Contents
- हदीस की अच्छी-अच्छी बातें
- संसार के विषय में | Best Islamic Quotes 1-10
- न्याय अन्याय के विषय में | Best Islamic Quotes 11-25
- मनुष्य के श्रेष्ठ आचरण के विषय में | Best Islamic Quotes 11-25
- शिष्टाचार के बारे में | Best Islamic Quotes 26-50
- Best Islamic Quotes 51-75
- Best Islamic Quotes 76-100
- Best Islamic Quotes 101-125
- Best Islamic Quotes 126-141
हदीस की अच्छी-अच्छी बातें
अल्लाह के आखरी पैगंबर मुहम्मद साहब (ﷺ) की शिक्षाओं की एक झलक हिंदी में।
संसार के विषय में | Best Islamic Quotes 1-10
1. समस्त संसार को बनाने वाला एक ही मालिक अल्लाह हैं। वह निहायत मेहरबान और रहम करने वाला है। उसी की ईबादत (पूजा) करो और उसी का हुक्म मानो।
2. मैं अल्लाह की ओर से संसार का मार्गदर्शक नियुक्त किया गया हूॅ। मार्ग दर्शन का कोई बदला तुमसे नही चाहता। मेरी बातें सुनों और मेरी आज्ञा का पालन करो।
3. अल्लाह ने इन्सान पर अनगिनत उपकार किए हैं। धरती और आकाश की सारी शक्तियॉ इन्सानों की सेवा मे लगा दी हैं। वही धरती और आकाश का मालिक हैं, वही तुम्हारा पालनहार हैं।
4. मै कोई निराला और अजनबी पैगम्बर नही हूॅं। मुझसे पहले संसार मे मार्ग दर्शन के लिए बहुत-से रसूल आ चुके हैं, अपने धर्म-ग्रन्थों में देख लो या किसी ज्ञानी व्यक्ति से मालूम कर लो। मैं पहले के पैगम्बर की शिक्षा को पुन: स्थापित करने और कपटाचारियों के बन्धन से मानव को मुक्त कराने आया हू।
5. अल्लाह (यानि अपने सच्चे मालिक ) को छोड़कर अन्य की पूजा करना सबसे बड़ा पाप और अत्याचार है।
6. अल्लाह की नाफरमानी करके तुम उसका कुछ बिगाड़ नहीं सकते। फरमाबरदार बनकर रहो, इसमें तुम्हारा अपना ही भला है।
7. अल्लाह की याद से रूह को सकून मिलता हैं, उसकी इबादत से मन का मैल दूर होता है।
8. अल्लाह की निशानियों ( दिन, रात, धरती, आकाश, पेड़-पौधे, जीव-जन्तु आदि की बनावट ) पर विचार करो। इस से अल्लाह पर ईमान मजबूत होगा और भटकने से बच जाओगे।
9. मैं इसलिए भेजा गया हू कि नैतिकता और उत्तम आचार को अंतिम शिखर तक पहुॅचा दू। मैं लोगो की कमर पकड़-पकड़कर आग में गिरने से बचा रहा हू, किन्तु लोग हैं कि आग ही की ओर लपक रहे हैं।
10. मैं दुनियावालों के लिए रहमत बनाकर भेजा गया हूॅ। तुम लोगो के लिए आसानियॉ पैदा करो; मुसीबते न पैदा करो। मॉ-बाप की सेवा करो। उनके सामने ऊॅची आवाज से न बोलो। उन्होने तुम पर बड़ा उपकार किया है, अत: तुम उनके आज्ञाकारी बनकर रहों।
न्याय अन्याय के विषय में | Best Islamic Quotes 11-25
11. मॉ-बाप यदि अन्याय का आदेश दे तो न मानों, बाकी बातों में उनकी आज्ञा का पालन करो।
12. सारे मानव एक मालिक(अल्लाह) के पैदा किए हुए है, एक मॉ-बाप ( आदम-हव्वा ) की संतान हैं। उनके बीच रंग-नस्ल जाति, भाषा, क्षेत्रीयता आदि का भेद भाव घोर अन्याय है। सारे लोग आदम की सन्तान है, उनसे प्यार करो घृणा न करो। उन्हे आशावान बनाओं निराश मत करो।
