दो आदतें: दीनी मामले में अपने से बुलन्द शख्स को देखे …

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

“जो शख्स दीनी मामले में अपने से बुलन्द शख्स को देख कर उस की पैरवी करे और दुनियावी मामले में अपने से कमतर को देख कर अल्लाह तआला की अता करदा फजीलत पर उस की तारीफ करे, तो अल्लाह तआला उस को (इन दो आदतों की वजह से) सब्र करने वाला और शुक्र करने वाला लिख देता हैं।

और जो शख्स दीनी मामले में अपने से कमतर को देखे और दूनीयावी मामले में अपने से ऊपर वाले को देख कर अफसोस करे, तो अल्लाह तआला उसको साबिर व शाकिर नहीं लिखता।”

📕 तिर्मिज़ी : २५१२

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बिच्छू के जहर का इलाज

हजरत अली (र.अ) फरमाते हैं :

एक रात रसूलुल्लाह (ﷺ) नमाज़ पढ़ रहे थे के नमाज के दौरान एक बिच्छू ने आप को डंक मार दिया, रसूलुल्लाह (ﷺ) ने उस को मार डाला जब नमाज़ से फारिग हुए तो फरमाया : अल्लाह बिच्छू पर लानत करे, यह न नमाज़ी को छोड़ता है और न गैरे नमाज़ी को, फिर पानी और नमक मंगवा कर एक बर्तन में डाला और जिस उंगली पर बिच्छू ने डंक मारा था, उस पर पानी डालते और मलते रहे और सूरह फलक व सूरह नास पढ़कर उस जगह पर दम करते रहे।

📕 बैहकी फी शोअबिल ईमान : २४७१

5/5 - (4 votes)

ज़कात अदा करना

हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद (र.अ) इर्शाद फ़र्माते हैं के,

“हमें नमाज़ कायम करने का और जकात अदा करने का हुक्म है और जो शख्स जकात अदा न करे उसकी नमाज़ भी (क़बूल) नहीं।”

📕 तबरानी फिल कबीर : ९९५०

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मुसीबत के वक्त की दुआ

जब कोई मुसीबत पहुँचे या उसकी खबर आए, तो यह दुआ पढ़ेः

“इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलाही राजिऊन”

तर्जमा : हम सब (मअ माल व औलाद हकीक़त में) अल्लाह तआला ही की मिल्कियत में है और मरने के बाद) हम सब को उसी के पास लौट कर जाना है।

📕 सूर-ए-बकरह: १५६

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अल्लाह का बा बरकत निजाम

अल्लाह तआला का कितना अच्छा इन्तज़ाम है के दुनिया में जो चीजें बहुत ज़्यादा इस्तेमाल होती हैं उन को बहुत ज्यादा आम कर दिया है जसे हवापानी वगैरा; अगर हम खाए जाने वाले जानवरों में से बकरे पर गौर करें, तो हम देखेंगे के दुनिया में रोजाना लाखों की तादाद में और बकर ईद के दिनों में अरबों की तादाद में बकरे जबह किए जाते हैं, लेकिन कभी यह बात सामने नहीं आती के बकरों की नस्ल में कमी हो गई, क्यों कि अल्लाह तआला जियादा इस्तेमाल होने वाली चीज़ों में बरकत अता फरमाता हैं।

📕 अल्लाह की कुदरत

5/5 - (2 votes)
Kullu Nafsin Zaikatul Mout meaning

हर जानदार को मौत का मज़ा चखना है

हर जानदार को मौत का मज़ा चखना है

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :

हर जानदार को मौत का मज़ा चखना है और तुम को क़यामत के दिन
आमाल का पूरा पूरा बदला दिया जाएगा,

फिर जो शख्स जहन्नम की आग से बचाकर जन्नत में दाखिल कर दिया गया,
तो वह कामयाब हो गया।”

📕 सूरह आले इमरान: १८५

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दय्यूस कौन है ?

