0 23 Share कयामत का मंजररसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: “अगर (आखिरत के हौलनाक अहवाल के मुतअल्लिक) तुम्हें वह सब मालूम हो जाए जो मुझे मालूम है, तो तुम्हारा हँसना बहुत कम हो जाए और रोना बहुत बढ़ जाए।” [ बुखारी : ६४८६ ] क़यामतकयामत का मंज़र 0 23 Share Install App Prev Post हुजूर (ﷺ) का एक तारीख़ी फैसला Next Post बिजली की कड़क में अल्लाह की कुदरत Leave a Reply Cancel reply