कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है:
“जब कुरआन पढ़ा जाए, तो इसको पूरी तवज्जोह और गोर से सूना करो और खामोश रहा करो; ताकि तूम पर रहम किया जाए।”
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- कुरआन सुनने से रोकने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "यह काफिर लोग (एक दूसरे से) कहते हैं के इस कुरआन को मत सुना करो और उस के दौरान शोर मचाया करो, उम्मीद है के इस तरह तुम ग़ालिब आ जाओगे। उन काफिरों को हम सख्त अज़ाब का मज़ा चखाएँगे और यकीनन हम उनको…
- अक्लमंद लोग क़ुरआन से नसीहत हासिल करे अक्लमंद लोग क़ुरआन से नसीहत हासिल करे कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: "यह ( कुरआन ) एक बाबरकत किताब है, जिस को हम ने आप पर इस लिये नाजिल किया है के लोग उस की आयतों में गौर व फिक्र करें और अक्लमंद लोग उस से नसीहत हासिल करे। 📕…
- बिला शुबा यह कुरआन एक नसीहत है कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : “बिला शुबा यह कुरआन एक नसीहत है तो जो शख्स चाहे अपने रब तक पहुँचने का रास्ता इख्तियार कर ले और तुम अल्लाह की मर्जी के बगैर कुछ नहीं चाह सकते, अल्लाह तआला बड़े इल्म व हिकमत का मालिक है।” 📕 सूरह दहर…
- कुरआन अपने पढ़ने वालो की शफाअत करेगा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "कुरआन पढ़ा करो, क्योंकि कुरआन कयामत के रोज अपने पढ़ने वालों की शफाअत करेगा।" 📕 मुस्लिम: १८७४,अन अबी उमामा (र.अ)
- कुरआन की तिलावत करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “कुरआन शरीफ की तिलावत किया करो, इस लिए के कयामत के दिन अपने साथी (यानी पढ़ने वाले) की शफ़ाअत करेगा।” 📕 मुस्लिम: १८७४
- कुरआन का मजाक उड़ाने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "जब इन्सान के सामने हमारी आयतें पढ़ी जाती हैं, तो कहता है के यह पहले लोगों के किस्से कहानियां हैं। हरगिज़ नहीं! बल्के उन के बुरे कामों के सबब उन के दिलों पर जंग लग गया है।" 📕 सूरह मुतफ्फिफीन: १३ ता १४
- सब मिलकर अल्लाह की रस्सी को मज़बूती से… सब मिलकर अल्लाह की रस्सी को मज़बूती से पकड़ लो कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : “तुम सब मिल कर अल्लाह की रस्सी को मजबूत पकड़े रहो (यानी कुरआन करीम के बताए हए तरीके और रास्ते पर चलो) और आपस में नाइत्तेफाक्री मत करो (अगर तुम नाइत्तेफाक्री की वजह से…