - "जो ऐबों से आगाह करे वो सच्चा दोस्त है,मुहँ पे तारीफ करना गोया जिबह करने के बराबर है।" 📕 बुजुर्गों के अक़्वाल दोस्ती किन लोगों से की जाये ? शैख़ अब्दुल कादिर जिलानी (रहमतुल्लाह अलैह) फरमाते है के : "दोस्ती ऐसे लोगों से करो जो -नफ़्स से जिहाद पर…
Kunde ki Niyaz : कुंडे के नियाज़ की हकीकत (रजब के कुंडे) Kunde ki Niyaz: कुंडे की नियाज़ की हकीकत 22 रज्जब को बर्रे सगीर (हिन्दुस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश) में एक दिन मनाया जाता है, जिसे हम “ कुंडे की नियाज ” या “ कुंडे की ईद ” के नाम से जानते हैं। तो बेहरहाल आईये इसकी शराई हकीकत क्या है जानने की कोशिश करते हैं। दरहकीकत कुंडे के ईद की शरीयत में कोई असल या बुनियाद मौजूद नहीं है, इस तालुक से इमाम जाफर सादिक (रहमतुल्लाहि अलैहि) का वाकिया बयान किया जाता है के इन्हे मनसुब या इन्ही के इसाले सवाब के लिए नजरो नियाज इस दिन किया जाता है। आईये अब गौर करते हैं इसकी हकीकत क्या…
MD. Salim Shaikh
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