दय्यूस वोह है जो अपने घर में बेहयाई होने दे

इब्ने उमर रज़िअल्लाहु अ़न्हु से रिवायत है कि,
अल्लाह के रसूल ﷺ ने फ़रमाया:

“तीन लोगों पर अल्लाह ने जन्ऩत हराम कर दी है।
शराब से मस्त रहने वाला, मां बाप से बदसुलूकी करने वाला
और दय्यूस जो अपने घर में ख़बासत (यानी बेहयाई) पर इक़रार कर ले (यानी उसे होने दे)।”

📕 मुस्नद अहमद; रावी: इब्ने उमर
📕 स़ही़ह़ अल जामे 3052-स़ही़ह़

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Darr aur Ghabrahat ki Dua in Quran

डर और घबराहट की दुआ

डर और घबराहट की दुआ

एक शख्स ने हुज़ूर (ﷺ) से डर और वहेशत की शिकायत की तो आप (ﷺ) ने फ़रमाया: यह पढ़ो –

 فَتَعَالَى اللَّهُ الْمَلِكُ الْحَقُّ ۖ لَا إِلَٰهَ إِلَّا هُوَ رَبُّ الْعَرْشِ الْكَرِيمِ

(फ़ताआला अल्लाहु अलमालिकु अलहक़्क़ु ला इलाहा इल्ला हुवा रब्बू अलअर्शी अलक़रीमी)

तर्जमा: उस मुकद्द्स बादशाह की पाकी बयान करता हूँ जो फरिश्तों और रूह का रब है उसकी इज़्ज़त व ज़बरूत से ज़मीन व आसमान रौशन हैं।

📕 क़ुरआन 23:116, मुअजमे कबीर, लित्तबरानी: ११५६

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माँगने वाले को नरमी से जवाब देना

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : 

“माँगने वाले को नरमी से जवाब देना और उस को माफ कर देना उस सदके और ख़ैरात से बेहतर है, जिस के बाद तकलीफ पहुँचाई जाए, (याद रहे) अल्लाह तआला बड़ा बे नियाज और ग़ैरतमन्द है।”

📕 सूरह बकरा : २६३

5/5 - (3 votes)

शराबी की सज़ा

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : 

“जिस ने शराबनोशी की, अल्लाह तआला चालीस रात तक उस से खुश नहीं होगा। अगर वह (उसी हाल में) मर गया तो कुफ्र की हालत में मरेगा और अगर तौबा कर ली तो अल्लाह तआला उस की तौबा क़बूल फ़र्माएगा और अगर फिर शराब पी तो अल्लाह तआला उस को दोज़खियों का पीप पिलाएगा।”

📕 मुस्नदे अहमद : २७०५६

4.7/5 - (3 votes)

शहीद कौन कौन लोग हैं

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:

“पाँच लोग शहीद हैं। ताऊन में मरने वाला, पेट की बीमारी में मरने वाला, डूब कर मरने वाला, दीवार वग़ैरा के गिरने से मरने वाला और राहे ख़ुदा में कत्ल होने वाला।”

📕 बुखारी: ६५३ अन अबी हुरैरा (र.अ)

5/5 - (3 votes)

सिला रहमी करना

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: 

“जो लोग अल्लाह के अहद को तोड़ते हैं, उस को मजबूत कर लेने के बाद और उन तअल्लुक़ात को तोड़ते हैं, जिन के जोड़ने का अल्लाह तआला ने हुक्म दिया है और जमीन में फसाद मचाते हैं, यही लोग नुकसान उठाने वाले हैं।”

📕 सूरह बकरा : २७

फायदा: रिश्ते, नाते और तअल्लुक़ात को बरकरार (सिला रहमी करना) रखना और उस को खत्म न करना बहुत जरूरी है।

4.7/5 - (58 votes)

आखिरत के मुकाबले में दुनिया से राज़ी होने का वबाल

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :

“क्या तुम लोग आख़िरत की जिन्दगी के मुकाबले में दुनिया की ज़िन्दगी पर राजी हो गए? दुनिया का माल व मताअ तो आखिरत के मुकाबले में कुछ भी नहीं।”