13. सत्य और न्याय की गवाही दो, चाहे तुम्हारी अपनी या अपने परिवार-जनों की ही हानि क्यो न हो। अन्याय के विरूद्ध संघर्ष करने वाला अल्लाह का प्यारा होता है।
मनुष्य के श्रेष्ठ आचरण के विषय में | Best Islamic Quotes 11-25
14. मानव में श्रेष्ठ वह हैं जो दूसरों का हमदर्द, पवित्र आचरण वाला और अपने पालनहार ( अल्लाह ) का आज्ञाकारी हैं।
15. आखिरत ( परलोक ) की यातना बड़ी कठोर हैं। वहॉ कुल-वंश, सगे-सम्बन्धी, धन-दौलत और किसी की सिफारिश कुछ काम आने वाली नहीं। अल्लाह के हुक्म का पालन और उत्तम आचरण ही (उस की यातना से) बचने का एक मात्र साधन हैं। अपने को और अपने घर वालों को नरक की अग्नि से बचाओं।
16. तुम धरती वालों पर दया करो, आकाशवाला ( अल्लाह ) तुम पर दया करेगा।
17. वह व्यक्ति सब से अच्छा हैं जो अपने घरवालों और पड़ोसियों के लिए अच्छा हैं।
18. औरतों, गुलामों और यतीमों ( अनाथों ) पर विशेष रूप से दया करो।
19. जो अपने बेटे और बेटियो के बीच भेदभाव न करे और बेटियों का ठीक से पालन-पोषण करे, वह स्वर्ग में जाएगा।
20. जो बड़ो का आदर और छोटो से प्रेम न करे वह हम में से नहीं।
21. तुम दुनयावी जिन्दगी मे मस्त होकर भूल मत जाओ, तुम सब को अपने किए हुए कर्मो का हिसाब अपने रब को देना हैं। आखिरत ( परलोक ) की सफलता ही वास्तविक सफलता हैं।
22. अल्लाह के हुक्म के मुताबिक खर्च करके स्वंय को नरक की अग्नि से बचाओं। तुम्हारे माल में तुम्हारे सम्बन्धियों, गरीबो, अनाथो का भी हक हैं। उन के हक अदा करो।
23. दूसरो का धन अवैध रूप से न खाओं। तिजारत या समझौते के द्वारा वैध रूप से धन प्राप्त करो। चीजों मे मिलावट न करो, नाप-तौल मे कमी न करो। व्यापार में धोखा न दो। जो धोखा देता हैं हम में से नही।
24. बाजार मे भाव बढ़ाने के लिए ( गल्ला आदि ) चीजों को रोककर ( जखीरा कर के ) मत रखों। ऐसा करने वाला घोर यातना का अधिकारी है।
25. पैसे को गिन-गिनकर जमा न करो और न फिजूलखर्ची करो, मध्यम मार्ग को अपनाओं।
26. दूसरों के अपराध क्षमा कर दिया करो। दूसरों के ऐब का प्रचार न करो उसे छिपाओं, तुम्हारा रब तुम्हारे ऐबो पर परदा डाल दैगा। झूठ, चुगलखोरी, झूटे आरोप ( बोहतान ) से बचो। लोगो को बुरे नाम से न पुकारो।
शिष्टाचार के बारे में | Best Islamic Quotes 26-50
27. अश्लीलता और निर्लज्जता के करीब भी न जाओ, चाहे वह खुली हो या छिपी।
28. दिखावे का काम न करो। दान छिपाकर दो। उपकार करके एहसान मत जताओ।
29. रास्ते से कष्टदायक चीजों ( कॉटे, पत्थर आदि ) को हटा दिया करो।
30. धरती पर नर्म चाल चलो, गर्व और घमण्ड न करो। जब बोलो अच्छी बात बोलो अन्यथा चुप रहो। अपने वचन और प्रतिज्ञा को पूरा करो।
31. किसी बलवान को पछाड़ देना असल बहादुरी नही, बहादुरी यह है कि आदमी गुस्से पर काबू पाए।
