कयामत से हर एक डरता है
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “कोई मुकर्रब फरिश्ता, कोई आसमान, कोई ज़मीन, कोई हवा, कोई पहाड़. कोई समुन्दर ऐसा नहीं जो जुमा के दिन से न डरता हो (इस लिये के […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “कोई मुकर्रब फरिश्ता, कोई आसमान, कोई ज़मीन, कोई हवा, कोई पहाड़. कोई समुन्दर ऐसा नहीं जो जुमा के दिन से न डरता हो (इस लिये के […]
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है: “(अहले जन्नत) को सोने के कंगन पहनाए जाएंगे और सब्ज रंग के बारीक और मोटे रेशमी लिबास पहनेंगे।” 📕 सूरह कहफ़ : ३१
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “कौसर जन्नत में एक नहर है, जिस के दोनों किनारे सोने के हैं और वह मोती और याकूत पर बहती है, उस की मिट्टी मुश्क […]
कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: “मुत्तकियों से (तक़वा वालो से) जिस जन्नत का वादा किया गया है, उसकी कैफियत यह है के उसके नीचे नहरें जारी होंगी और उसका […]
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “जो लोग अपने रब से डरते रहे, वह गिरोह के गिरोह हो कर जन्नत की तरफ रवाना किए जाएंगे, यहाँ तक के जब उस […]
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है: “बेशक अहले जन्नत (ऐश व राहत के) मजे ले रहे होंगे, वह और उन की बीवियाँ सायों में मसहेरियों पर तकिये लगाए बैठे होंगे […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “हर नबी के लिये एक हौज़ होगा और अम्बिया आपस में फख्र करेंगे के किस के हौज़ पर ज़ियादा उम्मती पानी पीने के लिये आते […]
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “जो लोग कुफ्र करते हैं तो अल्लाह तआला के मुकाबले में उन का माल और उन की औलाद कुछ काम नहीं आएगी और ऐसे […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “तुम्हारे दिनों में अफजल दिन जुमा का दिन है, इसी रोज़ हज़रत आदम (अ.) को पैदा किया गया, इसी रोज़ उन का इन्तेक़ाल हुआ, इसी […]
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “परहेज़गारों के लिये (आखिरत में) अच्छा ठिकाना है, हमेशा रहने वाले बागात हैं, जिन के दरवाजे उन के लिये खुले हुए होंगे, वह […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “अगर जहन्नम के लोहे के हथौड़े से पहाड़ को मारा जाए, तो वह रेजा रेजा हो जाएगा, फिर वह पहाड़ दोबारा अपनी असली हालत पर […]
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है: “लोग आपसे पहाड़ों के बारे में सवाल करते हैं। तो आप (ﷺ) फ़र्मा दीजिये के मेरा रब उन को बिल्कुल उड़ा देगा, फिर वह […]
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “वह दिन याद करने के काबिल है, जिस दिन तमाम आदमियों को उनके नाम-ए-आमाल के साथ मैदाने हश्र में बुलाएंगे, फिर जिनका नाम-ए-आमाल उन […]
क़ुरआन में अल्लाह तआला ने फ़रमाया है – “हमने तुमको एक करीब आने वाले अज़ाब से डरा दिया है (जो उस दिन आएगा) जिस दिन आदमी अपने उन आमाल को […]
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “(जन्नती लोग) जन्नत में सलाम के अलावा कोई बेकार व बेहूदा बात नहीं सुनेंगे और जन्नत में सुबह व शाम उनको खाना (वगैरह) मिलेगा। […]
क़ुरआन में अल्लाह तआला ने इर्शाद फ़रमाया है: “जो लोग परहेज़गारी और तक़वा के पाबंद थे, अल्लाह तआला उन को कामयाबी के साथ जहन्नम से बचा लेगा, न उन को […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “अहले जन्नत के सर पर ऐसे ताज होंगे, जिन का अदना से अदना मोती भी मशरिक व मग़रिब के दर्मियान की चीज़ों को रौशन कर देगा।” […]
क़ुरआन में अल्लाह तआला फ़रमाता है : “जो शख्स क़यामत के दिन नेकी लेकर हाज़िर होगा, तो उस को उस नेकी से बेहतर बदला मिलेगा और जो शख़्स बदी ले […]
कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : “वह घर हमेशा रहने के बाग़ हैं, जिन में परहेजगार लोग दाखिल होंगे। उन बागों के नीचे दूध, शहद और पाकीज़ा शराब की […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने इरशाद फर्माया : “उस वक़्त तक क़यामत नहीं आएगी जब तक तुम्हारे अन्दर माल की इतनी कसरत न हो जाए के वह बहने लगे, यहाँ तक के […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: “जब तुम में से कोई वफात पा जाता है, तो उस को सुबह व शाम उस का ठिकाना दिखाया जाता है, अगर जन्नती हो, तो जन्नत […]
