✦ हज़रत अबू हुरैरह रज़िअल्लाहु अन्हु रिवायत करते हैं कि नबी सलल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया
“जो कोई भी अल्लाह और आखिरी दिन पर ईमान रखता है, वो दूसरों के साथ या तो भले तरीके से अच्छे अल्फाज़ मे बात करे, नहीं तो खामोश रहे, ! जो कोई भी अल्लाह और आखिरी दिन पर ईमान रखता है, वो अपने पड़ोसी के साथ मोहब्बत से पेश आए ! जो कोई भी अल्लाह और आखिरी दिन पर ईमान रखता है, वो अपने मेहमान की खातिर तवाज़ो किया करे.”
– (सुनन अल बुखारी, 6018 ; सहीह मुस्लिम 47)
✦ हज़रत सह्ल इब्न सा’द रज़िअल्लाहु अन्हु रिवायत करते हैं कि नबी सलल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि:
“जो इन्सान मुझसे ये वाएदा करे कि वो अपनी शर्मगाह और अपनी ज़ुबान की हिफाज़त करेगा [ यानि अश्लीलता वाले अवैध कर्म करने, और किसी को पीड़ा पहुंचाने वाली बातों को कहने से खुद को रोकेगा ] तो मै वादा करता हूँ कि रोज़ ए हश्र मैं अल्लाह से उसके लिए जन्नत की सिफारिश करूंगा˝
– (सहीह अल बुखारी)
✦ उम्मुल मोमिनीन हज़रत आइशा बिन्त सिद्दीक रज़िअल्लाहो अन्ह रिवायत करती हैं कि नबी सलल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया:
“अल्लाह की निगाह मे सबसे बदतर वो लोग हैं, जिनकी बेहूदा बातों और गन्दी ज़ुबान से खुद को बचाने के लिए लोगों ने उन से किनाराकशी इख्तियार कर ली है”
– (सहीह बुखारी बुक-73, हदीस-152)
✦ हज़रत मुआज़ रज़िअल्लाहु अन्हु. रिवायत करते हैं कि नबी सलल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया
“ अपनी जुबान को काबू मे रखा करो, ये लोगों की जुबान से निकली बुरी बातों और अपशब्दों का ही नतीजा होगा कि उन्हें नाक और मुंह के बल जहन्नुम मे फेंक दिया जाएगा !!”
– (अल तिरमिज़ी-सहीह अल -अलबानी)
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नमाज का तरीका (Namaz in Hindi)