हुजूर (ﷺ) की दुआ की बरकत
एक मर्तबा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने हज़रत अली (र.अ) को काज़ी बना कर यमन भेजा, तो हज़रत अली कहने लगे: या रसूलल्लाह! मैं तो एक नौजवान आदमी हूँ मैं उन के […]
एक मर्तबा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने हज़रत अली (र.अ) को काज़ी बना कर यमन भेजा, तो हज़रत अली कहने लगे: या रसूलल्लाह! मैं तो एक नौजवान आदमी हूँ मैं उन के […]
अल्लाह तआला ने हर छोटी बड़ी चीज को हिकमत व मसलेहत के साथ पैदा फ़र्माया है, इन्सान ऑक्सीजन के बगैर जिन्दा नहीं रह सकता, इस लिये अल्लाह तआला ने साँस […]
बारिश के आने से पहले आसमान पर तह ब तह बादल जमा होना शुरू हो जाते हैं, लेकिन अल्लाह की कुदरत का नजारा देखिये के इन बादलों में न कोई […]
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “अल्लाह तआला ही ने समुन्दर को तुम्हारे काम में लगा दिया है, ताके तुम उस में से ताज़ा गोश्त खाओ और उसमें से […]
आतिश फिशाँ वह आग है, जो ज़मीन के अन्दर की धातों को पिघला कर बाहर निकालती है, जब वह बाहर निकलती है, तो बेपनाह जानी माली नुकसान होता है, यही […]
अल्लाह तआला बादलों के जरिये इतनी बुलन्दी से बारिश बरसाता हैं के अगर वह अपनी रफ्तार में से ज़मीन पर गिरती तो जमीन में बड़े बड़े गढ़े हो जाते और […]
अल्लाह तआला ने छोटी बड़ी बेशुमार मखलूक पैदा फ़रमाई है कोई भी चीज़ कुदरत के कारखाने में निकम्मी और बेकार नहीं है। मच्छर ही पर गौर कीजिए तो उस की […]
अल्लाह तआला ने दुनिया में समन्दर, झील, ओले, बारिश और चश्मों का पानी पैदा फर्माया है, लेकिन जम जम का पानी पैदा कर के अपनी कुदरत का जबरदस्त इज़हार फर्माया है। दीगर […]
अल्लाह तआला ने जिस तरह इन्सानी जिस्म में खून की गरदिश के लिये रगें बनाई, इसी तरह पत्तों के अन्दर भी पानी सप्लाई करने के लिये बारीक जाल बिछा दिया। […]
अल्लाह तआला बादलों के जरिये बारिश नाज़िल करता है और कभी उससे बिजली पैदा करता है, जिसकी आवाज़ में बड़ी गरज और सख्त कड़क होती है। अल्लाह तआला ने इस […]
इन्सान के ख़ून में हर लम्हा ज़हरीले माददे (Toxin) की मिक़दार बढ़ती रहती है। गुर्दे उन ज़हरीले माददों को पेशाब के ज़रिये खारिज कर के बदन को साफ़ ख़ून सपलाई करते […]
अल्लाह तआला ने अपनी कुदरत से हर एक इन्सान के चेहरे पर दो कान, दो आँखें, नाक, मुँह और होंट बनाए, उस के बावजूद सब की शक्ल व रंग एक […]
दाँतों की बनावट पर गौर कीजिये के अल्लाह तआला ने ३२ टुकड़ों को कैसी हसीन व खूबसूरत लड़ी में पिरोया है और उस की जड़ों को नर्म हड्डी में किस […]
सहाब-ए-किराम फर्माते हैं के हम एक सफर में अल्लाह के रसूल के साथ चार सौ आदमी थे। हम लोगों ने ऐसी जगह पड़ाव डाला जहाँ पीने के लिये पानी नहीं […]
इन्सान के सर को देखिये अल्लाह तआला ने कैसा मुदव्वर, गोल और खूबसूरत बनाया है और उसमें पूरे जिस्म के कीमती खजाने छुपा रखे हैं, इन्सान का सर पचपन हड्डियों […]
हज़रत आयशा (र.अ) फर्माती हैं के आप (ﷺ) अंधेरे में इस तरह देखते थे, जिस तरह रौशनी और उजाले में देखते थे। 📕 बैहकी फी दलाइलिन्नुबुब्यह: २३२६
अल्लाह तआला ने मुंह में तरी को पोशीदा रखा है के खाना मुंह में रख कर चबाते वक्त वह तरी पैदा होती है और खाने के साथ मिल कर उसके […]