32. मजदूर का पसीना सूखने से पहले उसकी मजदूरी अदा करो।
33. किसी सेवक से उसकी शक्ति से अधिक काम न लो, उस के आराम का ख्याल रखो। जो खुद खाओं उसे भी खिलाओं और जो खुद पहनो उसे भी पहनाओं। जानवरों पर दया करो, उनकी शक्ति से अधिक उनसे काम न लो।
34. किसी वस्तु का आवश्यकता से अधिक प्रयोग न करो। पानी का दुरूपयोग न करो, चाहे तुम नदी के किनारे ही क्यो न हो।
35. अपने शरीर, वस्त्र और घर को पाक-साफ रखों। जब सो कर उठो तो सबसे पहले अपने दोनो हाथों को धो लो। तुम्हे पता नही कि नींद में हाथ कहॉ-कहॉ गए हैं।
36. युद्ध मे औरतो, बच्चो, बीमारों और निहत्थो पर हाथ न उठाओं। फल वाले पेड़ो को न काटो। युद्ध के बन्दियों के साथ अच्छा व्यवहार करो, उन्हें यातनाएं न दो।
37. जो कोई बुराई को देखे, तो अपनी ताकत के मुताबिक उसे रोकने की कोशिश करे, यदि रोकने की क्षमता ना हो तो दिल से उस को बुरा समझो।
38. सारे कर्मो का आधार नीयत ( इरादा ) हैं। गलत इरादे के साथ किए गए अच्छे कर्मो का भी कोई फल अल्लाह के यहॉ नही मिलेगा।
39. अपने भाई की मदद करो, चाहे वह अत्याचारी हो या नृशंसित (अत्याचार को सहन करने वाला)। नृशंसित की मदद यह है कि अत्याचारी से उसे छुड़ाया जाए और अत्याचारी की मदद यह है कि उसे अत्याचार से रोका जाए।
40. जो शख्स बिना आज्ञा अपने भाई के पत्र को देखे वह आग को देखेगा।
41. किसी भाई की ज़रूरत पूरी करने वाला ऐसा है कि गोया उस ने तमाम उम्र खुदा की ख़िदमत में बिता दी।
42. अपने किसी भाई को मुश्किल में देख कर खुश मत हो, मुम्किन है अल्लाह उसे मुश्किल से निकाल कर तुम्हें मुश्किल में डाल दे।
43. अपने मुसलमान भाई से मिलते वक़्त तुम्हारा मुस्कुरा देना भी सदका है। अच्छी बात कहना और बुराई से रोकना और भटके हुए को राह दिखाना भी सदका है।
44. मुसलमान, मुसलमान का भाई है उस पर जुल्म न करे न उसे जलील करे न हकीर समझे।
45. हलाल चीज़ों में से जो चाहो खाओ और पहनों लेकिन उस में दो चीजें न हों (1) फुजूल खर्ची (2) घमंड
46. दुनिया की कोई चीज़ तुम्हारे पास न हो, लेकिन यह चार चीजें हों तो तुम्हें कोई नुक्सान नहीं (i) बात करने का तरीका (ii) अमानत की हिफाज़त करना (iii) अच्छी आदत (iv) हलाल गिजा (आहार)।
47. जहाँ तक हो सके हर एक से नेकी करो चाहे नेक हो या बुरा।
48. किसी इंसान के दिल में ईमान और ईर्ष्या इकट्ठे नहीं रह सकते।
49. पड़ोसी का हक चारों तरफ़ 40-40 घरों तक है।
50. जो ईश्वर (अल्लाह) और कयामत पर ईमान रखता है उसे कह दो कि पड़ोसी का आदर करे।
Best Islamic Quotes 51-75
51. शिर्क (अल्लाह के साथ साझेदारी) के बाद बदतर गुनाह अल्लाह के बन्दों को तकलीफ पहुँचाना है और ईमान के बाद अफ़ज़ल तरीन नेकी अल्लाह के बन्दों को राहत पहुँचाना है।
52. वह शख़्स जो बड़ों का आदर और छोटों पर दया नहीं करता, वह मेरी उम्मत में से नहीं है।
53. पेट से बढ़ कर कोई बुरा बरतन नहीं।
