दोज़ख़ (जहन्नम) के मुस्तहिक

रसूलुल्लाह (ﷺ) फ़रमाते हैं के :

“क्या मैं तुम्हें जहन्नमी लोगों के बारे में न बताऊँ ?
हर सख्त मिजाज, बद अख्लाक और
तकब्बुर करने वाला ( जहन्नमी है )”

📕 बुखारी : ६०७१

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