26 अप्रैल 2024
आज का सबक
1. इस्लामी तारीख
वह मुबारक घर जहाँ आप (ﷺ) ने कयाम फर्माया
वह मुबारक घर जहाँ आप (ﷺ) ने कयाम फर्माया
रसूलुल्लाह (ﷺ) जब मक्का से हिजरत कर के मदीना आए, तो यहाँ के लोगों ने आप (ﷺ) का पुर जोश इस्तिकबाल किया। कुबा से मदीना तक रास्ते के दोनों जानिब सहाब-ए-किराम की मुक़द्दस जमात सफ बनाए हुए खड़ी थी।
जब आप मदीने में दाखिल हए तो हर कबीले और खान्दानवाला ख्वाहिशमन्द था और हर शख्स की दिली तमन्ना थी के हुजर की मेजबानी का शर्फ हमें नसीब हो, चुनान्चे आपकी खिदमत में ऊँटनी की नकील पकड़कर हर एक अर्ज करता के मेरा घर, मेरा माल और मेरी जान सबकुछ आपके लिये हाजिर है।
मगर आप उन्हें दूआए खैर व बरकत देते और फ़र्माते ऊँटनी को छोड़ दो, जहाँ अल्लाह का हुक्म होगा वहीं ठहरेगी, ऊँटनी चल कर हजरत अबू अय्यूब अंसारी (र.अ) के मकान के सामने रुक गई। सय्यदना अबू अय्यूब अन्सारी (र.अ) ने इन्तेहाई खुशी व मसर्रत के आलम में कजावा उठाया और अपने घर ले गए। इस तरह उन्हें रसूलुल्लाह (ﷺ) की मेजबानी का शर्फ हासिल हुआ।
आप ने सात माह तक उस मकान में क्रयाम फ़र्माया।
2. अल्लाह की कुदरत/मोजज़ा
गिजा और साँस की नालियाँ
अल्लाह तआला ने हमारे साँस लेने और खाने पीने की दो मुख्तलिफ नालियाँ बनाई हैं। खाने की नाली का ताल्लुक मेदे से है और साँस की नाली का ताल्लुक फेफड़े से है। जब इन्सान खाता है या पीता है, तो कुदरती तौर पर साँस की नाली का मुँह ढक्कन की तरह परदे से बंद हो जाता है और खाने की नाली के जरिये खाना मेदे में पहुँच जाता है।
यही खाना अगर हवा की नाली में दाखिल होकर फेफड़ों में पहुँच जाता, तो इंसान का जिंदा रहना मुश्किल हो जाता।
मगर अल्लाह तआला की कुदरत पर कुर्बान जाइये के दोनों नालियों के करीब होने के बावजूद साँस लेने और खाने पीने का हैरान कुन इंतजाम फ़र्मा दिया है।
3. एक फर्ज के बारे में
बग़ैर वुजू के नमाज़ नहीं होती
4. एक सुन्नत के बारे में
फकीरी और कुफ्र से पनाह मांगने की दुआ
रसूलुल्लाह (ﷺ) इस दुआ को पढ़ कर कुफ्र और फक्र से पनाह मांगते:
तर्जमा : ऐ अल्लाह ! मैं कुफ्र,फक्र व फाका और कब्र के अज़ाब से तेरी पनाह चाहता हूँ।
5. एक अहेम अमल की फजीलत
मुसलमान को कपड़ा पहनाने की फ़ज़ीलत
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :
“जिसने किसी मुसलमान को कपड़ा पहनाया, जब तक उस के बदन में एक धागा भी रहेगा, वह उस वक्त तक अल्लाह की हिफाजत रहेगा।”
6. एक गुनाह के बारे में
हलाल को हराम समझने का गुनाह
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है :
“ऐ ईमान वालो ! अल्लाह ने तुम्हारे लिये जो पाक व लजीज चीजें हलाल की हैं, उन को अपने ऊपर हराम न किया करो और (शरई) हुदूद से आगे मत बढो, बेशक अल्लाह तआला हद से आगे बढ़ने वालों को पसन्द नहीं करता।”
7. दुनिया के बारे में
अल्लाह ही रोजी तकसीम करता हैं
क़ुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :
“दुनियवी जिंदगी में उन की रोज़ी हम ने ही तकसीम कर रखी है और एक को दूसरे पर मर्तबा के एतबार से फज़ीलत दे रखी है ताकि एक दूसरे से काम लेता रहे।”
8. आख़िरत के बारे में
जन्नत के दरख्तों की सुरीली आवाज़
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:
“जन्नत में एक दरख्त है, जिसकी जड़ें सोने की और उनकी शाखें हीरे के जवाहरात की हैं, उस दरख्त से एक हवा चलती है, तो ऐसी सुरीली आवाज़ निकलती है, जिस से अच्छी आवाज़ सुनने वालों ने आज तक नहीं सुनी।”
9. तिब्बे नबवी से इलाज
गाय के दूध में शिफा है
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :
“गाय का दूध इस्तेमाल किया करो, क्योंकि वह हर किस्म के पौधों को चरती है (इस लिए) उसके दूध में हर बीमारी से शिफ़ा है।”
10. क़ुरआन व सुन्नत की नसीहत
गुर्दे की बीमारियों का इलाज
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया –
“पहलू के दर्द का सबब गुर्दे की नस है, जब वह हरकत करती है, तो इन्सान को तकलीफ होती है लिहाज़ा उसका इलाज गर्म पानी और शहद से करो।”
📕 मुस्तदरक हाकिम : ८२३७, अन आयशा रज़ि०
फाएदा: गुर्दे में जब पथरी वगैरह हो जाती है, तो कूल्हों में दर्द होता है, अकसर इसी दर्द ही की वजह से बीमारी का पता चलता है, उसका इलाज आप ने यह बतलाया के गर्म पानी और शहद मिला कर पियो।
और देखे :