गुनहगारों के साथ क़ब्र का सुलूक

आखिरत के बारे में | Aakhirat ke baare mein

रसलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“जब गुनहगार या काफ़िर बन्दे को दफ़्न किया जाता है, तो कब्र उससे कहती है : तेरा आना ना मुबारक हो, मेरी पीठ पर चलने वालों में तुम मुझे सब से जियादा ना पसंद थे,

जब तुम मेरे हवाले कर दिए गए और मेरे पास आ गए, तो तुम आज मेरी बद सुलूकी देखोगे, फिर कब्र उस को दबाती है और उस पर मुसल्लत हो जाती है, तो उसकी पसलियों एक दूसरे में घुस जाती हैं।”

📕 तिर्मिज़ी : २४६०, अन अबी सईद (र.अ)

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