54. जो शख़्स इस बात से खुश हो कि लोग उस के लिए सम्मान के तौर पर खड़े हों वह अपना ठिकाना आग में समझे।
55. ईश्वर के नज़दीक दो कतरों (बून्द) से बढ़ कर कोई क़तरा पसन्द नहीं। पहला आँसू का क़तरा जो खुदा के डर से निकले, दूसरा खून का क़तरा जो खुदा की राह में गिरे।
56. बाज़ार से बच्चों के लिए जो चीज़ लाओ पहले लड़की को दो फिर लड़के को।
57. जो ज्ञान की राह पर चलता है, अल्लाह उस के लिए स्वर्ग का रास्ता आसान कर देता है।
58. ज्ञान हासिल करना हर मुसलमाल मर्द और औरत पर फर्ज है।
59. जिस ने ज्ञान का रास्ता अपनाया उस ने स्वर्ग का रास्ता अपनाया।
60. जिस ने ज्ञान हासिल करने में मृत्यु पाई गोया वह शहीद हुआ।
61. जिहालत (अज्ञानता) ग़रीबी की बदतरीन शक्ल है।
62. जन्म से मौत (कब्र) तक ज्ञान हासिल करो।
63. हमेशा सच्ची और हक़ बात कहो अगरचे कड़वी ही हो।
64. तीन काम ऐसे हैं जो इंसान की मौत के बाद भी जारी रहते हैं। (i) सदकाए जारिया (ii) वह ज्ञान जिस से लोग फ़ायदा उठाएँ (iii) नेक संतान जो उस के लिए दुआ करे।
65. बुलंद हिम्मती ईमान की निशानी है।
66. वह शख़्स बेदीन है जिस में ईमानदारी नहीं।
67. ईमान और कंजूसी एक जगह इकट्ठे नहीं हो सकते।
68. सब्र ईमान से ऐसे मिला हुआ है जैसे सिर से जिस्म मिला हुआ है और सब्र ईमान की रौशनी है।
69. सादगी ईमान की अलामत है।
70. हया और कम बोलना ईमान की शाखें हैं।
71. बेहतरीन लोग वह हैं जो अच्छे सदाचार के मालिक हैं।
72. अपनी मेहनत की कमाई से बेहतर खाना किसी शख़्स ने कभी नहीं खाया।
73. (बुरी और फ़िज़ूल बातों से) ख़ामोशी बहुत बड़ी हिकमत (समझदारी) है।
74. समता अख्तियार करने वाला किसी का मुहताज नहीं होता।
75.कर्म नियतों के साथ हैं। हर शख़्स को उसी का बदला मिलेगा जिस की उस ने नियत की है।
Best Islamic Quotes 76-100
76. कपटाचारी की तीन निशानियाँ हैं। (i) जब बोले तो झूठ बोले। (ii) वादा करे तो पूरा न करे। (iii) अमानत ले तो ख्यानत करे।
77. हर नशे वाली चीज़ हराम है।
78. मोमिन की मिसाल खेती के पौदों की है जिसे हवा कभी झुका देती है कभी सीधा कर देती है और मुनाफ़िक की मिसाल सुनूबर के दरख्त की है जो खड़ा रहता है यहाँ तक कि एक ही दफ़ा उखड़ जाता है।
79. अल्लाह तआला ने हर बीमारी की शिफ़ा भी पैदा की है।
80. दुनिया में इस तरह रहो गोया प्रदेसी हो या राह चलने वाले।
81. वह ज़लील हुआ जिस ने माँ बाप को बुढ़ापे में पाया और उन की सेवा कर के स्वर्ग न हासिल की।
82. तुम में से बेहतर वह है जो कुरआन सीखे और दूसरों को सिखाए।
83. मय्यित (शव) के पीछे तीन चीजें चलती हैं, दो लौट आती हैं और एक रह जाती है। उस के पीछे उस के घर वाले, उस का माल और उस के कर्म चलते हैं। घर वाले और माल लौट आते हैं मगर कर्म साथ रह जाता है।
84. आदमी के झूटा होने के लिए यही काफी है कि वह सनी सुनाई बात बगैर जाँचे परखे आगे बयान कर दे।
