26 अप्रैल 2024

आज का सबक

सिर्फ पांच मिनिट का मदरसा क़ुरआन व सुन्नत की रौशनी में
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1. इस्लामी तारीख

सफा पहाड़ पर इस्लाम की दावत

नुबुव्वत मिलने के बाद रसूलुल्लाह (ﷺ) तीन साल तक पोशीदा तौर पर दीन की दावत देते रहे, फिर अल्लाह तआला की तरफ से हुजूर (ﷺ) को खुल्लमखुल्ला इस्लाम की दावत देने का हुक्म हुआ, इस हुक्म के बाद रसूलुल्लाह (ﷺ) ने सफा पहाड़ की चोटी पर चढ़ कर मक्का के तमाम खानदान वालों को आवाज़ दी, जब सब लोग जमा हो गए, तो आपने फ़रमाया : “ऐ लोगो ! अगर मैं तुमसे यह कहूँ के इस पहाड़ के पीछे एक लश्कर आ रहा है जो अनकरीब तुम पर हमला करने वाला है, तो क्या तुम इस बात का यकीन करोगे?”

सब एक ज़बान हो कर बोले: “क्यों नहीं! आप तो सादिक और अमीन हैं।” फिर आप ने फ़र्माया: “लोगो! एक अल्लाह पर ईमान लाओ और बुतों की इबादत छोड़ दो, मैं तुम को एक सख्त अज़ाब से डराने और आगाह करने आया हूँ, जो बिल्कुल तुम्हारे सामने है।”

यह सुन कर सभी लोग सख्त नाराज हए. उनमें आपका सगा चचा अबू लहब आपके साथ सख्त कलामी से पेश आया, जिस के जवाब में अल्लाह तआला ने अबू लहब और उस की बीवी उम्मे जमील की तबाही के बारे में सूर-ए-लहब नाजिल फरमाई।

📕 इस्लामी तारीख

2. अल्लाह की कुदरत/मोजज़ा

3. एक फर्ज के बारे में

गुस्ल में पूरे बदन पर पानी बहाना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“(जिस्म) के हर बाल के नीचे नापाकी होती है,
लिहाजा तुम बालों को धोओ
और बदन को अच्छी तरह साफ करो।”

📕 तिर्मिज़ी: १०६

खुलासा: गुस्ल में पूरे बदन पर पानी पहुँचाना फर्ज है।

4. एक सुन्नत के बारे में

वुजू में चमड़े के मोज़े पर मसह करना

हज़रत अली (र.अ) फ़र्माते हैं :

“मैं ने हुजूर (ﷺ) को मोज़े के ऊपर के हिस्से पर मसह करते देखा।”

📕 अबू दाऊद : १६२

नोट: जब किसी ने बावुजू चमड़े का मोज़ा पहेना हो, फिर वुजू टूट जाए,
तो वुजू करते वक्त उन मोजों के ऊपरी हिस्से पर मसह करना जरूरी है।

5. एक अहेम अमल की फजीलत

6. एक गुनाह के बारे में

जमीन में फसाद फैलाने का गुनाह

क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है:

“बिलाशुबाह लोग जो अल्लाह से पक्का अहद करने के बाद तोड़ डालते हैं
और उन रिश्ते नातों को भी तोड़ डालते हैं जिन को अल्लाह ने जोड़े रखने का हुक़्म दिया है
और ज़मीन में फसाद फैलाते फिरते हैं,
तो ऐसे लोग बड़े ख़सारे (नुकसान उठाने) वाले हैं।”

📕 सूरह बकरह 2:27

7. दुनिया के बारे में

दुनिया की चीजें चंद रोजा हैं

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : 

“जो कुछ भी तुम को दिया गया है, वह सिर्फ चंद रोज़ा ज़िन्दगी के लिये है और वह उस की रौनक है और जो कुछ अल्लाह तआला के पास है, वह इस से कहीं बेहतर और बाकी रहने वाला है। क्या तुम लोग इतनी बात भी नहीं समझते?”

📕 सूरह कसस : ६०

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8. आख़िरत के बारे में

जन्नती अल्लाह तआला का दीदार करेंगे

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने लैलतुबद्र में चाँद को देखा और फर्माया :

“तुम लोग अपने रब को इसी तरह देखोगे जिस तरह इस चाँद को देख रहे हो, तुम उस को देखने में किसी किस्म की परेशानी महसूस नहीं करोगे।”

📕 बुखारी : ५५४

9. तिब्बे नबवी से इलाज

10. क़ुरआन व सुन्नत की नसीहत

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