नमाज़ में सुस्ती करने का गुनाह

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :

“ऐसे नमाजियों के लिए बड़ी खराबी है, जो अपनी नमाजों की तरफ़ से गफ़लत व सुस्ती बरतते हैं, जो सिर्फ रियाकारी करते हैं।”

📕 सूरह माऊन :४-६