19 Zil Hijjah | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हज़रत मौलाना जलालुद्दीन रूमी (रह.), सितारे, तकदीर पर ईमान लाना, खूशबू को रद नहीं करना चाहिए, हाजी से मुलाकात करना, मुसलमानों के क़त्ल में मदद करने की सज़ा , दुनिया से बे रग़बती पैदा करना ...
24. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हजरत इस्माईल (अ.स), मुअजिजा : अहद नामे को कीड़े के खाने की खबर देना, एक फ़र्ज़ : गुस्ल के लिए तयम्मुम करना, एक सुन्नत : खुशखबरी सुन कर दुआ पढ़ना, अहेम अमल : जुमा के दिन सूरह कहफ पढ़ना,…
28. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा इस्लामी तारीख : हजरत लूत (अ.स), एक फ़र्ज़ : कजा नमाज़ों की अदाएगी, एक सुन्नत : कब्रस्तान जाने की दुआ, अहेम अमल : तहिय्यतुल वुजू पर जन्नत का इन्आम, नमाज़ में सुस्ती करने का गुनाह ...
अशरा ज़ुल हज की फ़ज़ीलत ~ क़ुरानो सुन्नत की रौशनी में अशरा ज़ुल हज की फ़ज़ीलत क़ुरानो सुन्नत की रौशनी में ۞ बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम ۞ तमाम तारीफे है अल्लाह सुब्हानहु तआला के लिए जो तमाम जहानों को बनाने वाला और उसे पालने वाला है और दुरूदो सलाम हो उसके आखरी नबी मुह्म्मदुर्रसूलुल्लाह…
9 Muharram | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हज़रत इदरीस, अल्लाह की कुदरत : चाँद का फायदा, एक फ़र्ज़ : पाँचों नमाजें अदा करने पर बशारत, अहेम अमल : माहे मुहर्रम में रोजे का सवाब, बिला शराब पीने का गुनाह ...
9. जिल हिज्जा | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा च्यूँटी अल्लाह की कुदरत का नमूना है, एक फर्ज: नमाज के लिये मस्जिद जाना, हर नमाज के बाद तस्बीह फातिमी अदा करना, औरतों का खुशबु लगाकर बाहर निकलने का गुनाह, तिब्बे नबवी से इलाज: नजर लगने से हिफाजत, नबी (ﷺ)…
7. जिल हिज्जा | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा सीरत - इमाम नसई (रहमतुल्लाहि अलैहि), मुखतलिफ तरीके से पानी का उतरना, एक फर्ज : आप (ﷺ) की आखरी वसिय्यत, एक अहेम अमल: अरफ़ा के दिन रोजा रखना, नमाज़ दिखलावे के लिये पढ़ने का गुनाह, कुरआन की नसीहत: गवाही मत…
6 Muharram | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हज़रत आदम (अ.स) का दुनिया में आना, मुअजिजा : चाँद के दो टुकड़े होना, एक सुन्नत: मेजबान को दुआ देना, अहेम अमल : माहे मुहर्रम में रोजा रखना, यतीमों का माल खाने का गुनाह ...
29 Zil Hijjah | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा इस्लामी तारीख : टीपू सुलतान की शहादत, मेरे नजदीक शेर की एक दिन की जिंदगी गीदड़ की सौ साला जिंदगी से बेहतर है। , अल्लाह की कुदरत: हवा में आवाज़, एक फर्ज : वालिदैन के साथ अच्छा बर्ताव करना ...