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “तुम दुनियावी जिंदगी को मुकद्दम रखते हो, हालांके ! आखिरत दुनिया से बेहतर है और बाकी रहने वाली है (इसलिए आखिरत ही की तय्यारी करो)।” 📕 […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “कब्र रोज़ाना पुकार कर कहती है, मैं तन्हाई का घर हूँ, मैं मिट्टी का घर हूँ, मैं कीड़े मकोड़े का घर हूँ।” 📕 तिर्मिज़ी : […]
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: “कब्र या तो जन्नत के बागों में से एक बाग़ है या जहन्नुम के गढ़ों में से एक गढ़ा है।” 📕 तिर्मिज़ी: २४६०
कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : जहन्नमि फरियाद करते हुए कहेंगे:“ऐ हमारे परवरदिगार! हमें इस जहन्नम से निकाल कर (दुनिया में भेज दीजिये) फिर अगर दोबारा हम ऐसे गुनाह […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जहन्नम के सात दरवाजे हैं, हर दो दरवाजों के दर्मियान का फासला एक सवार आदमी के सत्तर साल चलने के बराबर है।” 📕 मुस्तदरक : […]
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : “जो शख्स झुटलाने वाले गुमराहों में से होगा, तो खौलते हुए गरम पानी से उसकी मेहमानवाजी होगी और उसे दोजख में दाखिल किया […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “दोजख की आग की कनातों को चार दीवारों ने घेर रखा है और हर एक दीवार की चौड़ाई चालीस साल चलने के बराबर है।” 📕 […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “अगर कोई बन्दा पैदाइश के दिन से मौत आने तक अल्लाह की इताअत में चेहरे के बल गिरा पड़ा रहे तो वह भी क़यामत के […]
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है: “जिस दिन अल्लाह के दुश्मन (यानी कुफ्फार) दोज़ख की तरफ जमा (करने के मौकफ में) लाएंगे,फिर वह रोके जाएँगे (ताके बाकी आजाएँ) यहाँ तक […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : जब जन्नती जन्नत में चले जाएंगे और जहन्नमी जहन्नम में चले जाएंगे, तो अल्लाह तआला फरमाएगा: “जिस के दिल में राई के दाने के बराबर […]
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “इन्सान के क़दम कयामत के दिन अल्लाह के सामने से उस वक़्त तक नहीं हटेंगे जब तक उस से पाँच चीज़ो के बारे में सवाल न […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “कयामत सिर्फ बदतरीन लोगों पर ही आएगी।” 📕 मुस्लिम : ७४०२ फायदा: जब तक इस दुनिया में एक शख्स भी अल्लाह का नाम लेने वाला […]
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “उन जन्नतियों के बदन पर बारीक और मोटे रेशम के कपड़े होंगे और उनको चाँदी के कंगन पहनाए जाएँगे और उनका रब उनको पाकीज़ा […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जब तुम अल्लाह तआला से सवाल करो, तो जन्नतुल फिरदौस का सवाल किया करो, क्योंकि वह जन्नत का सबसे अफजल और बुलंद दर्जा है और […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “हम दुनिया में सबसे आखिर में आए हैं, लेकिन कल हश्र (यानी आखिरत में जब सब को जमा किया जाएगा) तो हम सबसे पहले जिन्दा […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: “जन्नती लोग जन्नत में बगैर दाढ़ी के सुरमा लगाए हुए तीस या तैंतीस साला नौजवान की शकल में दाखिल होंगे।” 📕 तिर्मिजी: २५४५
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया – “अदना दर्जे का जन्नती वह होगा, जिस के एक हज़ार महल होंगे, हर दो महलों के दर्मियान एक साल के बराबर चलने का फासला होगा, […]
कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता : “उस दिन बहुत से चेहरे तर व ताजा होंगे, अपने (नेक) आमाल की वजह से खुश होंगे, ऊँचे ऊँचे बागों में होंगे। वह उन […]
रसलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जब गुनहगार या काफिर बन्दे को दफन किया जाता है, तो क़ब्र उससे कहती है : तेरा आना नामुबारक हो, मेरी पीठ पर चलने वालों […]