27 अप्रैल 2024
आज का सबक
1. इस्लामी तारीख
हज़रत जैनब बिन्ते रसूलुल्लाह (ﷺ)
हज़रत जैनब हुजूर (ﷺ) की सब से बड़ी साहबजादी (बेटी) थीं, नुबुव्वत मिलने से तकरीबन दस साल पहले हजरत खदीजा (र.अ) से पैदा हुई, रसूलुल्लाह (ﷺ) की दावत के शुरु जमाने में ही मुसलमान हो गई।
. उन का निकाह अबुल आस बिन रबीअ से हुआ था, वह उस वक्त तक मुसलमान नही हुए थे; इसलिए हिजरत न कर सकी, गजवा-ए-बद्र में कुफ्फ़ारे मक्का के साथ अबुल आस भी कैद हुए, सब ने अपने कैदी को छुड़ाने के लिए फ़िदया भेजा, जैनब ने भी वह हार जो हजरत ख़दीजा (र.अ) का दिया हुआ था फ़िदये में भेजा, जब हुजूर (ﷺ) की नजर उस हार पर पड़ी, तो आप (ﷺ) को हजरत ख़दीजा (र.अ) की याद आ गई और आँखों से आँसू जारी हो गए, सहाबा से मशवराह किया, यह बात तय हुई के अबुल आस को बगैर फ़िदया के रिहा किया जाए, इस शर्त पर के वह मक्का पहुँचने के बाद ज़ैनब (र.अ) को मदीना भेज दें। चुनांचे वह गए और अपने छोटे भाई के साथ मदीना रवाना किया मगर कुफ्फ़ारे मक्का ने उनको रोका उस वक्त उन को ज़ख्म भी आया, आखिर कार अबुलआस ने कुफ़्फ़ार से छुपा कर उन्हें मदीना भेज दिया।
. छ: साल बाद सन ८ हिजरी में ज़ैनब (र.अ) का हिजरत वाला ज़ख्म हरा हुआ और उसी ज़ख्म की वजह से उन की शहादत हो गई।
2. अल्लाह की कुदरत/मोजज़ा
बर्फीले पहाड़ों में अल्लाह की कुदरत
बाज़ ऊंचे इलाकों और बुलंद पहाड़ों पर सर्द मौसम की वजह से बर्फ जम जाती है और पहाड़ों की चोटी बर्फ से ढक जाती है, जब के ज़मीन की सतह से बुलंद और सूरज के करीब होने की वजह से सख्त गर्मी होनी चाहिए थी और पानी भी ठंडा होने के बजाए गर्म होता, लेकिन इसके बावजूद पहाड़ों पर सख्त बर्फ जमी रहती है और सर्द माहौल रहता है।
यही नहीं, बल्के जितना ऊपर जाएँ और ज़्यादा सर्दी महसूस होगी।
इन पहाड़ों की चोटियों पर बर्फ का जमाना और सर्द माहौल का बनाना अल्लाह की कितनी अज़ीम कुदरत है। सुभानअल्लाह।
3. एक फर्ज के बारे में
सजद-ए-तिलावत अदा करना
हज़रत इब्ने उमर (र.अ) फ़र्माते हैं :
“हुजूर (ﷺ) हमारे दर्मियान सजदे वाली सूरह की तिलावत फ़र्माते, तो सजदा करते और हम लोग भी सजदा करते, हत्ता के हम में से बाज़ आदमी को अपनी पेशानी रखने की जगह नहीं मिलती।”
📕 बुखारी: १७५, अन इब्ने उमर (र.अ)
वजाहत: सजदे वाली आयत तिलावत करने के बाद, तिलावत करने वाले और सुनने वाले दोनों पर सजदा करना वाजिब है।
4. एक सुन्नत के बारे में
रुकू व सज्दे में उंगलियों को रखने का तरीका
रसूलुल्लाह (ﷺ) जब रुकू फ़र्माते तो
(हाथों की) उंगलियों को खुली रखते और जब सज्दा फरमाते, तो उंगलियाँ मिला लेते।
5. एक अहेम अमल की फजीलत
हलाल रोज़ी हासिल करना
रसुलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया:
“जिस ने हलाल रोज़ी खाई और सुन्नत के मुताबिक अमल किया और लोग उस के जुल्म से महफूज रहे, तो वह जन्नत में दाखिल होगा।”
6. एक गुनाह के बारे में
तकब्बुर का अंजाम: दिल पर मुहर लग जाती है
कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :
“जो लोग बगैर किसी दलील के अल्लाह तआला की आयात में झगड़े निकाला करते है, अल्लाह तआला और अहले ईमान के नज़दीक यह बात बड़ी काबिले नफरत है, इसी तरह अल्लाह तआला हर मुतकब्बिर सरकश के दिल पर मुहर लगा देता है।”
7. दुनिया के बारे में
रिज़्क देने वाला अल्लाह है
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है :
“ज़मीन पर चलने फिरने वाला कोई भी जानदार ऐसा नहीं के जिस की रोजी अल्लाह के ज़िम्मे न हो।”
8. आख़िरत के बारे में
कब्र का अज़ाब बरहक है
रसूलुल्लाह (ﷺ) दो कब्रों के करीब से गुजरे, आप ने फ़र्माया :
“इन दो कब्र वालों को अज़ाब हो रहा है, इन्हें किसी बड़े गुनाह की वजह से अज़ाब नहीं दिया जा रहा है, इन में से एक तो पेशाब (के छींटों) से नहीं बचता था और दूसरा चुगलखोरी किया करता था।”
📕 बुखारी: २१८. अन इब्ने अब्बास (र.अ)
वजाहत: इस हदीस से मालूम हुआ के कब्र का अज़ाब बरहक है और इन्सानों को अपने गुनाहों की सजा कब्र से ही मिलनी शुरू हो जाती है।
9. तिब्बे नबवी से इलाज
बुखार व दीगर बीमारियों से नजात
हज़रत इब्ने अब्बास (र.अ.) फ़रमाते हैं के :
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने सहाबा-ए-किराम को बुखार और दूसरी तमाम बीमारियों से नजात के लिये यह दुआ बताई:
तर्जमा : मैं अल्लाह के नाम से शुरू करता हूँ जो बहुत बड़ा है, मैं बहुत ही ज्यादा अज़मत वाले अल्लाह की पनाह माँगता हूँ, हर जोश मारने वाली रग की बुराई से और आग की गर्मी की बुराई से।
10. क़ुरआन व सुन्नत की नसीहत
आटे की छान से इलाज
आटे की छान से इलाज
۞ हदीस: हजरत उम्मे ऐमन (र.अ) आटे को छान कर
रसूलुल्लाह (ﷺ) के लिये रोटी तय्यार कर रही थीं के
आप (ﷺ) ने दरयाफ्त फ़रमाया: यह क्या है ?
उन्होंने अर्ज किया: यह हमारे मुल्क का खाना है, जो आप के लिये तय्यार कर रही हूँ।
तो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “तुम ने आटे में से जो कुछ छान कर
निकाला है उस को उसी में डाल दो और फिर गूंधो।”
फायदा : जदीद तहकीकात से मालूम हआ है के आटे की छान (भूसी) पुराने कब्ज
और ज़्याबेतीस के मरीजों के लिये बेहतरीन दवा है ।
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