85. दुनिया मोमिन का कैदखाना है और काफिर (नॉनमुस्लिम) के लिए जन्नत।
86. हर गुनाह की तौबा है मगर अशिष्टी की नहीं।
87. दुनिया की मुहब्बत हर ख़ता की जड़ है।
88. इंसाफ़ की बात ज़ालिम बादशाह के सामने कहना बहुत बड़ा जिहाद है।
89. रिश्वत लेने और देने वाला दोनो जहन्नमी हैं।
90. जिस शख्स ने हलाल तरीके से रोज़ी तलाश की और लोगों के सामने हाथ फैलाने से रुका अपने बच्चों की रोज़ी के लिए प्रयास किया और अपने पड़ोसी से अच्छी तरह से पेश आया तो अल्लाह तआला उस से इस शान से मुलाकात करेगा कि उस शख्स का चेहरा चौदहवीं के चाँद की तरह चमक रहा होगा।
91. नर्क में पहुँचाने वाला काम, झूठ बोलना है।
92. जो झूठ बोल बोल कर लोगों को हँसाए उस के लिए सख्त अज़ाब है।
93. अगर कोई बुरा काम देखे मगर मना न करे तो अल्लाह अज़ाब नाज़िल करेगा और सब को उस में घेर लेगा।
94. अल्लाह अत्याचारी को फुरसत देता है मगर जब पकड़ता है तो फिर नहीं छोड़ता।
95. जो मौत को याद रखे और उस की अच्छी तरह तयारी करे वह सब से ज़्यादा अकलमंद है।
96. ठोकर के बगैर कोई सब्र करने वाला नहीं बनता, तजुर्बे के बगैर कोई होशयार नहीं होता।
97. अकलमन्द वह है जो अपने अस्तित्व (नफ्स) की रक्षा करे और मौत के बाद के लिए अमल करे। निर्बल (कमज़ोर) वह है जो अस्तित्व का कहा माने और खुदा से उम्मीद रखे।
98. अल्लाह कहता है कि तीन आदमियों का कयामत के दिन मैं दुश्मन हूंगा। (i) वह जो मेरे नाम पर वादा करे और फिर तोड़ दे। (ii) जो किसी आज़ाद को बेच कर उस की कीमत खाए। (iii) जो किसी को मज़दूरी पर लगाए और काम होने पर उस को मज़दूरी न दे।
99. जो दया नहीं करता उस पर दया नहीं की जाएगी।
100. ताकतवर वह नहीं जो दूसरों को पिछाड़ दे, ताकतवर तो वह है जो गुस्से में अपने आप पर काबू रखे।
Best Islamic Quotes 101-125
101. मालदारी माल की कसरत से नहीं बल्कि मालदारी दिल की मालदारी है।
102. चुगली करने वाला जन्नत में दाखिल न होगा।
103. एक दूसरे की खुशामद न करो यह ऐसा है जैसे किसी को हलाक करना।
104. मोमिन को चाहिए अपने आप को ज़लील न करे जो काम . ताक़त से बाहर हो उस में हाथ न डाले।
105. तमाम बुरी आदतों में दो सब से बुरी हैं। (i) बहुत ज़्यादा कंजूसी, (ii) बहुत ज़्यादा कायरता।
106. जब कोई मुसलमान मेवादार दरख्त लगाता है और उस के मेवे पंछी इंसान और जानवर खाते हैं तो वह दरख्त कयामत तक के लिए उस शख्स के लिए जारी रहने वाला सदका बन जाता है।
107. बहुत ज़्यादा न हँसा करो, ज़्यादा हँसी से दिल सख्त हो जाता है।
108. हसद नेकियों को ऐसे खा जाता है जैसे आग लकड़ी को और सदका गुनाहों को ऐसे बुझा देता है जैसे पानी आग को।
109. जो आदमी खूनी रिश्तों को तोड़े वह जन्नत में दाखिल न होगा।
110. एक आदमी बात करे और वह राज़ की बात हो तो वह अमानत है।
111. ख़रीदने व बेचने में कसम खाने से बचे रहो। वह माल बिकवा देती है मगर फिर उसे मिटा देती है।