(यानी मुसलमान के लिये मुनासिब नहीं है के वह दुनिया ही की जिन्दगी पर राजी हो जाए या दुनिया के थोड़ेसे साज़ व सामान की खातिर अपनी आखिरत को बरबाद कर दे।)

📕 सूरह तौबा: ३८

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सरगोशी करने का गुनाह

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :

“ऐसी सरगोशी (खुफिया मश्वरा) सिर्फ शैतान की तरफ से है जो के मुसलमानों को रंज में मुब्तला कर दे, और वह अल्लाह की मशिय्यत व इरादे के बगैर (मुसलमानों को) कुछ भी नुकसान नहीं पहुँचा सकता और मुसलमानों को अल्लाह ही पर भरोसा रखना चाहिये।”

📕 सूरह मुजादला: १०

5/5 - (4 votes)

गम के वक्त यह दुआ पढ़े

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने ग़म व मुसीबत के वक्त इस दुआ को पढ़ने के लिये फर्मायाः

إِنَّا لِلَّهِ وَإِنَّا إِلَيْهِ رَاجِعُونَ اللَّهُمَّ أْجُرْنِي فِي مُصِيبَتِي وَأَخْلِفْ لِي خَيْرًا مِنْهَا ‏

( inna Lillahi Wa inna ilaihi rajeuun , Allahumma Ajurni fi Musibati Wa Akhlifli Khairam Minha )

तर्जमा : हम सब अल्लाह की मिलकियत में हैं और उसी की तरफ जाने वाले हैं, या अल्लाह ! तू मुझे मेरी इस मुसीबत में सवाब दे और  मुझे इससे बेहतर बदला इनायत फ़र्मा।

📕 मुस्लिम २१२६

4.2/5 - (10 votes)

हमेशा सच बोलो क्योंकि सच नेकी का रास्ता बताता है

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया:

“हमेशा सच बोलो क्योंकि सच नेकी का रास्ता बताता है और सच और नेकी जन्नत में दाखिल करने वाले हैं। तुम झूट से बचो क्योंकि वह गुनाह का रास्ता बताता है और झूट और गुनाह जहन्नम में दाखिल करने वाले हैं।”

📕 तबरानी कबीर :१६२५१, अन मुआविया बिन अबी सुफियान (र.अ)

5/5 - (1 vote)

कब्र में नमाज की तमन्ना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“जब मय्यित को क़ब्र में रख दिया जाता है, तो उस को सूरज गुरूब होता हुआ दिखाई देता है, तो वह बैठ कर आँखें मलने लगता है और कहता है, मुझे नमाज पढ़ने दो।”

📕 इब्ने माजा : ४२७२, अन जाबिर (र.अ)

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माल व औलाद की मुहब्बत

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : 

“(माल व औलाद की) कसरत और (दुनिया के सामान पर) फख्र ने तुम को (अल्लाह की याद से) ग़ाफिल कर दिया है, यहाँ तक के तुम कब्रिस्तान जा पहुँचते हो, हरगिज़ ऐसा न करो, तुमको बहुत जल्द मालूम हो जाएगा।” 

📕 सूरह तकासुरः १ ता ३

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हक को झुटलाने की सज़ा

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: 

“हमने उन (कौमे आद) के लोगों को उन चीजों की कुदरत दी थी के जिन की कुदरत तुम को नहीं दी और हमने उन को कान और आँखें और दिल अता किए थे। चूँकि वह अल्लाह की आयतों का इनकार करते थे, इसलिये न उन के कान उन के कुछ काम आए, न उन की आँखें और न उन के दिल; और जिस अजाब का वह मजाक उड़ाया करते थे उसी ने उन को आ घेरा।”

📕 सूर अल-अह्काफ़: २६

5/5 - (2 votes)

मेहमान का इकराम करने की फ़ज़ीलत

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : 

