अरब के रास्तों के मुतअल्लिक़ पेशीनगोई

एक मर्तबा आप (ﷺ) ने अदी बिन हातिम (र.अ) से फर्माया : 

“ऐ अदी ! अगर तेरी उम्र लम्बी होगी तो तू देखेगा के ऊँट पर सवार अकेली औरत हिरा (जगह) से चलेगी, यहाँ तक के काबा का तवाफ करेगी। और अल्लाह के अलावा उस को किसी का डर न होगा, चुनान्चे हजरत अदी (र.अ) फर्माते हैं के मैंने वह जमाना अपनी आँखों से देखा, के एक औरत हिरा से अकेली ऊँट पर सवार हो कर आई और काबा का तवाफ भी किया: उस को अल्लाह के अलावा किसी का डर न था।”

📕 हुजूर (ﷺ) का मुअजिजा




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