112. अल्लाह दो बातों को पसन्द करता है सब्र और समता।
113. दो आदतें मोमिन में नहीं होती कंजूसी और बुरे सदाचार।
114. मुसलमान को गाली देना पाप है और उस से जंग करना कुफ़।
115. जन्नत माँ के कदमों तले है।
116. जो धोका दे वह हम में से नहीं।
117. रोना दिल को रौशन करता है।
118. बाप जन्नत के बड़े दरवाज़ों में से है चाहो तो उसे खो दो चाहो तो सुरक्षित कर लो।
119. अल्लाह की प्रसन्नता बाप की प्रसन्नता में है और अल्लाह का गुस्सा बाप के गुस्से में है।
120. दुनिया दौलत है और दुनिया में अच्छी दौलत नेक बीवी है।
121. औरत से चार बातों कि वजह से विवाह किया जाता है। (i) माल के लिए। (ii) ख़ानदान के लिए। (iii) खूबसूरती के लिए। (iv) दीन के लिए। बेहतर है कि दीन के लिए करे।
122. मज़लूम की आह से डर कि उस के और अल्लाह के बीच कोई पर्दा (रुकावट) नहीं।
123. इंसाफ की एक घड़ी सालों की इबादत से बेहतर है।
124. शरीफ़ तबीयत के लोग औरत की इज़्ज़त करते हैं और कमीनों के सिवा औरत की तौहीन कोई नहीं करता।
125. दुनिया आख़िरत की खेती है जो बोओगे वही काटोगे।
Best Islamic Quotes 126-141
126. जुबान से अच्छी बात के सिवा कुछ न कहो।
127. जो शख़्स अपना गुस्सा निकाल लेने की ताकत रखता हो और फिर सब्र कर जाए, उस के दिल को अल्लाह सुकून और ईमान से भर देता देता है।
128. झूठी गवाही इतना बड़ा गुनाह है कि शिर्क के करीब जा पहुँचता है।
129. बदतरीन शख़्स वह है जिस के डर से लोग उस की इज्जत करें।
130. खाना खिलाना और जाने अंजाने को सलाम करना बेहतरीन इस्लाम (का अमल) है।
131. सवार पैदल को, चलने वाला बैठे को और थोड़े लोग ज़्यादा लोगों को सलाम करें।
132. मोमिन की जुबान दिल के पीछे होती है। यानी वह सोच समझ कर बोलता है।
133. जो शख़्स दूसरे को नेक काम की सलाह देता है तो उसे उसी के बराबर सवाब मिलता है जितना नेकी करने वाले को और जो किसी को बुरे काम की सलाह देता है उसे उसी के बराबर गुनाह होता है जितना बुरा काम करने वाले को।
134. ग़ल्ले (अनाज) को रोक कर बेचने वाला मलऊन (धिक्कृत) है।
135. औरतों में सब से अच्छी वह है जिसे उस का पति देखे तो खुश हो जाए।
136. सब से बड़ी नेकी अपने दोस्तों और साथियों की इज्जत करना है।
137. अल्लाह के नज़दीक बेहतरीन दोस्त वह है जो अपने दोस्त का भला चाहने वाला हो।
138. नर्म मिज़ाज और नर्म आदत वाले शख़्स पर जहन्नुम (नर्क) की आग हराम है।
139. जब तुम्हे नेकी कर के खुशी और बुराई कर के पछतावा हो तो तुम मोमिन हो।
140. जिस चीज़ का मैं ने हुक्म दिया उस पर अमल करो, जिस चीज़ से मना किया उस से रुक जाओ, तुम से पहली उम्मतें अपने नबियों से विरोध की वजह से हलाक हो गई थीं।
141. अपने माता पिता के साथ अच्छा व्यवहार करो, तुम्हारी संतान तुम्हारे साथ अच्छा व्यवहार करेगी।
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