“जब कभी भी कोई मुसलमान अपने मुसलमान भाई से मुलाकात के लिये जाए और मेजबान मेहमान का एजाज व इकराम करने की गर्ज से मेहमान को तकिया पेश करे तो अल्लाह तआला उस मेजबान की मग़फिरत फरमा देगा।” 

📕 तबरानी सगीर :७६२

3.6/5 - (5 votes)

वारिसीन के दर्मियान विरासत तकसीम करना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : 

“माल (विरासत) को किताबुल्लाह के मुताबिक हक़ वालों के दर्मियान  तकसीम करो।”

📕 मुस्लिम: ४१४३

फायदा : अगर किसी का इन्तेकाल हो जाए और उस ने माल छोड़ा हो, तो उस को तमाम हक वालों के दर्मियान तकसीम करना वाजिब है, बगैर किसी शरई वजह के किसी वारिस को महरूम करना या  अल्लाह तआला के बनाए हुए हिस्से से कम देना जाइज नहीं है ।

4.6/5 - (46 votes)

तुम्हारे रब ने फरमाया है के मुझ से दुआ माँगो

कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है :

तुम्हारे रब ने फरमाया है के मुझ से दुआ माँगो मैं तुम्हारी दुआ कबूल करूँगा, बिला शुबा जो लोग मेरी इबादत करने से एराज़ करते हैं, वह अन्ज़रीब ज़लील हो कर जहन्नम में दाखिल होंगे।”

📕 सूरह मोमिन ६०

3.6/5 - (7 votes)

जोड़ों के दर्द का इलाज

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:

“अंजीर खाओ ( फिर उस की अहेमियत बताते हुए इर्शाद फर्माया ) अगर मैं कहता के जन्नत से कोई फल उतरा है तो यही है, क्योंकि जन्नत के फलों में गुठली नहीं है ( और अंजीर का यही हाल है ) लिहाज़ा इसे खाओ, इस लिये के यह बवासीर को खत्म करता है और जोड़ों के दर्द में मुफीद है।”

📕 कन्जुल उम्माल: २८२७६

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दुनिया में चैन व सुकून नहीं है

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया:

“खबरदार ! दुनिया के बारे में जो कुछ मैं जानता हूँ, अगर तुम भी जानने लगो,
तो तुम्हें कभी दुनिया में चैन नसीब न हो।”

📕 मुस्तदरक हाकिम : ६६४०

5/5 - (3 votes)

गुनाहों की मगफिरत का वजीफा

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया :

“ज़मीन पर जो शख्स भी “La ilaha illallah, Wallahu Akbar, La Hawla Wala Quwwata Illa Billahil Aliyyil Azeem” पढ़ता है, तो उस के तमाम गुनाह माफ हो जाते हैं ख्वाह समन्दर के झाग के बराबर हों।”

📕 तिर्मिज़ी : ३४६०

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हर नमाज़ के लिये वुजू करना

हजरत अनस (र.अ) बयान करते हैं के,

आप (ﷺ) की आदते शरीफा थी, के बा वुजू होने के बावजूद हर नमाज के लिये ताज़ा वुजू फरमाते और हम लोग कई नमाजें एक ही वुजू से पढ़ते थे।

📕 अबू दाऊद : १७१

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च्यूंटी की दूर अन्देशी

अल्लाह तआला की छोटी सी मख्लूक च्यूटी को देखो, कुदरत ने उस को अपनी गिजा जमा करने  की कैसी हिक्मत सिखाई है, अपनी गिजा जमा करने में च्यूंटियों आपस में एक दूसरे का किस तरह तआवून करती हैं, और सब आपस में मिलकर सख्त गरमी और सख्त सरदी का स्टाक जमाकर लेती

है ताके इत्मेनान व सुकून से अपने सूराखों में बैठ कर खाया करें और बाहर न निकलना पड़े यह कैसी में दूर अन्देशी है, यह समझ च्यूटी को किस ने दी ?

📕 अल्लाह की कुदरत

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